रवींद्र जडेजा और आर अश्विन, स्पिनर्स की ऐसी भारतीय जोड़ी जिसकी तूती दुनियाभर में बोली. फॉर्मेट कोई भी हो दोनों गेंदबाजों ने विरोधी टीमों को मशक्कत करने पर मजबूर कर दिया. लेकिन कुछ ऐसे टैलेंटेड गेंदबाज हैं जो इनकी चकाचौंध में फीके पड़े और इनमें से एक नाम उस गेंदबाज का भी है जिसके नाम वनडे में 8 विकेट लेने का करिश्माई रिकॉर्ड दर्ज है. महज 2 टेस्ट मैच में ही इस गेंदबाज का करियर खत्म हो गया, लेकिन फैंस इस बात से अनजान हैं कि आखिर क्यों इस बॉलर को टीम इंडिया से सिर्फ इग्नोर किया गया, इसके बारे में हम आपको डिटेल में बताएंगे.
2024 में लिया संन्यास
साल 2024 में शाहबाज नदीम ने इंटरनेशनल क्रिकेट और डोमेस्टिक से संन्यास का ऐलान कर दिया था. उन्होंने महज 34 साल की उम्र में संन्यास ले लिया था. टेस्ट डेब्यू विराट कोहली की कप्तानी में साल 2019 में हुआ था, जिसमें 4 विकेट झटके थे. इसके बाद भी उन्हें दूसरे मुकाबले के लिए 2 साल का इंतजार करना पड़ा और 2021 में दूसरे टेस्ट में भी 4 विकेट अपने नाम किए. लेकिन शायद ही किसी को अंदाजा होगा कि यह उनके करियर का आखिरी मुकाबला साबित होगा.
8 विकेट का प्रचंड रिकॉर्ड
शाहबाज नदीम तब चर्चा में आए थे जब उन्होंने साल 2018-19 सीजन में विजय हजारे ट्रॉफी के एक मैच में अपनी गेंदबाजी से विश्वभर में तहलका मचा दिया था. उन्होंने राजस्थान की 50 ओवर की पारी महज 2 घंटों में ही खत्म कर दी थी. झारखंड के शाहबाज ने एक ही मैच में 8 विकेट लेने का प्रचंड रिकॉर्ड बनाया. इस मैच में उन्होंने महज 10 रन खर्च किए थे. उन्होंने दिग्गज राहुल संघवी का रिकॉर्ड तोड़ा था जिन्होंने 1997/98 ट्रॉफी में एक पारी में 8 विकेट का रिकॉर्ड कायम किया था.
7 साल खेला आईपीएल
शाहबाज नदीम ने 2011 से 2018 तक दिल्ली डेयरडेविल्स और 2019 से 2021 तक सनराइजर्स हैदराबाद के लिए आईपीएल खेला, जिसमें उन्होंने 48 विकेट लिए. साल 2022 सीजन में उनके आईपीएल करियर पर भी खतरे के बादल छा गए जब लखनऊ की टीम ने उन्हें खरीदा लेकिन एक भी मैच नहीं खेलने का मौका दिया. जडेजा और अश्विन जैसे घातक गेंदबाज उनके 8 विकेट के रिकॉर्ड को वनडे में छू नहीं पाए.
फर्स्ट क्लास क्रिकेट में शानदार आंकड़े
आज झारखंड का नाम घरेलू क्रिकेट में ईशान किशन और कुछ धमाकेदार प्लेयर्स के नाम पर चलता है, लेकिन एक समय नदीम इस टीम के हीरो थे. 8 विकेट के रिकॉर्ड के बाद ही वह सुर्खियों में आए और उन्हें टीम इंडिया में मौका मिला था. वह 2015-16 (51) और 2016-17 (55) में रणजी ट्रॉफी में सबसे अधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज थे. उन्होंने फर्स्ट क्लास क्रिकेट में 542 विकेट झटके हैं, लेकिन इन शानदार आंकड़ों के बाद भी उनके मन में टीम इंडिया के लिए खेलने की टीस रही. 2018-19 में वह विजय हजारे के टॉप विकेट टेकर रहे थे.
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2 मैच में क्यों खत्म हुआ करियर?
अब इन आंकड़ों के बाद सवाल आता है कि आखिर क्यों उनका करियर महज 2 टेस्ट मैच में ही खत्म हो गया जबकि वह उच्च स्तर के स्पिनर थे. दरअसल, नदीम के डेब्यू के दौरान जडेजा और अश्विन ने टेस्ट टीम में पैर जमा रखा था. अश्विन और जडेजा ने न सिर्फ बतौर गेंदबाज बल्कि बैटिंग में भी कई बार अपने दम पर मैच जिताए. बल्लेबाजी में गहराई के चलते उन्हें प्राथमिकता दी गई. कुछ ऐसा ही मौजूदा समय में टीम इंडिया के स्टार स्पिनर कुलदीप यादव के साथ टेस्ट में हो रहा है. अक्षर पटेल की एंट्री भी नदीम पर भारी पड़ी. मौजूदा समय में किसी टेस्ट मैच में कुलदीप से पहले बैटिंग ऑलराउंडर को टीम में तरजीह दी जाती है.