आमतौर पर ईयर वैक्स हमारे कान की सुरक्षा के लिए जरूरी होता है. यह एक प्राकृतिक रक्षक है, जो हमारे कान को धूल, गंदगी, बैक्टीरिया और यहां तक कि पानी से भी बचाता है, लेकिन जब यह जरूरत से ज्यादा जमा हो जाए या सूखकर कान में जम जाए, तब यह नुकसानदेह बन सकता है. विशेषकर बारिश के मौसम में जब वातावरण में नमी अधिक होती है, तो यह वैक्स फूलकर दिक्कतें पैदा करता है.
-कान में खुजली या जलन
-सुनाई देने में कठिनाई
-कान में भरा-भरा सा महसूस होना
-सिर दर्द या हल्का चक्कर
-कान में सीटी जैसी आवाजें
कान का मैल निकालने में न करें ये गलतियां
बहुत से लोग हेयरपिन, टूथपिक, माचिस की तीली, या कॉटन बड्स से कान की सफाई करने की कोशिश करते हैं. यह आदत खतरनाक साबित हो सकती है क्योंकि इससे वैक्स और गहराई में चला जाता है और कान की झिल्ली को नुकसान भी पहुंच सकता है. वहीं कुछ लोग बाहर घूमते ’कान साफ करने वालों’ से सफाई करवा लेते हैं, जिनके पास न उपकरण होते हैं न सफाई का ज्ञान – ऐसे में संक्रमण का खतरा कई गुना बढ़ जाता है.
1. ईयर ड्रॉप का उपयोग करें
बाजार में मिलने वाले मेडिकेटेड ईयर ड्रॉप्स काफी असरदार होते हैं. इन ड्रॉप्स को डॉक्टर की सलाह से लेने के बाद कान में कुछ बूंदें डालें. ये ड्रॉप्स सूखे हुए मैल को नरम कर देते हैं जिससे वह आसानी से बाहर आ जाता है. इसका इस्तेमाल एक से दो दिन तक करना पर्याप्त होता है.
2. ऑलिव ऑयल (जैतून का तेल) का प्रयोग करें
3. स्टीम थेरेपी
गर्म पानी से भाप लेना भी एक कारगर उपाय है. भाप लेने से नाक और कान की नमी बढ़ती है जिससे जमा हुआ वैक्स मुलायम होकर बाहर आ सकता है.
अगर कान में दर्द, सूजन, बुखार या ज्यादा सुनाई न देना जैसी गंभीर समस्या हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें. डॉक्टर विशेष उपकरणों से सुरक्षित रूप से कान की सफाई कर सकते हैं.
कान में कोई भी तेज या नुकीली चीज न डालें
बार-बार कान में उंगली डालना भी संक्रमण का कारण बन सकता है
कोई घरेलू नुस्खा आज़माने से पहले उसकी विश्वसनीयता जांचें
बच्चों के कान की सफाई डॉक्टर की सलाह से ही करें
कान की देखभाल भी उतनी ही जरूरी है जितनी शरीर के किसी और हिस्से की. विशेषकर बारिश के मौसम में जब वातावरण में बदलाव होते हैं, तब इस ओर अधिक सावधानी बरतनी चाहिए. ऊपर बताए गए उपाय सरल, सुरक्षित और घर में ही आज़माए जा सकते हैं. लेकिन यदि समस्या बनी रहे, तो लापरवाही न करें और किसी अच्छे ईएनटी विशेषज्ञ से सलाह लें. कान है तो सुनना है – और सुनना है तो उसकी सफाई सही ढंग से होनी चाहिए.