विदिशा में महिला की मौत के बाद उसकी बेटी की मदद के लिए मानव अधिकार आयोग सदस्य ने कहा। उन्होंने कहा कि बच्चियों के बेहतर भविष्य और उनके संरक्षण के लिए प्रयास करेंगे। कानूनगो ने बच्चियों को महिला एवं बाल विकास विभाग, बाल आयोग और जिला प्रशासन के माध्यम
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उन्होंने कहा कि भावना की संपत्ति पर अवैध कब्जे या बेटियों के कानूनी अधिकारों के हनन पर उचित कार्रवाई की जाएगी।
पूरन पुरा में रहने वाली भावना जाट (42) का शव फांसी के फंदे पर लटका मिला था। भावना अपनी दो बेटियों की अकेले परवरिश कर रही थीं। उनके पति संतोष जाट ने एक साल पहले आत्महत्या की थी। घटना के दिन भावना की छोटी बेटी स्कूल से लौटी तो उसने मां को फांसी पर लटका पाया।
मायके-ससुराल पक्ष ने नाता तोड़ा बच्ची ने किरायेदार रोहित आर्य को सूचित किया, जिसने पुलिस को खबर दी। पुलिस ने महिला के ससुराल पक्ष से संपर्क किया। पति के भाई महेश जाट ने कहा कि उनका भावना से कोई संबंध नहीं है। मायके पक्ष के रायसेन के मड़वाई गांव और भोपाल में रहने वाले दो भाइयों को भी सूचना दी गई।
उन्होंने भी अंतिम संस्कार में शामिल होने से मना कर दिया। भावना की लव मैरिज के बाद मायके वालों ने पहले ही संबंध तोड़ लिए थे।
सामाजिक कार्यकर्ता आदर्श तिवारी ने अंतिम संस्कार की जिम्मेदारी ली। 12 वर्षीय बड़ी बेटी ने मां को मुखाग्नि दी। इसके बाद मानवाधिकार आयोग के सदस्य प्रियक कानूनगो ने विदिशा पहुंचकर दोनों बेटियों से मुलाकात की।