23 और 24 दिसंबर की रात भोपाल में 9.8 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया।
मध्यप्रदेश में कोहरे का असर कम हुआ है, लेकिन कड़ाके की सर्दी का दौर जारी है। इकलौते हिल स्टेशन पर पारा 4 डिग्री से नीचे पहुंच गया है। आगे ठंड और बढ़ेगी। इससे न्यू ईयर सेलिब्रेशन करने पचमढ़ी जाने वालों को ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत होगी। दूसरा सबसे ठं
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कोहरे की वजह से दिल्ली से भोपाल, उज्जैन और इंदौर आने वाली ट्रेनें डिले यानी, लेट हो रही है। पिछले एक सप्ताह से ट्रेनें 8 घंटे तक लेट है। कई जिलों में विजिबिलिटी यानी, दृश्यता काफी कम रही। इस वजह से लोगों का गाड़ियां चलाना मुश्किल रहा। आपके शहर में हालात कितने खराब हैं और अगले 3 दिन क्या होगा? जानने के लिए पढ़िए पूरी खबर।
सबसे पहले जानते हैं, आज कैसा है मौसम गुरुवार सुबह ग्वालियर, भिंड, दतिया, निवाड़ी, छतरपुर, पन्ना, सतना, रीवा, मैहर, मऊगंज, सीधी, सिंगरौली और शहडोल में कोहरा रहा। कहीं घना तो कहीं मध्यम कोहरा दर्ज किया गया। अगले 2 दिन तक कोहरे का असर तो कम रहेगा, लेकिन ठंड का असर बढ़ जाएगा। मौसम वैज्ञानिक अरुण शर्मा ने बताया कि न्यूनतम तापमान में 2 से 3 डिग्री की गिरावट आ सकती है। अगले 5 दिन तक मौसम साफ रहेगा और कहीं भी बारिश होने के आसार नहीं है।
कोहरे का सबसे ज्यादा असर ट्रेनों पर कोहरे का सबसे ज्यादा असर ट्रेनों पर पड़ रहा है। एक दर्जन से ज्यादा ट्रेनें 5 से 8 घंटा तक लेट हो रही है। इनमें मालवा एक्सप्रेस, शताब्दी, सचखंड जैसी ट्रेनें शामिल हैं।

कल्याणपुर प्रदेश का दूसरा सबसे ठंडा शहर मौसम विभाग के अनुसार, मंगलवार-बुधवार की रात पचमढ़ी में न्यूनतम तापमान 3.8 डिग्री पर पहुंच गया। सीजन में पहली बार पचमढ़ी में इतना कम तापमान रहा है। कल्याणपुर में यह 6.3 डिग्री रहा। यह प्रदेश का दूसरा सबसे ठंडा शहर रहा।
नौगांव में पारा 7 डिग्री दर्ज किया गया। राजगढ़ में 7.4 डिग्री, मलाजखंड में 7.6 डिग्री, रीवा में 8.2 डिग्री, उमरिया में 8.3 डिग्री, रायसेन, छिंदवाड़ा-मंडला में 9 डिग्री, खजुराहो में 9.2 डिग्री और टीकमगढ़ में तापमान 9.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
बुधवार की सुबह कई शहरों में घने कोहरे से राहत मिली, लेकिन इंदौर, खजुराहो, रीवा, सतना, दतिया, गुना, ग्वालियर, रतलाम, उज्जैन, मंडला, नरसिंहपुर, नौगांव में असर ज्यादा देखा गया। वहीं, ट्रेनों के डिले होने की टाइमिंग में भी कमी आई है।


हिमालयी क्षेत्र में सिस्टम, बढ़ेगी ठंड मौसम विभाग के अनुसार, 27 दिसंबर को एक वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र को प्रभावित कर सकता है। इसका असर एमपी में भी देखने को मिलेगा। सर्द हवाओं की वजह से ठंड का मिजाज और भी बढ़ सकता है। वर्तमान में भी उत्तरी हवाएं चल रही हैं। इस वजह से इंदौर, राजगढ़, शाजापुर और भोपाल में दिन भी ठंडे हैं।
जेट स्ट्रीम की रफ्तार 240 किमी प्रतिघंटा वर्तमान में जेट स्ट्रीम भी चल रही है। उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में जेट स्ट्रीम का असर है। यह जमीन से 12.6 किलोमीटर की ऊंचाई पर 240 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से बह रही है। बुधवार को इसी रफ्तार से हवा बही।
क्या होती है जेट स्ट्रीम? मौसम एक्सपर्ट की माने तो प्रदेश में ठंड बढ़ने की वजह खास वजह जेट स्ट्रीम भी है। यह जमीन से लगभग 12 किमी ऊंचाई पर चलने वाली तेज हवा है। इस बार रफ्तार 222 किमी प्रति घंटा तक पहुंच गई है। यह देश के उत्तरी हिस्से में सक्रिय है।
पहाड़ों से आने वाली बर्फीली हवा के अलावा ये ऊंची हवा सर्दी बढ़ा रही है। उत्तर के मैदानी इलाकों से जब ठंडी हवा और पहाड़ी इलाकों से बर्फीली हवा हमारे यहां आती है, तब तेज ठंड पड़ती है। यह सब उत्तर भारत में पहुंचने वाले मौसमी सिस्टम वेस्टर्न डिस्टरबेंस के कारण होता है। ऐसे में यदि जेट स्ट्रीम भी बन जाए तो सर्दी दोगुनी हो जाती है। इस बार यही हो रहा है।
लोगों के लिए यह अलर्ट….



