Sagar Weather: सागर में आज से बादल मचाएंगे उत्पात! 40 Km/h की रफ्तार से चलेंगी तूफानी हवाएं, 3 दिन का अलर्ट

Sagar Weather: सागर में आज से बादल मचाएंगे उत्पात! 40 Km/h की रफ्तार से चलेंगी तूफानी हवाएं, 3 दिन का अलर्ट


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Sagar Weather Update Today: मध्य प्रदेश में दो नए सिस्टम एक्टिव होने की वजह से सागर सहित बुंदेलखंड के सभी जिलों में अगले तीन दिन के लिए तेज बारिश की चेतावनी जारी की गई है. शुक्रवार यानी की 4 जुलाई की सुबह से ही रिमझिम बारिश का दौर शुरू हो गया है.

मौसम विभाग ने 4 से 6 जुलाई तक सागर जिले के अधिकांश इलाकों में तेज बारिश का अलर्ट का दिया है. इसमें 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने और आकाशीय बिजली का प्रकोप देखने को मिल सकता है, जिसमें सतर्क रहने की अपील की गई है.

सुखवा शनिवार रविवार को अलर्ट

मौसम विभाग के अधिकारियों ने बताया, एक चक्रवातीय परिसंचरण उत्तर-पूर्व मप्र और निकटवर्ती क्षेत्रों में समुद्र तल से 15 किलोमीटर की ऊंचाई पर सक्रिय है. एक ट्रफ उत्तर-पूर्व अरब सागर गुजरात, मप्र, छत्तीसगढ़ और पश्चिम बंगाल पर बने चक्रवातीय परिसंचरण से होकर उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी तक विस्तृत है. इसकी वजह से कुछ स्थानों पर भारी वर्षा होने की संभावना है.

सागर में बारिश हवाएं अलर्ट तेज बारिश

गुरुवार को जिले के ग्रामीण क्षेत्र के 2-4 स्थान पर फुहार नुमा बारिश हुई थी, लेकिन दिन भर उमस भरी गर्मी से परेशानी हुई. गुरुवार को तापमान 30.9 डिग्री रहा जो सामान्य से 3 डिग्री कम है. वहीं, न्यूनतम तापमान 24 डिग्री सेल्सियस रहा.

ऑरेंज अलर्ट

हवाओं में नमी की मात्रा 81% रही. गुरुवार को सुबह से शाम तक सागर शहरी क्षेत्र में दिनभर बारिश नहीं हुई. शहरी क्षेत्र में अब तक 144.1 मिलीमीटर बारिश हो चुकी है.

नदी तालाब में पानी नहीं पहुंचा

सागर में मानसून आने के 15 दिन बाद भी अधिकांश क्षेत्र से निकली नदी अब भी सूखी पड़ी है. इनमें धार नहीं निकल पाई है. केवल बीना नदी को छोड़ दें तो बाकी सभी केवल कुंड ही भरे हैं.

बारिश तबाही बाढ़

4 जुलाई 2005 को सागर के इतिहास में सबसे अधिक बारिश रिकॉर्ड है. एक महीने की बारिश एक दिन में होने की वजह से शहर में बाढ़ जैसे हालात बन गए थे तो वहीं पानी के प्रेशर की वजह से मोंगा बांध ढह गया था. 20 साल पुरानी उस घटना को देखकर आज भी लोग सहम जाते हैं.

4 जुलाई 2005

4 जुलाई 2005 को 475 mm रिकॉर्ड तोड़ बारिश हुई थी. बादल फटने की वजह से यहां जल प्रलय जैसे हालत बन गए थे, साल 2005 में ही जुलाई के महीने में पूरे सीजन के बराबर की बारिश हो गई थी.

किसान बारिश मौसम

अब अच्छी और तेज बारिश के लिए किसान भी इंद्रदेव से प्रार्थना करने लगे हैं, क्योंकि फसलों की ग्रोथ के लिए बारिश की अत्यधिक जरूरत आन पड़ी है.

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