मऊगंज जिले में धान की सरकारी खरीदी के दौरान बिहार से लाए गए अवैध धान को पुराने और फर्जी बिलों के सहारे सरकारी केंद्रों पर बेचने की कोशिश की जा रही थी। प्रशासन ने संदिग्ध ट्रक को पकड़ा है।
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पूरा मामला 24 दिसंबर की शाम का है, जब ट्रक (नंबर MP 20 HB 6439) मऊगंज की सीमा में दाखिल हुआ। शाम करीब 6 बजे यह ट्रक धान उपार्जन चौकी पर पहुंचा, लेकिन उस समय इसके पास कोई वैध दस्तावेज नहीं थे।
बिना किसी कानूनी कागज के मध्य प्रदेश की सीमा में प्रवेश करने के कारण यह वाहन शुरुआत से ही सुरक्षा घेरे और प्रशासन की नजरों में संदिग्ध बना हुआ था।
निरीक्षण के दौरान पकड़ा ट्रक
तहसीलदार शिवम गौतम और नायब तहसीलदार बुद्धसेन माझी की टीम ने ‘पटेहरा धान खरीदी केंद्र’ पर अचानक छापा मारा। हैरानी की बात यह थी कि जिस संदिग्ध ट्रक को सीमा पर देखा गया था, वह केंद्र के भीतर खड़ा पाया गया और धान उतारने की तैयारी में था।
पुराने बिलों से पकड़ी गई चोरी
जब प्रशासनिक टीम ने ट्रक चालक से जरूरी कागजात और ‘डिमांड लेटर’ मांगे, तो वह कोई भी वैध दस्तावेज नहीं दिखा सका। तलाशी के दौरान एक पुराना बिल बरामद हुआ, जिस पर 22 नवंबर 2025 की तारीख दर्ज थी।
प्रशासन का मानना है कि इसी तरह के पुराने और फर्जी बिलों का उपयोग करके अवैध धान को सरकारी खरीदी में शामिल करने का खेल खेला जा रहा था।
प्रशासन ने ट्रक को किया जब्त
वैध दस्तावेजों के अभाव और फर्जीवाड़े के पुख्ता संकेत मिलने के बाद, नायब तहसीलदार हनुमना शिवम गौतम ने ट्रक को तुरंत जब्त करने के आदेश दिए। टीम ने धान से लदे इस ट्रक को अपने कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है।
जांच का दायरा बढ़ने की उम्मीद
गुरुवार को मामले की पुष्टि करते हुए अधिकारियों ने बताया कि यह कार्रवाई तो महज एक शुरुआत है। अब इस बात की जांच की जा रही है कि इस फर्जीवाड़े में खरीदी केंद्र के कौन-कौन से कर्मचारी या बिचौलिए शामिल हैं।
प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि सरकारी खरीदी में किसी भी तरह की गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं की जाएगी और दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कदम उठाए जाएंगे।