नई दिल्ली. क्रिकेट मैच में जब कोई बैटर बिना कोई रन बनाए आउट हो जाता है, तो इसे ‘डक’ कहा जाता है. लेकिन यह डक इतने अलग-अलग नाम से प्रयोग किया जाता है कि कई बार क्रिकेट फैंस कन्फ्यूज हो जाते हैं कि इनका मतलब क्या है. जैसे- इंग्लैंड के खिलाफ पहले टेस्ट मैच में भारत के 5 खिलाड़ी बिना खाता खोले आउट हुए. लेकिन इन सबके साथ डक के पहले अलग शब्द इस्तेमाल किए गए. जैसे सिराज के लिए गोल्डन डक और जसप्रीत बुमराह के लिए सिल्वर डक. करुण नायर और साई सुदर्शन के जीरो पर आउट होने पर उनके नाम के साथ नॉर्मल डक ही लगा. आखिर इन सब खिलाड़ियों के जीरो यानी डक के पहले कोई शब्द क्यों लगा, इसका पूरा इतिहास है. आए जानते हैं कि क्रिकेट में कितने तरह के डक होते हैं.
2. सिल्वर डक: अगर बैटर पारी की दूसरी गेंद पर आउट हो जाए, तो यह सिल्वर डक कहलाता है. जसप्रीत बुमराह इंग्लैंड के खिलाफ दूसरी पारी में सिर्फ 2 गेंद खेलकर बिना रन बनाए आउट हुए थे.
4. डायमंड डक: यह सबसे दुर्भाग्यपूर्ण डक है. अगर बैटर बिना कोई गेंद खेले आउट हो जाए तो उसे डायमंड डक कहा जाता है. इसे प्लेटिनम डक भी कहा जाता है. अक्सर ऐसा उस बैटर के साथ होता है जो नॉनस्टा्रइकर पर रहते हुए ही रन-आउट हो जाए या टाइम्ड-आउट हो जाए.
6. पेयर: अगर कोई बैटर टेस्ट मैच की दोनों पारियों में शून्य पर आउट हो जाए, तो इसे ‘पेयर’ कहते हैं. जसप्रीत बुमराह ने इंग्लैंड के खिलाफ पहले टेस्ट मैच में 0 का पेयर बनाया था.
8. लॉफिंग डक: जब कोई बैटर मैच की आखिरी गेंद पर जीरो पर आउट होता और इसके साथ ही उस टीम की पारी समाप्त हो जाती है तो इसे लॉफिंग डक भी कहते हैं. इंग्लैंड के खिलाफ प्रसिद्ध कृष्णा ने यही वाला डक बनाया था.
9. नॉर्मल डक: जब कोई बैटर 3 से अधिक गेंद का सामना करने के बाद 0 पर आउट होता है तो उसे नॉर्मल डक कहा जाता है यानी इसे अलग नाम नहीं दिया जाता. इंग्लैंड के खिलाफ भारत के तीन बैटर्स नॉर्मल डक का शिकार हुए. इनमें करुण नायर, साई सुदर्शन और प्रसिद्ध कृष्णा शामिल थे.