एमपी में बाढ़ के हालात…अगले 4 दिन स्ट्रॉन्ग सिस्टम: जबलपुर समेत 30 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट; भोपाल-इंदौर भी भीगेंगे – Bhopal News

एमपी में बाढ़ के हालात…अगले 4 दिन स्ट्रॉन्ग सिस्टम:  जबलपुर समेत 30 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट; भोपाल-इंदौर भी भीगेंगे – Bhopal News


गुरुवार को मऊगंज, शिवपुरी, उमरिया समेत प्रदेश के कई जिलों में बारिश हुई।

मध्यप्रदेश में बारिश का स्ट्रॉन्ग सिस्टम एक्टिव है। इस वजह से कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात है। गुरुवार को मंडला के कई गांवों में बाढ़ आ गई। शुक्रवार को भी मंडला समेत 7 जिलों में अति भारी बारिश की चेतावनी दी गई है, जबकि 23 जिलों में भारी बारिश हो सकती ह

.

मौसम विभाग के अनुसार, गुरुवार को जबलपुर, मंडला, डिंडौरी, बालाघाट, श्योपुर, शिवपुरी और गुना में अति भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट है। अगले 24 घंटे में यहां 8 इंच तक पानी गिर सकता है। वहीं, ग्वालियर, मुरैना, भिंड, दतिया, विदिशा, रायसेन, पांढुर्णा, छिंदवाड़ा, सिवनी, नरसिंहपुर, सागर, दमोह, राजगढ़, अशोकनगर, टीकमगढ़, छतरपुर, पन्ना, सतना, कटनी, मैहर, उमरिया, शहडोल और अनूपपुर में भारी बारिश हो सकती है। बाकी जिलों में भी बारिश का दौर बना रहेगा।

दो टर्फ, एक साइक्लोनिक सिस्टम एक्टिव सीनियर मौसम वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन ने बताया कि मध्यप्रदेश से अभी एक मानसून समेत 2 टर्फ गुजर रही है। वहीं, एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन सिस्टम की भी एक्टिविटी है। इस वजह से बारिश का सिस्टम स्ट्रॉन्ग है। अगले 4 दिन के लिए कई जिलों में अति भारी या भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है।

मंडला में 70 लोगों का रेस्क्यू, शिवपुरी में नदी उफनी प्रदेश में गुरुवार को तेज बारिश का दौर जारी रहा। मंडला के बिछिया इलाके में लगातार बारिश से कई गांवों में बाढ़ के हालात बन गए। होमगार्ड जवान यहां मौजूद हैं। 70 से ज्यादा लोगों का रेस्क्यू किया गया। शिवपुरी में ग्रामीण बच्चों और महिलाओं को गोद में उठाकर उफनती सिंध नदी पार करवा रहे हैं।

शिवपुरी के कोलारस में कई गांव जलमग्न हो गए। बारिश का पानी स्कूल, मंदिर और घरों में घुस गया। निवाड़ी के ओरछा में भी भारी बारिश हुई। उमरिया में कथली नदी का पानी पुल तक पहुंच गया। जिले में महानदी में भी पानी बढ़ गया है।

राजधानी भोपाल में दोपहर में रिमझिम बारिश शुरू हो गई। रीवा, छतरपुर के खजुराहो और दतिया में पौन इंच, मंडला-शिवपुरी में आधा इंच बारिश हो गई। वहीं, बैतूल, गुना, ग्वालियर, इंदौर, श्योपुर, दमोह, जबलपुर, सतना, सीधी, उमरिया, बालाघाट, धार, मऊगंज, शाजापुर, देवास, आगर-मालवा समेत 20 से ज्यादा जिलों में रिमझिम बारिश का दौर जारी रहा। रात में भी कई जिलों में बारिश जारी रही।

गुरुवार को हुई बारिश की तस्वीरें…

मंडला के बिछिया में कई गांवों में दो फीट से ज्यादा पानी भर गया।

मंडला के बिछिया में कई गांवों में दो फीट से ज्यादा पानी भर गया।

शिवपुरी के चनैनी गांव में भारी बारिश से घुटनों तक पानी भर गया।

शिवपुरी के चनैनी गांव में भारी बारिश से घुटनों तक पानी भर गया।

मऊगंज में तेज बारिश का दौर चला।

मऊगंज में तेज बारिश का दौर चला।

इस बार एक दिन लेट पहुंचा मानसून बता दें कि इस बार देश में मानसून 8 दिन पहले ही आ गया था। वहीं, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ समेत कई राज्यों में यह तय समय से पहले पहुंच गया। ऐसे में अनुमान था कि मध्यप्रदेश में यह जून के पहले सप्ताह में ही आ जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। पिछले 15 दिन से मानसून महाराष्ट्र-छत्तीसगढ़ में एक ही जगह पर ठहरा रहा। इस वजह से एमपी में इसकी एंट्री नहीं हो पाई। 13-14 जून को मानसून आगे बढ़ा। बावजूद यह प्रदेश में 1 दिन लेट हो गया।

