इस कार कंपनी ने ट्रेन से डिलिवर कर दीं 5 लाख गाड़ियां, बना दिया रिकॉर्ड !

इस कार कंपनी ने ट्रेन से डिलिवर कर दीं 5 लाख गाड़ियां, बना दिया रिकॉर्ड !


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मारुति सुजुकी ने FY 2024-25 में भारतीय रेलवे से 5.18 लाख से ज्यादा कारें डिलिवर कीं, जिससे 1.8 लाख टन CO₂ उत्सर्जन कम हुआ. कंपनी का लक्ष्य FY 2030-31 तक रेलवे डिस्पैच 35% बढ़ाना है.

हाइलाइट्स

  • मारुति सुजुकी ने FY 2024-25 में 5.18 लाख कारें ट्रेन से डिलिवर कीं.
  • कंपनी ने 1.8 लाख टन CO₂ उत्सर्जन कम किया.
  • FY 2030-31 तक रेलवे डिस्पैच 35% बढ़ाने का लक्ष्य.

नई दिल्ली. ग्रीन लॉजिस्टिक्स की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड ने FY 2024-25 में भारतीय रेलवे के माध्यम से 5.18 लाख से ज्यादा कारें डिलिवर करके एक नया रिकॉर्ड सेट कर दिया है. FY 2024-25 में टोटल व्हीकल डिस्पैच का लगभग 25% अकेले मारुति ने ही किया है.

1.8 लाख टन CO₂ एमिशन कम हुआ
रेल नेटवर्क का उपयोग करके, मारुति सुजुकी ने 1.8 लाख टन से अधिक कार्बन डाइऑक्साइड समकक्ष (CO₂e) उत्सर्जन से बचा और 63 मिलियन लीटर से अधिक ईंधन की बचत की. कंपनी वर्तमान में 20 से अधिक लॉजिस्टिक्स हब के माध्यम से भारत के 600 से अधिक शहरों तक रेल परिवहन का उपयोग करती है. मुंद्रा और पिपावाव जैसे बंदरगाहों के माध्यम से निर्यात संचालन भी रेलवे कनेक्टिविटी द्वारा समर्थित हैं, जो कंपनी की पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने की रणनीति को मजबूत करता है.

रेलवे लॉजिस्टिक्स
मारुति सुजुकी ने रेलवे लॉजिस्टिक्स को अपनाने में अग्रणी भूमिका निभाई है, 2013 में ऑटोमोबाइल-फ्रेट-ट्रेन-ऑपरेटर (AFTO) लाइसेंस प्राप्त करने वाली पहली भारतीय ऑटोमोबाइल कंपनी बन गई. तब से, कंपनी ने रेलवे के माध्यम से लगभग 24 लाख वाहन भेजे हैं, जो FY 2014-15 से आठ गुना वृद्धि है. 2024 में, कंपनी ने एक और महत्वपूर्ण मील का पत्थर हासिल किया जब भारत के माननीय प्रधानमंत्री ने मारुति सुजुकी के गुजरात निर्माण सुविधा में भारत के पहले इन-प्लांट रेलवे साइडिंग का उद्घाटन किया. वर्तमान में, कंपनी 40 से अधिक फ्लेक्सी-डेक रेक्स संचालित करती है, जिनमें से प्रत्येक प्रति यात्रा लगभग 300 वाहन ले जाने में सक्षम है.

35% तक बढ़ेगा डिस्पैच
प्रबंध निदेशक और सीईओ हिसाशी ताकेउची ने पर्यावरणीय स्थिरता के प्रति कंपनी की प्रतिबद्धता को दोहराया, यह कहते हुए कि कार्बन उत्सर्जन को कम करना एक प्रमुख प्राथमिकता है. उन्होंने कंपनी की भविष्य की महत्वाकांक्षा का भी खुलासा किया—FY 2030-31 तक रेलवे के माध्यम से वाहन डिस्पैच का हिस्सा 35% तक बढ़ाने का लक्ष्य.लॉजिस्टिक्स उत्सर्जन डेटा अब वैश्विक रूप से मान्यता प्राप्त GLEC (ग्लोबल लॉजिस्टिक्स एमिशन काउंसिल) फ्रेमवर्क का उपयोग करके रिपोर्ट किया जा रहा है, जो पर्यावरणीय रिपोर्टिंग में मारुति सुजुकी की पारदर्शिता और जवाबदेही को रेखांकित करता है.

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