Last Updated:
Snake Venom Antidote: खासकर मानूसन सीजन में जंगलों में मिलने वाला एक पौधा सांप के जहर का तोड़ बताया गया है. इससे सिर्फ 6 मिनट में आराम मिल सकता है. जानें दावा…
हाइलाइट्स
- काकरोल का पौधा सांप के जहर का तोड़ है
- काकरोल की पत्तियों से 6 मिनट में जहर उतर सकता है
- आयुर्वेद में काकरोल को चमत्कारी औषधि माना गया है
Khandwa News: मानसून की दस्तक के साथ ही खेतों और जंगलों में हरियाली लौट आती है. इसी के साथ सांपों के बिलों में पानी घुस जाता है और वे बाहर निकल आते हैं. सूखे स्थान की तलाश में हमारे घरों की ओर आते हैं या पेड़ों, खोह, कंदराओं में दुबक जाते हैं. फिर इंसानों से सामना हुआ तो सर्पदंश के मामले बढ़ने लगते हैं. सांपों के काटने से हर साल बहुत से लोगों की जान जाती है. कई बार झाड़-फूंक के चक्कर में या समय पर इलाज नहीं मिल पाने से पीड़ित की मौत हो जाती है.
क्या है काकरोल?
काकरोल एक बेलनुमा पौधा है, जो खेतों की मेड़, जंगलों की झाड़ियों और उजाड़ जमीनों में बहुतायत पाया जाता है. इसकी बेल हरी, पतली और रेंगने वाली होती है. इसमें हरे रंग के छोटे-छोटे कांटेदार फल लगते हैं, जो बाद में पीले पड़ जाते हैं. आमतौर पर इसे सब्जी के रूप में भी लोग इस्तेमाल करते हैं. लेकिन, इसके औषधीय गुण बहुत कम लोग जानते हैं.
खंडवा जिले में आयुर्वेदाचार्य डॉ. शंकर प्रसाद बताते हैं कि काकरोल का पौधा आयुर्वेद में एक अद्भुत औषधि के रूप में दर्ज है. यदि किसी व्यक्ति को सांप ने काट लिया है तो काकरोल की ताज़ा हरी पत्तियों को तुरंत पीसकर उसे चटाया जाए या उसका रस निकालकर पिलाया जाए, तो 6 मिनट के भीतर शरीर में फैले विष को रोकने लगता है. हालांकि, वह यह भी चेतावनी देते हैं कि सांप काटे व्यक्ति को इस आयुर्वेदिक उपचार के बाद भी व्यक्ति को तुरंत अस्पताल ले जाना आवश्यक है, ताकि मेडिकल ट्रीटमेंट मिल सके.
कैसे करें उपयोग?
काकरोल की 4-5 ताजी हरी पत्तियां लें, उन्हें ओखली में पीस लें. पानी की कुछ बूंदें मिलाकर उसका रस निकालें. सांप के काटने के तुरंत बाद पीड़ित को यह रस पिलाएं. शेष पेस्ट को जहरीले स्थान पर लेप की तरह भी लगाया जा सकता है. यह तरीका रक्तप्रवाह में फैलने वाले जहर को रोकने में मदद करता है और शरीर को स्थिर बनाए रखता है. इससे पीड़ित को समय मिल जाता है और वह आसानी से अस्पताल पहुंच जाता है.
काकरोल के पत्ते सांप की जहरीली प्रजातियों जैसे कोबरा, करैत और रसेल वाइपर के जहर के शुरुआती असर को रोकने में सक्षम है. हालांकि, गंभीर सर्पदंश के मामलों में यह केवल प्राथमिक उपचार के रूप में उपयोगी है.
शरीर की सफाई में भी सहायक
डॉ. शंकर प्रसाद बताते हैं कि केवल विष ही नहीं, काकरोल का फल शरीर से विषैले तत्वों को बाहर निकालने में भी सहायक है. इसका नियमित सेवन रक्त को शुद्ध करता है, पाचन तंत्र को बेहतर बनाता है और त्वचा रोगों में भी कारगर होता है.
Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Local-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.