हालांकि, 3 दिन में ही मानसून ने प्रदेश के 53 जिलों को कवर कर लिया। वहीं, एक के ठहराव के बाद बाकी बचे 2 जिले- भिंड और मऊगंज में भी मानसून एंटर हो गया। इस तरह 5 दिन में ही मानसून ने पूरे प्रदेश को कवर कर लिया। एमपी में मानसून के प्रवेश की सामान्य तारीख 15 जून ही है। पिछले साल यह 21 जून को एंटर हुआ था। मानसून के एक्टिव होने के बाद से ही पूरे प्रदेश में तेज बारिश का दौर चल रहा है।

एमपी में इतना रहा तापमान…

10 साल में बारिश का ट्रेंड, पहले भोपाल के बारे में जानिए भोपाल में जुलाई में खूब बारिश होती है। यहां एक ही महीने में 1031.4 मिमी यानी 41 इंच के करीब बारिश होने का रिकॉर्ड है। यह साल 1986 को हुई थी। 22 जुलाई 1973 को एक ही दिन में 11 इंच बारिश हुई थी, जो अब तक का रिकॉर्ड है। साल 2024 में पूरे जुलाई महीने में 15.70 इंच बारिश हुई थी।

भोपाल में जुलाई महीने में एवरेज 15 दिन बारिश होती है। यानी, हर दूसरे दिन पानी बरसता है। महीने की एवरेज बारिश 367.7 मिमी यानी 14.4 इंच है। बारिश के चलते दिन का तापमान 30 और रात में पारा 25 डिग्री सेल्सियस से कम रहता है।

इंदौर में इस बार 40% ज्यादा बारिश इंदौर की बात करें तो 24 घंटे में 11.5 इंच बारिश होने का रिकॉर्ड है, जो 27 जुलाई 1913 को हुई थी। वर्ष 1973 में पूरे महीने 30.5 इंच पानी गिरा था। बारिश के चलते यहां भी तापमान में गिरावट देखने को मिलती है। इंदौर में महीने की एवरेज बारिश 12 इंच है। एवरेज 13 दिन यहां बारिश होती है। पिछले साल इंदौर में पूरे महीने 8.77 इंच बारिश हुई थी।

जबलपुर में जुलाई में गिर चुका 45 इंच पानी चारों बड़े शहरों में जबलपुर ऐसा है, जहां सबसे ज्यादा बारिश होती है। वर्ष 1930 में करीब 45 इंच पानी बरसा था जबकि 30 जुलाई 1915 को 24 घंटे की सर्वाधिक 13.5 इंच बारिश हुई थी। 2013 और 2016 में सबसे ज्यादा बारिश दर्ज की गई थी।

जबलपुर में जुलाई की सामान्य बारिश 17 इंच है। महीने में 15 से 16 दिन पानी बरसता है। जुलाई में अच्छी बारिश की उम्मीद है।

ग्वालियर में कम बारिश का ट्रेंड भोपाल, इंदौर और जबलपुर की तुलना में ग्वालियर में जुलाई के महीने में सबसे कम बारिश होती है। पिछले 10 साल में 6 बार ऐसा हुआ, जब 8 इंच से कम पानी गिरा हो जबकि यहां की एवरेज बारिश 9 इंच के करीब है।

ग्वालियर में वर्ष 1935 में महीने की सबसे ज्यादा बारिश हुई थी। तब 623.3 मिमी यानी 24.5 इंच बारिश दर्ज की गई थी। इस बार बारिश के अच्छे संकेत हैं। मानसून की दस्तक के साथ यहां तेज बारिश का दौर जारी है। 24 घंटे में सबसे ज्यादा बारिश की बात करें तो 12 जुलाई 2015 में 190.6 मिमी यानी साढ़े 7 इंच पानी बरसा था। ग्वालियर में जुलाई के महीने में एवरेज 11 दिन बारिश होती है।

उज्जैन में 36 इंच बारिश का रिकॉर्ड उज्जैन में पूरे जुलाई महीने में 36 इंच बारिश का ओवरऑल रिकॉर्ड है। इतनी बारिश साल 2015 में हुई थी। 2023 में 21 इंच से ज्यादा पानी गिर गया था। 24 घंटे में सबसे ज्यादा बारिश 19 जुलाई 2015 को 12.55 इंच हुई थी। उज्जैन में जुलाई की औसत बारिश 13 इंच है। महीने में 12 दिन पानी बरसता है। इससे रात के तापमान में गिरावट हो जाती है।



Source link