आज ग्रामीणों ने अपनी समस्याएं सांसद भारती पारधी को बताईं हैं।
बालाघाट में एशिया की सबसे बड़ी ताम्र परियोजना से निकलने वाले गंदे पानी और राख ने स्थानीय निवासियों का जीवन मुश्किल कर दिया है। छिंदीटोला, बोरखेड़ा और सूजी गांव के लोगों ने शुक्रवार को सांसद भारती पारधी से मुलाकात कर अपनी समस्याएं बताईं।
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बोरखेड़ा के पूर्व सरपंच छतरसिंह मेरावी के अनुसार, एचसीएल के टेलिंग डैम से निकलने वाले गंदे पानी और राख से खेती को नुकसान हो रहा है। लोगों को त्वचा रोग हो रहे हैं और पशु भी मर रहे हैं। इसके बावजूद कंपनी प्रभावित परिवारों के युवाओं को रोजगार नहीं दे रही है।
कंपनी ने स्थानीय लोगों को नहीं दी नौकरी
सांसद प्रतिनिधि प्रशांत जैन ने बताया कि एचसीएल से सटे चार गांवों की आबादी लगभग 1200 से 1400 है। रासायनिक पानी से किसानों की जमीन और फसलें बर्बाद हो रही हैं।
1976 में तत्कालीन कलेक्टर स्वामीनाथन की अध्यक्षता में बनी कमेटी ने प्रभावित परिवारों के एक-एक सदस्य को एचसीएल में नौकरी देने की सिफारिश की थी। लेकिन ये वादा अब तक अधूरा है।
सांसद ने समस्या का समाधान करने दिया आश्वासन
इन गांवों में कृषि और मजदूरी ही आजीविका का मुख्य साधन है। खेती प्रभावित होने से युवा पलायन को मजबूर हैं। सांसद भारती पारधी ने परियोजना प्रबंधन से चर्चा कर समस्या का समाधान करने का आश्वासन दिया है।