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- For Three Months, No Salary Was Received And No Money Was Spent, I Am Spending Rs 340 Everyday.
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इंदौर2 मिनट पहलेलेखक: अभिषेक दुबे
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प्रीतमलाल दुआ सभागृह में कलेक्टर सर ने मीटिंग ली थी। समस्या बताई तो कलेक्टर से आश्वासन मिला, लेकिन पूरा अब तक नहीं हुआ।
- ये कैसी व्यवस्था ? राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत शहर के 425 वैक्सीनेशन सेंटरों पर 500 स्टूडेंट की लगाई है ड्यूटी
- मानदेय कितना? सरकारी नुमाइंदे ही अनजान… आदेश 500 रु. रोज देने का, सीएमएचओ ने 100 रु. देने का बोला, लेकिन अब तक मिला कुछ भी नहीं
शहर में 425 वैक्सीन सेंटरों में नर्सिंग थर्ड ईयर और फाइनल ईयर के 500 स्टूडेंट तीन माह से ड्यूटी कर रहे हैं, लेकिन अब तक इन्हें न तो कोई मानदेय दिया गया और न सेंटरों तक आने-जाने का खर्च और न कोई सुविधा दी जा रही है। इनमें कई स्टूडेंट तो बाहर से आकर किराए से रह रहे हैं। रोज के 340 रुपए अपने खाने, सेंटर तक आने-जाने और रहने पर खुद खर्च कर रहे हैं। कई हालत तो यह है कि उनके घर से पैसा नहीं आते तो खर्च मुश्किल हो जाता है।
इस कारण वे वैक्सीन सेंटर तक 5-5 किमी पैदल आते-जाते हैं। वैक्सीन सेंटर पर भी इन्हें 8 घंटे की ड्यूटी के दौरान नाश्ता तो दूर पानी तक पीने के लिए नहीं मिलता। खुद अपनी बॉटल लेकर जाते हैं। यदि खत्म हो जाए तो प्यासे ही रहना पड़ता है।
जबकि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की संचालक छवि भरद्वाज ने 28 जनवरी 2021 को एक आदेश जारी करते हुए कहा था कि टीकाकरण में ड्यूटी कर रहे हर व्यक्ति के आने-जाने, खाने-पीने और रहने की सुविधा के साथ ही उन्हें 500 रुपए प्रतिदिन मान देय दिया जाएगा। वहीं शिकायत करने पर कलेक्टर 200 रुपए मानदेय तो सीएमएचओ 100 रुपए प्रतिदिन देने की बात कही, लेकिन अब तक उन्हें मिला कुछ नहीं।
समस्या बताई तो कलेक्टर से आश्वासन मिला, लेकिन पूरा अब तक नहीं हुआ
नर्सिंग कॉलेज एसोसिएशन के सुनील पंड्या ने बताया कि 5 अप्रैल को प्रीतमलाल दुआ सभागृह में कलेक्टर सर ने मीटिंग ली थी। स्टूडेंट ने उन्हें भी अपनी समस्या बताई थी। उन्होंने आश्वासन दिया कि जो बच्चे वैक्सीनेटर हैं उन्हें 500 रुपए और जो असिस्टेंट वैक्सीनेटर के रूप में काम कर रहे हैं उन्हें जनभागीदारी से 200 रुपए दिलाएंगे।
5 किमी पैदल चलकर सेंटर तक जाते हैं, खर्च चलाना भी हो रहा है मुश्किल
वैक्सीन सेंटर पर सेवा दे रही नर्सिंग स्टूडेंट रितिका मालवीय, हर्षिता अग्रवाल और पूजा अहमद ने बताया कि हम 18 मार्च से रोजाना ड्यूटी पर आ रहे हैं। शुरुआत के 4 से 5 दिन तो हमें सभी सुविधाएं दी गईं। इसके बाद बंद हो गई। हम लोग यहां बाहर से आकर किराए से रह रहे हैं। खर्च चलाना भी मुश्किल हो रहा है। वर्षा चौहान ने बताया कि हम रोज 5 किमी पैदल चलकर सेंटर पर पहुंच रहे हैं। हम लोग तो राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कार्यक्रम के सहायक वीपी चौधरी सर के कहने पर ड्यूटी कर रहे हैं। जब हमने उनसे पूछा की हमें इस काम के पैसे दिए जाएंगे या नहीं तब उन्होंने कहा कि शासन जैसा आदेश करेगा वैसा काम होगा।
स्टूडेंट की शिकायत सही है, सुविधाओं के बारे सीएमएचओ ही बता सकते हैं
नर्सिंग स्टूडेंट की शिकायत सही है। उन्हें बहुत मुश्किल हालात में सेंटर पर ड्यूटी देना पड़ रही है। मेरा काम उन्हें सिर्फ सेंटर से जोन पर लाने और ले जाने का है। इन्हें क्या सुविधाएं मिलना चाहिए, सीएमएचओ ही बता सकते हैं।
– वीपी चौधरी, सहायक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कार्यक्रम
समस्या तो आ रही है, शासन की ओर से सुविधा उपलब्ध कराएंगे
कई सेंटर से इस तरह की समस्या तो आ रही है। लॉकडाउन के कारण बहुत सारी व्यवस्थाओं में कमी हो सकती है, लेकिन शासन की तरफ से इन्हें सुविधाएं उपलब्ध कराने की कोशिश की जा रही है।
– डॉ. अमित मालाकार, कोविड नोडल अधिकारी
सीधी बात- बीएस सेत्या, सीएचएमओ
कितने नर्सिंग स्टूडेंट को ड्यूटी पर लगाया है?
– 425 सेंटर पर वैक्सीन प्रोग्राम चल रहा है। वहां पर ड्यूटी लगाई है।
इन्हें क्या क्या सुविधाएं दी जा रही है? – सरकार की जो भी गाइडलाइन रहेगी, उस हिसाब से 100 रुपए इन स्टूडेंट के अकाउंट में दिए जाएंगे।
क्या विभाग ने अकाउंट में पैसा ट्रांसफर करना शुरू कर दिया? – अभी नहीं। इनके पहले से जो ड्यूटी कर रही हैं अभी उनको भी नहीं दिए हैं। सबको इकट्ठा पैसा दिया जाएगा।
कब तक पैसा दिया जाएगा, स्टूडेंट्स को खर्च चलाना मुश्किल हो रहा है? अभी कुछ कह नहीं सकते। हमारे पास जो भी पैसा आएगा हम उनके अकाउंट में ट्रांसफर कर देंगे।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के आदेश के अनुसार इन्हें खाने पीने और आने जाने की सुविधा देना है? एएनएम को तो दी जा रही है। कलेक्टर सर ने इन्हें भी देने का बोला है, शायद रेडक्रॉस से दिया जाएगा।