Atal Bihari Vajpayee India vs Pakistan Cricket: भारत और पाकिस्तान के बीच लंबे समय से द्विपक्षीय क्रिकेट सीरीज नहीं हुई है. दोनों टीमें सिर्फ आईसीसी इवेंट में एक दूसरे के खिलाफ खेलती है. पिछली बार जनवरी 2013 में दोनों के बीच कोई द्विपक्षीय मुकाबला हुआ था. अब 13 साल होने वाले हैं, लेकिन इस पर कोई बात नहीं हो रही. कुछ ऐसा ही 2000 के दशक के शुरू में हो रहा था. टीम इंडिया लंबे समय से पाकिस्तान नहीं जा रही थी. 2004 में ऐसा मौका आया जब फैंस को दो कट्टर प्रतिद्वंद्वियों में द्विपक्षीय सीरीज में खेलने का मौका मिला. भारत अपनी क्रिकेट टीम को पाकिस्तान भेजने के लिए तैयार हुआ.
2004 में टूटी बर्फ की दीवार
आज (25 दिसंबर 2025) भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की 101वीं जयंती है. अटलजी के ही कार्यकाल में भारतीय टीम पाकिस्तान दौरे पर गई थी. उस समय टीम इंडिया के मैनेजर रहे रत्नाकर शेट्टी ने बताया था कि कैसे वह आइस-ब्रेकिंग टूर सिर्फ उस समय के प्राइम मिनिस्टर अटल बिहारी वाजपेयी की कोशिशों की वजह से मुमकिन हो पाया था, जिनका 93 साल की उम्र में निधन हो गया.
टीम इंडिया के पूर्व मैनेजर का खुलासा
रत्नाकर शेट्टी ने एक इंटरव्यू में बताया था, ”यह टूर सिर्फ वाजपेयी जी की वजह से हुआ. वह चाहते थे कि रिश्ते बेहतर हों और क्रिकेट इसका एक तरीका था. BCCI ने उनकी सरकार की मंजूरी के बाद टीम भेजने का फैसला किया. पाकिस्तान जाने से पहले हमें PMO से मैसेज मिला कि प्रधानमंत्री टीम से मिलना चाहते हैं. उन्होंने टीम के साथ एक घंटा बिताया और हर सदस्य से बात की.”
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पीएमओ में दिग्गजों से मिले थे अटलजी
पाकिस्तान दौरे पर गई उस भारतीय टीम में कप्तान सौरव गांगुली, सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़, वीवीएस लक्ष्मण, अनिल कुंबले और वीरेंद्र सहवाग जैसे दिग्गज खिलाड़ी थे. रत्नाकर शेट्टी ने आगे बताया, ”बगीचे में एक नेवी बैंड था जो देशभक्ति के गाने बजा रहा था. हमने उन्हें एक ऑटोग्राफ वाला बैट दिया और उन्होंने भी हमें एक बैट दिया जिस पर एक मैसेज लिखा था- खेल ही नहीं, दिल भी जीतिए, शुभकामनाएं.”
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कप्तान से पीएम ने क्या कहा था?
भारतीय टीम के पूर्व मैनेजर ने आगे बताया, ”वाजपेयी ने गांगुली से कहा था कि यह एक जरूरी टूर है और टीम मेंबर्स को जी-जान से खेलना चाहिए. जब हम निकलने वाले थे, तो उन्होंने कहा कि हमें एक और गाना सुनना चाहिए- हम होंगे कामयाब.” भारतीय टीम टेस्ट सीरीज 2-1 और वनडे सीरीज 3-2 से जीती थी. सहवाग ने मुल्तान में पहले टेस्ट में 309 रन बनाने के बाद ‘मुल्तान का सुल्तान’ निकनेम पाया. वनडे सीरीज जीतने के बाद वाजपेयी ने गांगुली को बधाई देने के लिए फोन किया था.