नवंबर-दिसंबर में रिकॉर्ड तोड़ चुकी है सर्दी इस बार नवंबर के बाद दिसंबर में भी सर्दी रिकॉर्ड तोड़ चुकी है। नवंबर में भोपाल में लगातार 15 दिन तक शीतलहर चली। रिकॉर्ड के अनुसार, साल 1931 के बाद शीतलहर के यह सबसे ज्यादा दिन है। दूसरी ओर, 17 नवंबर की रात में पारा 5.2 डिग्री तक पहुंच गया, जो ओवरऑल रिकॉर्ड भी रहा।
इससे पहले 30 नवंबर 1941 में तापमान 6.1 डिग्री रहा था। इंदौर में भी पारा 6.4 डिग्री ही रहा। यहां भी सीजन की सबसे सर्द रात रही। 25 साल में पहली बार पारा इतना लुढ़का। दूसरी ओर, दिसंबर में इंदौर में पारा सबसे कम रहा। भोपाल में भी यह 5 डिग्री से नीचे पहुंच चुका है।

नवंबर में भोपाल में लगातार 15 दिन तक शीतलहर चली।
ठंड के लिए दिसंबर-जनवरी खास मौसम विभाग के अनुसार, जिस तरह मानसून के चार महीने (जून, जुलाई, अगस्त और सितंबर) में से दो महीने जुलाई-अगस्त महत्वपूर्ण रहते हैं और इन्हीं में 60 प्रतिशत या इससे अधिक बारिश हो जाती है, ठीक उसी तरह दिसंबर और जनवरी में कड़ाके की ठंड पड़ती है। इन्हीं दो महीने में प्रदेश में उत्तर भारत से सर्द हवाएं ज्यादा आती हैं।
इसलिए टेम्प्रेचर में अच्छी-खासी गिरावट आती है। सर्द हवाएं भी चलती हैं। पिछले 10 साल के आंकड़े यही ट्रेंड बताते हैं। वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) के एक्टिव होने से दिसंबर में मावठा भी गिरता है। इससे दिन में भी सर्दी का असर बढ़ जाता है।
अब जानिए दिसंबर में कैसी रहती है ठंड?
मौसम का ट्रेंड देखें तो दिसंबर में स्ट्रॉन्ग वेस्टर्न डिस्टरबेंस आते हैं। वहीं, उत्तरी हवाएं आने से दिन-रात के तापमान में गिरावट होती है। इस बार भी यही हो रहा है। शुरुआत से अब तक कई वेस्टर्न डिस्टरबेंस उत्तर भारत को प्रभावित कर चुके हैं। इस वजह से एमपी में कड़ाके की ठंड के साथ शीतलहर का असर है।
इन जिलों में सबसे ज्यादा सर्दी
- ग्वालियर, चंबल और उज्जैन संभाग के सभी जिलों में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। यहां बर्फीली हवाएं सीधे आ रही हैं। कोहरे का असर भी इन जिलों में ज्यादा देखा जा रहा है। सागर और रीवा संभाग भी प्रभावित है।
- भोपाल संभाग के सीहोर, रायसेन, राजगढ़ और विदिशा में ठंड का जोर है। राजगढ़ में पारा 4 डिग्री तक पहुंच चुका है।
- सागर संभाग के निवाड़ी, छतरपुर, टीकमगढ़-पन्ना, रीवा संभाग के मऊगंज, सीधी-सिंगरौली में तेज ठंड है।
- जबलपुर संभाग के मंडला-डिंडौरी, इंदौर संभाग के इंदौर, धार और झाबुआ में कड़ाके की ठंड पड़ रही है।
MP के 5 बड़े शहरों में दिसंबर में ऐसा ट्रेंड
भोपाल में 3.1 डिग्री रिकॉर्ड हो चुका टेम्प्रेचर भोपाल में दिन-रात ठंड और बारिश का ट्रेंड रहा है। 10 में से पिछले 5 साल से भोपाल दिसंबर में भीग रहा है। आधा से पौन इंच तक बारिश हो गई। हालांकि, इस बार अब तक बारिश नहीं हुई है। दिसंबर में ठंड की बात करें तो 11 दिसंबर 1966 की रात में पारा 3.1 डिग्री पहुंच गया था। यह अब तक का ओवरऑल रिकॉर्ड है। 3 साल पहले 2021 में पारा 3.4 डिग्री पहुंच चुका है।

