मप्र भाजपा में महिला नेतृत्व की सुगबुगाहट, कांग्रेस की चुप्पी से सियासी सरगर्मियां तेज

मप्र भाजपा में महिला नेतृत्व की सुगबुगाहट, कांग्रेस की चुप्पी से सियासी सरगर्मियां तेज


Last Updated:

BJP MP Politics : मध्य प्रदेश भाजपा में महिला प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर चल रही चर्चाओं ने राजनीतिक हलकों में नई सरगर्मी पैदा कर दी है. सूत्रों के मुताबिक, पार्टी एक प्रभावशाली महिला नेता को संगठन की कम…और पढ़ें

एमपी बीजेपी में महिला अध्‍यक्ष को लेकर संभावना जताई जा रही है.

हाइलाइट्स

  • महिला प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति पर विचार कर रही भाजपा
  • मुख्यमंत्री, सत्‍ता और संगठन के समीकरण बदल सकते हैं
  • महिला नेतृत्व से आगामी चुनावी तैयारी पर असर संभव

मध्य प्रदेश भाजपा में महिला प्रदेश अध्यक्ष को लेकर चल रही चर्चा केवल एक संगठनात्मक बदलाव नहीं, बल्कि गहरे राजनीतिक संकेत दे रही है. सूत्रों के अनुसार पार्टी शीर्ष नेतृत्व एक महिला चेहरे को प्रदेश अध्यक्ष पद पर लाकर राज्य में एक नई राजनीतिक कहानी लिखना चाहता है. इस कदम से दो उद्देश्य साधे जा सकते हैं-पहला, महिला वोट बैंक को सशक्त संदेश देना और दूसरा, सत्ता एवं संगठन में संतुलन स्थापित करना. मध्य प्रदेश में भाजपा लंबे समय से सत्ता में है, लेकिन संगठनात्मक स्तर पर नेतृत्व बदलाव की मांग लंबे समय से उठती रही है. विधानसभा चुनावों के बाद सत्ता की बागडोर भले ही मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के हाथ में हो, लेकिन संगठनात्मक तौर पर पार्टी को अब भी एक ऐसा चेहरा चाहिए जो राष्ट्रीय नेतृत्व की नीति के अनुरूप राज्य इकाई को दिशा दे सके.

हालांकि अभी आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनावों में काफी समय है लेकिन पार्टी अभी से ही तैयारियों में जुट गई है. इसको देखते हुए भाजपा नेतृत्व संगठनात्मक ढांचे को और मज़बूत करने की तैयारी में है. इस बदलाव से कांग्रेस पर भी दबाव बनेगा, जो फिलहाल महिला नेतृत्व के मामले में पिछड़ती दिख रही है. यह बदलाव राज्य की राजनीति में नई सियासी दिशा तय कर सकता है. इस संदर्भ में महिला अध्यक्ष की नियुक्ति कई दृष्टियों से रणनीतिक होगी. इससे भाजपा का महिला सशक्तिकरण का एजेंडा आगे बढ़ेगा और कांग्रेस पर दबाव भी बनेगा, जो फिलहाल प्रदेश में महिला नेतृत्व के मामले में ज्यादा सक्रिय नहीं दिखती. यदि कोई ओबीसी या अनुसूचित जाति की महिला इस पद पर आती है, तो यह भाजपा की सोशल इंजीनियरिंग रणनीति को और मजबूती देगा.

कांग्रेस के खिलाफ प्रभावशाली नैरेटिव
पार्टी जानती है कि 2028 का विधानसभा चुनाव और 2029 का लोकसभा चुनाव उसे एक बार फिर सत्तासीन रहने के लिए नए सिरे से रणनीति बनानी होगी. यह बदलाव उसी की तैयारी माने जा रहे हैं. एक महिला अध्यक्ष का चेहरा, जो आक्रामकता और संगठन के प्रति समर्पण का प्रतीक हो, कांग्रेस के खिलाफ एक प्रभावशाली नैरेटिव खड़ा कर सकता है. हालांकि, यह फैसला भाजपा के अंदर सत्ता-संगठन के समीकरण को भी नए रूप में प्रस्तुत करेगा. अभी तक सत्ता पक्ष (मुख्यमंत्री और उनके करीबी मंत्री) की भूमिका ज्यादा प्रभावशाली रही है, लेकिन एक सशक्त महिला अध्यक्ष सत्ता के निर्णयों को संतुलित कर सकती है.

सोशल और जेंडर बैलेंस की नई मिसाल पेश, कांग्रेस को बदलनी पड़ेगी नीति
वहीं कांग्रेस इस सियासी संकेत को ध्यान से देख रही है. यदि भाजपा महिला नेतृत्व को आगे लाकर सोशल और जेंडर बैलेंस की नई मिसाल पेश करती है, तो कांग्रेस को भी अपने संगठनात्मक ढांचे में बदलाव लाना पड़ सकता है. यह मुकाबला सिर्फ चेहरों का नहीं, बल्कि नीति, दृष्टिकोण और भावनात्मक अपील का भी होगा.

Sumit verma

सुमित वर्मा, News18 में 4 सालों से एसोसिएट एडीटर पद पर कार्यरत हैं. बीते 3 दशकों से सक्रिय पत्रकारिता में अपनी अलग पहचान रखते हैं. देश के नामचीन मीडिया संस्‍थानों में सजग जिम्‍मेदार पदों पर काम करने का अनुभव. प…और पढ़ें

सुमित वर्मा, News18 में 4 सालों से एसोसिएट एडीटर पद पर कार्यरत हैं. बीते 3 दशकों से सक्रिय पत्रकारिता में अपनी अलग पहचान रखते हैं. देश के नामचीन मीडिया संस्‍थानों में सजग जिम्‍मेदार पदों पर काम करने का अनुभव. प… और पढ़ें

homemadhya-pradesh

मप्र भाजपा में महिला नेतृत्व की सुगबुगाहट, कांग्रेस चुप, सियासी सरगर्मियां तेज



Source link