वकील बोले- कोर्ट की जमीन पर भूमाफियाओं की नजर: कोर्ट परिसर शिफ्ट न करने की मांग; जिला प्रधान एवं सत्र न्यायाधीश को सौंपा ज्ञापन – Guna News

वकील बोले- कोर्ट की जमीन पर भूमाफियाओं की नजर:  कोर्ट परिसर शिफ्ट न करने की मांग; जिला प्रधान एवं सत्र न्यायाधीश को सौंपा ज्ञापन – Guna News



वकीलों ने प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश को ज्ञापन सौंपा।

गुना जिला न्यायालय को दूसरी जगह शिफ्ट करने के विरोध में सोमवार को वकीलों ने जिला प्रधान एवं सत्र न्यायाधीश को ज्ञापन सौंपा। बार काउंसिल के नेतृत्व में वकील न्यायालय परिसर में एकत्र हुए और ज्ञापन देकर कोर्ट को मौजूदा स्थान पर ही बनाए रखने की मांग की।

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ज्ञापन में वकीलों ने आरोप लगाया कि कोर्ट को शिफ्ट करने की कवायद के पीछे भू-माफिया की साजिश है। वे अदालत की बेशकीमती जमीन पर कब्जा करना चाहते हैं, इसलिए कोर्ट को दूसरी जगह ले जाया जा रहा है। वकीलों ने बताया कि मौजूदा न्यायालय परिसर सुंदर पार्क, व्यवस्थित पार्किंग और आम लोगों की पहुंच के हिसाब से उपयुक्त है। यह गुना जिले के केंद्र में स्थित है और पूरी तरह जनभावनाओं के अनुरूप है।

विकास की संभावनाएं भी गिनाईं ज्ञापन में बताया गया कि अदालत से सटे उद्योग विभाग और टीएनसीपी कार्यालय की जमीन पहले से ही न्यायालय के अधिपत्य में है। पुराने कलेक्टर कार्यालय की भूमि भी यदि न्यायालय परिसर में जोड़ी जाए, तो कुल 5.025 हेक्टेयर भूमि उपलब्ध हो सकती है। इससे अदालत 100 साल तक बिना किसी स्थान परिवर्तन के संचालित हो सकती है और करोड़ों रुपए की बचत होगी।

जगनपुर में नई जगह को असुरक्षित बताया वकीलों ने कहा कि जगनपुर (हड्डीमील) क्षेत्र, जहां कोर्ट को शिफ्ट करने की बात हो रही है, सुविधा और सुरक्षा के लिहाज से उपयुक्त नहीं है। उन्होंने आशंका जताई कि इस क्षेत्र में आपराधिक गतिविधियां ज्यादा हैं, जिससे महिला न्यायिक अधिकारी, वकील और पक्षकार असुरक्षित महसूस करेंगे।

सवाल उठाया- जब जमीन पर्याप्त है तो शिफ्ट क्यों? ज्ञापन में कहा गया कि जितनी जमीन जगनपुर में कोर्ट के लिए प्रस्तावित है, उससे अधिक भूमि वर्तमान परिसर में उपलब्ध है। ऐसे में न्यायालय को स्थानांतरित करना समझ से परे है। बार काउंसिल का कहना है कि कुछ भू-माफिया पहले ही सैकड़ों बीघा जमीन खरीद चुके हैं। वे कोर्ट को वहां ले जाकर जमीन की कीमत बढ़ाना चाहते हैं। कम कीमत में खरीदी गई जमीन को ऊंचे दामों में बेचा जाएगा।

बार काउंसिल और अधिवक्ताओं ने मांग की है कि न्यायालय को वर्तमान स्थान से न हटाया जाए और यहां पर ही सुविधाएं विकसित कर अदालत का संचालन जारी रखा जाए।



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