इंदौर में 5 से 8 डिग्री के बीच रहा है पारा इंदौर में दिसंबर में रात का तापमान 5 से 8 डिग्री सेल्सियस के बीच रहता है। पिछले साल तापमान 8.6 डिग्री तक पहुंच गया था। 10 साल के आंकड़ों पर नजर डालें तो दिन में पारा 28 से 31 डिग्री के बीच ही रहता है। इस महीने इंदौर में बारिश भी होती है। पिछले 4 साल से बारिश हो रही है। हालांकि, इस बार अब तक बारिश नहीं हुई है।
31 दिसंबर 2015 को दिन का सर्वाधिक तापमान 33 डिग्री दर्ज किया गया था। 27 दिसंबर 1936 की रात में टेम्प्रेचर 1.1 डिग्री रहा था। सर्वाधिक कुल मासिक बारिश वर्ष 1967 को 108.5 मिमी यानी 4.2 इंच हुई थी। 24 घंटे में सर्वाधिक 53 मिमी यानी 2.1 इंच बारिश 17 दिसंबर 2009 को हुई थी।

ग्वालियर में सबसे ज्यादा सर्दी, इस बार कोहरे का असर ग्वालियर में दिन में गर्मी तो रात में ठंड रहती है। पिछले 10 साल में यहां अधिकतम तापमान 26.2 से 31.6 डिग्री तक रह चुका है। वहीं, रात में पारा 1.8 से 6.9 डिग्री दर्ज किया गया। इस बार तेज ठंड है। साथ ही घना कोहरा भी छा रहा है।
6 दिसंबर 2006 को दिन का तापमान 32.1 डिग्री सेल्सियस पहुंच चुका है। 26 दिसंबर 1961 को न्यूनतम तापमान 0.4 डिग्री पहुंचा था। वर्ष 1997 में कुल मासिक बारिश 106.6 मिमी यानी 4.1 इंच हुई थी। 24 घंटे में सर्वाधिक बारिश 13 दिसंबर 2013 को 32.1 मिमी यानी 1.2 इंच हुई थी।

जबलपुर में तेज रहता है सर्दी का असर जबलपुर में 28 दिसंबर 1960 को दिन का तापमान 33.2 डिग्री पहुंच चुका है। 28 दिसंबर 1902 की रात में तापमान 0.6 डिग्री रहा था। यह ओवरऑल रिकॉर्ड है। वर्ष 1885 में सर्वाधिक मासिक बारिश 125 मिमी यानी 4.9 इंच हुई थी। 24 घंटे में सर्वाधिक बारिश का रिकॉर्ड 68.1 मिमी यानी 2.6 इंच 16 दिसंबर 1885 का है। इस बार भी कड़ाके की ठंड का दौर है। बारिश नहीं हुई है।

उज्जैन में भी कड़ाके की ठंड उज्जैन में दिन का औसत तापमान 28.2 डिग्री और रात में 9.4 डिग्री सेल्सियस है। इस महीने औसत 4.6 मिमी बारिश होती है। पिछले पांच साल से उज्जैन में दिसंबर में बारिश हो रही है, लेकिन अबकी बार एक भी दिन बारिश नहीं हुई है। 18 दिसंबर 2002 को दिन में टेम्प्रेचर 34.9 डिग्री पहुंच चुका है। यह ओवरऑल रिकॉर्ड है। 28 दिसंबर 1968 और 29 दिसंबर 1983 को रात में पारा 0.5 डिग्री पहुंच चुका है।
वर्ष 1997 में कुल मासिक बारिश 119.4 मिमी यानी 4.7 इंच बारिश हो चुकी है। 24 घंटे में सर्वाधिक बारिश की बात करें तो 11 दिसंबर 1967 को 35.3 मिमी यानी 1.3 इंच बारिश हुई थी।
