सिहोरा जिला आंदोलन में फिर एक नया मोड़ आ गया है। सिहोरा को जिला बनाने की मांग करने वाले आंदोलनकारियों को CM डॉ. मोहन यादव ने 26 दिसंबर को मिलने के लिए भोपाल बुलाया है। पिछले दो हफ्ते में आंदोलनकारियों की सीएम से मुलाकात तीसरी बार तय हुई है। आमरण सत्य
.
डिप्टी सीएम के बाद विधायक ने सीएम से मिलवाने को कहा
सिहोरा को जिला बनाने को मांग पिछले 27 सालों से चल रही है। बीते 3 दिसंबर से लक्ष्य जिला सिहोरा आंदोलन समिति ने बस स्टैंड के पास आमरण सत्याग्रह की शुरुआत की। इस आंदोलन में शामिल RSS के पूर्व प्रचारक प्रमोद साहू ने 6 दिसंबर को अन्न का त्याग कर दिया। 9 दिसंबर को जल का त्याग कर दिया। 10 दिसंबर को प्रमोद साहू का स्वास्थ्य बिगड़ा और वो आईसीयू में भर्ती हुए।
13 दिसंबर को सूबे के डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा जबलपुर आए। उन्होंने क्षेत्रीय विधायक संतोष बरकड़े के माध्यम से प्रमोद से फोन पर बात की। अगले मंगलवार यानी 16 दिसंबर को सीएम से मुलाकात कराने का भरोसा दिलाया। अन्न जल ग्रहण करने को रिक्वेस्ट की। डिप्टी सीएम की बात मानकर प्रमोद ने जल तो ग्रहण कर लिया लेकिन कहा कि जब तक सिहोरा जिला नहीं बन जाता अन्न ग्रहण नहीं करेंगे।
लक्ष्य जिला सिहोरा आंदोलन समिति ने बस स्टैंड के पास आमरण सत्याग्रह की शुरुआत की।
अगला मंगलवार आया, सीएम से मुलाकात नहीं हुई
अगला मंगलवार यानी 16 दिसंबर को तारीख आई, लेकिन डिप्टी सीएम के वादे के मुताबिक आंदोलनकारियों की मुलाकात सीएम से नहीं करवाई गई। आंदोलनकारियों को बताया गया कि डिप्टी सीएम के किसी करीबी के निधन के चलते ये संभव नहीं हो पाया। आंदोलनकारी अनशन पर बैठे रहे। इसके बाद 20 दिसंबर यानी रविवार के दिन आंदोलनकारियों से क्षेत्रीय विधायक ने मुलाकात की और कहा कि 23 दिसंबर यानी मंगलवार को सीएम ने आप सभी को मिलने बुलाया है।
अगले दिन यानी सोमवार को करीब 50 आंदोलनकारी अपना सामान पैक कर भोपाल जाने के इरादे से मंच पर बैठे रहे। दोपहर तक जानकारी आई कि सीएम ने मिलने का समय नहीं दिया है। विधायक ने आंदोलनकारियों से कहा सीएम से समय नहीं ले पाया। इसके बाद विधायक ने 2 दिन तक अपने दोनों नंबर स्विच ऑफ रखे। इस बात से आंदोलनकारी हताश हुए और उग्र आंदोलन को चेतावनी दी।
अब फिर सीएम ने मिलने बुलाया, 26 को करेंगे मुलाकात
सीएम से समय न मिलने के 2 दिन बाद फिर आंदोलनकारियों को बताया गया है कि सीएम ने उन्हें मिलने के लिए भोपाल बुलाया है। 26 दिसंबर को दोपहर 12 बजे मुलाकात का समय तय हुआ है। आंदोलनकारियों का कहना है कि वो सीएम के सामने सिहोरा जिला का मुद्दा दमदारी से रखेंगे। उन्होंने सिहोरा जिला लेकर ही वापस आने का संकल्प लिया है। इस वार्ता से सिहोरावासियों के अंदर निर्णायक फैसला होने की उम्मीद जागी है।

आंदोलनकारियों का धरनास्थल पर ही रात्रि विश्राम।
सैकड़ों लोग भोपाल जाएंगे
26 दिसंबर की मुलाकात के लिए सैकड़ों आंदोलनकारी आज भोपाल के लिए रवाना होंगे। सिहोरा विधायक संतोष बरकड़े ने मुख्यमंत्री से समय लिया है और विधायक होने के नाते वे स्वयं इस प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई करेंगे। वार्ता में लक्ष्य जिला सिहोरा आंदोलन समिति के सदस्य, पूर्व विधायक दिलीप दुबे, पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष प्रकाश पांडे सहित विभिन्न राजनीतिक, सामाजिक संगठनों के पदाधिकारी भी शामिल होंगे।
प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री के समक्ष सिहोरा को जिला बनाए जाने का मुद्दा पूरी दमदारी और तथ्यों के साथ रखेगा। आंदोलनकारियों का कहना है कि सिहोरा की भौगोलिक, प्रशासनिक और जनसंख्या संबंधी पात्रता पहले से ही जिला बनने के मानकों को पूरा करती है, ऐसे में अब और देरी स्वीकार नहीं की जाएगी।

आमरण सत्याग्रह पर बैठे प्रमोद साहू का स्वास्थ्य बिगड़ा और वो आईसीयू में भर्ती हुए।
पुतला दहन-सड़क जाम करना फिलहाल स्थगित
मुख्यमंत्री से वार्ता तय होने के चलते आंदोलन समिति ने फिलहाल पुतला दहन और सड़क जाम जैसे उग्र आंदोलनों को स्थगित करने का निर्णय लिया है। समिति ने स्पष्ट किया है कि वार्ता के परिणाम के आधार पर आगे की रणनीति तय की जाएगी। सिहोरा वासियों को उम्मीद है कि 26 दिसंबर की यह वार्ता निर्णायक साबित होगी और वे जिला लेकर ही लौटेंगे। पूरे क्षेत्र की निगाहें अब भोपाल में होने वाली इस अहम बैठक पर टिकी हुई हैं।