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- No Action On BJP Leaders’ Protest, FIR Filed For Violation Of Corona Guideline On Petty Traders And Mau Lavis
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रीवा14 मिनट पहले
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रीवा एसपी को ज्ञापन देती कांग्रेस नेत्री कविता पाण्डेय।
- महिला कांग्रेस की कार्यवाहक प्रदेशाध्यक्ष खफा, मुकदमा वापस लेने एसपी राकेश सिंह को दिया ज्ञापन
कोरोना आपदा में गाइडलाइन का पालन करा रही रीवा पुलिस पर दोहरा रवैया अपनाने का आरोप लगा है। महिला कांग्रेस की कार्यवाहक प्रदेशाध्यक्ष कविता पाण्डेय ने आरोप लगाते हुए कहा है कि एक तरफ भाजपा नेता धरना देते है तो कोई कार्रवाई नहीं होती है। वहीं आम जनता व छोटे व्यापारी रोजी रोटी के लिए निकलते है तो जुर्माना कर दिया जाता है।
यहां तक की ईद के मौके पर मौलवियों और नमाजियों के खिलाफ कोरोना गाइड लाइन के उल्लंघन की एफआईआर तक दर्ज कर ली गई। जो कि द्वेषपूर्ण कार्रवाई प्रतीत होती है। ऐसे में एसपी राकेश सिंह को महिला कांग्रेस की कार्यवाहक प्रदेशाध्यक्ष कविता पाण्डेय और जिला अल्पसंख्यक विभाग के अध्यक्ष रफीक अंसारी ने ज्ञापन सौंपकर मुकदमा वापस लेने की मांग उठाई है।

ये है वह ज्ञापन जो एसपी को दिया गया।
क्या लिखा ज्ञापन में
ज्ञापन में बताया कि कोरोना आपदा में धारा 144 लागू कर पूरे जिले को लॉकडाउन किया गया था। जहां शादी विवाह, धरना प्रदर्शन, राजनीतिक कार्यक्रम आदि प्रतिबंधित थे। ऐसे में पुलिस और प्रशासन के अधिकारी सड़कों पर डटे रहे। वहीं कांग्रेस पार्टी नियमों का पालन करने के लिए घरों में कैद रही। कई जगह विसंगति पूर्ण कार्यवाहियों के बाद भी हम चुप रहे। जबकि जिले में दो प्रकार के काननू चलते रहे। एक तरह भाजपा वाले नियम तोड़ते रहे तो कुछ नहीं हुआ। वहीं दूसरी तरफ किसानों, आमजनों व व्यापरियों पर लगातार डंडे बरसते रहे।
प्रभारी मंत्री व सांसद पर दर्ज हो मामला
इसी तरह 14 मई को ईद के पर्व पर कानून का उल्लंघन करने वाले शहर की 5 मस्जिदों के मौलवियों व अन्य के विरुद्ध मामला दर्ज किया गया है। यदि काननू सबके लिए एक है तो कानून का पालन करते हुए नियम विरुद्ध करहिया सब्जी मंडी में हुई रीवा विधायक की उपस्थिति में बैठक पर भी संज्ञान लेकर उपस्थित सभी लोगों के विरुद्ध मामला दर्ज किया जाय। वहीं 5 मई को प्रभारी मंत्री व सांसद की उपस्थित में दिए गए धरने पर अभी तक मामला दर्ज नहीं किया गया। यदि कानून सबके लिए एक है तो अविलम्ब धरना देने वाले सभी जनप्रतिनिधियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया जाए। अगर इनके उपर मुकदमा दर्ज नहीं हो रहा है तो जिनके उपर दर्ज है उनके भी मुकदमें वापस लिए जाएं।