खाद्य सुरक्षा अधिकारी देवेंद्र कुमार दुबे और पंजीयन प्राधिकारी ने आज इस इकाई का बिना नोटिस निरीक्षण किया, जिसमें कई चौंकाने वाली गड़बड़ियां पाई गईं. निरीक्षण के दौरान देखा गया कि टोस्ट, ब्रेड और अन्य खाद्य सामग्री गंदगी और कीचड़ के बीच बिना किसी हाइजीन के तैयार की जा रही थी. कर्मचारियों के पास ना तो दस्ताने थे, ना मास्क और ना ही कोई सुरक्षा उपकरण.
यह कार्रवाई खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006 के तहत की गई है, जिसमें खाद्य प्रतिष्ठानों के लिए स्वच्छता संबंधी दिशा-निर्देश दिए गए हैं. चावला इंडस्ट्री इन शर्तों के पालन में पूरी तरह विफल रही, जिसके चलते उसका खाद्य पंजीयन तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया.
एसडीएम अभिषेक ठाकुर ने बताया कि स्वास्थ्य से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। जो भी प्रतिष्ठान नियमों का पालन नहीं करेगा, उस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
यह फैक्ट्री बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक के लिए इस्तेमाल होने वाले खाद्य उत्पाद तैयार करती थी। इसलिए यहां पाए गए स्वच्छता उल्लंघन और नियमों की अनदेखी को प्रशासन ने ‘लोक स्वास्थ्य के खिलाफ अपराध’ माना है.
खाद्य विभाग की मुहिम पर कार्रवाई के बावजूद नहीं सुधर रहे मुनाफाखोर
गौरतलब है कि खाद्य विभाग की टीम लगातार जबलपुर के होटल, बेकरी, रेस्टोरेंट और खाने-पीने की दुकानों पर छापेमारी कर रही है. लेकिन हर बार गंदगी के बीच बने खाद्य पदार्थ मिलने के बावजूद कई कारोबारी अपनी आदतों से बाज नहीं आ रहे.