हर शुक्रवार एक पंचायत या गांव की कहानी, आज पढ़िए खिमलासा पंचायत के बारे में
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जिला मुख्यालय से 70 किलोमीटर दूर स्थित खिमलासा जिले की सबसे बड़ी पंचायतों में से एक है। यहां की आबादी जिले की कई नगर परिषदों के मुख्यालयों से ज्यादा है। खिमलासा में बनने वाले कृषि उपकरण यहां की बड़ी पहचान हैं। इसके साथ ही 50 साल पहले फिल्म तीसरी कसम की शूटिंग हुई थी।
वहीदा रहमान और राजकपूर की यह फिल्म हिट रही थी। आज भी इस फिल्म की शूटिंग की चर्चा गांव के बड़े-बुजुर्गों से लेकर आसपास के अन्य गांवों के लोग करते हैं। खिमलासा की पुरानी पहचान भी रही है। यहां 16वीं सदी का कुआं और तालाब है, जो अब भी सुरक्षित व संरक्षित हैं। इसके साथ ही खिमलासा ज्योतिष का बड़ा केंद्र रहा है।
यहां पर सिर्फ पुरुष ही नहीं महिलाएं भी पंचांग का निर्माण करती थीं। इन्हीं में से एक अचलोदेवी हैं। उन्हें अचलो बाई भी कहा जाता था। 1695 ईसवी में ब्राह्मण परिवार में जन्मीं अचलोदेवी द्वारा बनाए गए पंचांग खिमलासा में आज भी संरक्षित हैं। इतिहासकार हीरालाल रायबहादुर ने सागर के 14 रत्नों की चर्चा की है। उनमें से एक रत्न अचलोदेवी भी थीं।
अचलो देवी ब्राह्मणी को रंभा उपाधि से विभूषित किया गया है। खिमलासा में उनके अलावा अन्य लोगों के लिखे पंचांग भी सुरक्षित हैं। इससे पता चलता है कि खिमलासा क्षेत्र ज्योतिष के क्षेत्र में बेहद महत्वपूर्ण स्थान रखता था।
खिमलासा के शशि रावत के पिता स्वर्गीय केशव रावत ने करीब 200 स्थानों, लेख, दस्तावेजों से जानकारी एकत्र कर एक किताब लिखी थी। जिसमें उल्लेख है कि अचलो देवी द्वारा विक्रम संवत 1878 में लिखित पंचांग की प्रतियां अभी भी उनके पास संरक्षित हैं। खिमलासा में उस समय संस्कृत और वेद वेदांग के अध्ययन का केंद्र बना हुआ था।
काशी बनारस से संस्कृत और ज्योतिष विद्या का सीधा संपर्क और आचार्यों का समागम भी यहां होता था। खिमलासा के ब्राह्मण परिवारों के घरों में अभी भी संस्कृत के दुर्लभ ग्रंथों की प्रतिलिपियां देखी जा सकती हैं। संस्कृत प्राकृत और अपभ्रंश के ग्रंथों का अध्ययन, टीका, आख्या, व्याख्या, पुनर्लेखन और प्रतिलिपि यहां बहुतायत से लगातार होते रहने के प्रमाण मिलते हैं।
जैसे ओरछा को मिनी अयोध्या वैसे ही खिमलासा को बुंदेलखंड की उप काशी कहा जाता था। खिमलासा में पंचांग के निर्माण का काल भी शक संवत 1440 यानी विक्रम संवत 1627 रहा है। खिमलासा के सरपंच अशोक साहू बताते हैं कि फिल्म तीसरी कसम में नदी के नाम से हमारे गांव का ही तालाब दिखाया गया है।
गांव में कॉलेज भी है। मार्केट भी है। भले ही यह पंचायत है लेकिन नगरीय निकायों जैसा ही नजर आता है। आर्किलोजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के संरक्षण के चलते किला सुरक्षित है।
पंचायत का लेखा-जोखा
जनसंख्या : 16000 साक्षरता दर : 82% जिला मुख्यालय से दूरी : 70 किमी कनेक्टिविटी : सागर-मालथौन मार्ग पहचान : कृषि उपकरण निर्माण आय का स्रोत : कृषि, मजदूरी