बंजर जमीन पर पोषण वाटिका, इस बगिया ने बदल दी 12 महिलाओं की जिंदगी

बंजर जमीन पर पोषण वाटिका, इस बगिया ने बदल दी 12 महिलाओं की जिंदगी


Last Updated:

Hari Bagiya Poshan Vatika Chhatarpur: अब हम सभी बहनें पूरा दिन इसी में लगे रहते हैं. बगिया में इतनी सब्जी और फल हो जाते हैं कि घर के लिए सब्जी और फल खरीदने नहीं पड़ते हैं. वहीं हमें मंडी में बेचने जाना पड़ता है…और पढ़ें

छतरपुर. मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले की खौंप ग्राम पंचायत में एक ऐसी भी बगिया है, जो सिर्फ जिले में नहीं बल्कि पूरे देश में चर्चित है. इस बगिया का नाम हरि बगिया पोषण वाटिका है. पिछले साल इस हरि बगिया की प्रशंसा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मन की बात कार्यक्रम में भी की थी. इस बगिया ने उन 12 महिलाओं का जीवन बदल दिया है, जो खुद को एक सामान्य महिला से भी कमतर समझती थीं. आज इन महिलाओं ने अपनी मेहनत से साबित कर दिया कि कोई भी काम न तो छोटा होता है और न ही असंभव होता है. खौंप गांव की ये सभी महिलाएं आज ऑर्गेनिक सब्जियों और फलों को न सिर्फ उगाती हैं बल्कि बेचकर आमदनी भी कमा रही हैं.

हरि बगिया पोषण वाटिका स्वयं सहायता समूह की सचिव पार्वती रजक लोकल 18 को बताती हैं कि पहले हमारे पास कोई काम नहीं था. मेरी शिक्षा 5वीं तक ही है लेकिन जब स्वयं सहायता समूह से जुड़े, तो गांव के सचिव ने बगिया लगाने का आइडिया दिया. शुरुआत में शासन की बंजर भूमि में पौधे उगाने में बहुत दिक्कत हुई. पहले बोरिंग भी नहीं था. पास में ही कुआं और चंदेलकालीन तालाब है, जहां से पानी सिर पर ढोकर लाते थे और पौधों को पानी देते थे. उन्होंने कहा कि पिछले साल जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात प्रोग्राम में बगिया की तारीफ की, तो उस समय हमारी हरि बगिया पोषण वाटिका में 2300 पौधे लगे थे. हालांकि इसके बाद नींबू, मुनगा और सीताफल के पौधे और भी लगाए गए, जो पौधे हमें कम लगे, वो सभी लगाए. ऐसे हमने 100 और पौधे लगा दिए.

बगिया में सब्जियां भी
उन्होंने आगे कहा कि फलदार पौधे लगाने के बाद हमनें इस बगिया में सब्जी भी लगानी शुरू कर दी. अभी गर्मियों में आलू-प्याज लगाया था, जिसे हमनें निकाल लिया था. अब बरसात का सीजन है, तो अरबी सब्जी लगा दी है. साथ ही भिंडी लगी है. यहां भुट्टा भी लगा दिया है. भुट्टों के बीच में टमाटर लगाया है. पार्वती बताती हैं कि पहले हमारी बगिया में सिर्फ फलदार पौधे लगाए गए थे लेकिन अब हम यहां सीजनल सब्जी भी लगाते हैं. साथ ही अब मूंग और उड़द की दाल भी लगाई हुई है.

पोषण वाटिका ने बदला जीवन
पार्वती बताती हैं कि पहले वे लोग घर में पड़े रहते थे. खेती की जमीन नहीं थी. घर खर्च अच्छे से नहीं चल पाता था लेकिन जब स्वयं सहायता समूह में सचिव बनाया गया, तो हरि बगिया पोषण वाटिका को संवारने में लग गए. अब पूरा दिन इसी में लगे रहते हैं. इतनी सब्जी होती है कि घर के लिए सब्जी और फल खरीदने नहीं पड़ते. मंडी में बेचने जाना पड़ता है. अब मन भी खुश रहता है और चार पैसे भी कमा लेते हैं. इस बगिया ने हम 12 बहनों का जीवन सुधार दिया है. उन्होंने आगे कहा कि हरि बगिया पोषण वाटिका में हर 7 दिनों के अंतराल में किसी अधिकारी या नेता का आना-जाना लगा रहता है. भोपाल-इंदौर के अलावा विदेशों से भी लोग इसे देखने आते हैं.

homemadhya-pradesh

बंजर जमीन पर पोषण वाटिका, इस बगिया ने बदल दी 12 महिलाओं की जिंदगी



Source link