कितने साल जीता है किंग कोबरा? इस जगह रहेगा तो बढ़ जाएगी इसकी उम्र

कितने साल जीता है किंग कोबरा? इस जगह रहेगा तो बढ़ जाएगी इसकी उम्र


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King Cobra Age: किंग कोबरा की लंबाई करीब 16 से 18 फीट तक होती है. यह सांप अपने जहर और रौबदार फुफकार के लिए मशहूर है. किंग कोबरा जब जंगल में जीवन व्यतीत करता है, तो उसकी औसत उम्र करीब 25 साल होती है.

खंडवा. जंगल में 25 साल और कैद में 40 साल तक जीने वाला किंग कोबरा, जिसे विज्ञान की भाषा में Ophiophagus hannah कहा जाता है, दुनिया का सबसे लंबा जहरीला सांप है. आमतौर पर लोग इसे केवल डर और जहर से जोड़कर देखते हैं लेकिन इसकी उम्र और जीवनशैली के बारे में जानना भी उतना ही जरूरी और रोचक है. जंगलों में इसकी उम्र जहां औसतन 20 से 25 साल होती है, वहीं कैद में मतलब चिड़ियाघर या रिसर्च सेंटर जैसे सुरक्षित वातावरण में यह सांप 30 से लेकर 40 साल तक जीवित रह सकता है.

प्राकृतिक आवास में किंग कोबरा की उम्र को सीमित करने वाले कई कारण होते हैं, जैसे- शिकारी जानवर, भोजन की अनिश्चितता, बीमारियां और पर्यावरणीय जोखिम लेकिन जब इसे एक संरक्षित वातावरण मिलता है, जहां नियमित भोजन, मेडिकल देखभाल और किसी प्रकार का जीवन संकट नहीं होता, तब इसकी उम्र लंबी हो जाती है. किंग कोबरा की लंबाई लगभग 16 से 18 फीट तक होती है और यह अपने जहर और रौबदार फुफकार के लिए मशहूर है लेकिन यही सांप जब जंगल में जीवन व्यतीत करता है, तो उसकी औसत उम्र 25 साल के आसपास होती है. कुछ शोध संस्थानों और चिड़ियाघरों में यह पाया गया है कि एक स्वस्थ और संतुलित वातावरण में किंग कोबरा की उम्र 30 से 40 वर्ष तक पहुंच सकती है.

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सांपों का भक्षक किंग कोबरा
उदाहरण के तौर पर न्यू मेक्सिको बायोपार्क के चिड़ियाघर में रखे गए एक किंग कोबरा ‘कार्ल’ की उम्र मृत्यु के समय 24 साल थी. वहीं भारत, थाईलैंड और इंडोनेशिया के कई जंगलों में इन सांपों की उम्र दो दशक से ज्यादा नहीं पाई गई है. इस लंबी उम्र के पीछे सबसे अहम कारण होता है संरक्षित जीवन. चिड़ियाघरों में इन सांपों को विषैले कीड़ों और बीमारियों से बचाकर रखा जाता है. इन्हें समय पर भोजन और पानी मिलता है, जिससे इनका इम्यून सिस्टम मजबूत बना रहता है. इसके अलावा इनकी नियमित जांच भी होती है, जिससे किसी भी बीमारी का तुरंत इलाज किया जा सके. कैद में रहने वाले किंग कोबरा को आमतौर पर चूहे, खरगोश और दूसरे गैर-विषैले सांपों को खिलाया जाता है. यह जहरीला सांप मुख्यतः दूसरे सांपों को खाना पसंद करता है. इस कारण इसे ‘सांपों का भक्षक’ भी कहा जाता है.

हर साल 7 से 40 अंडे देती है मादा कोबरा
जहां तक जीवनचक्र की बात है, मादा कोबरा हर साल 7 से 40 अंडे देती है. वह इन अंडों की रखवाली भी खुद करती है जोकि सांपों में एक दुर्लभ व्यवहार है. दो से तीन महीने के भीतर इन अंडों से बच्चे निकलते हैं, जो जन्म के समय से ही जहरीले होते हैं. किंग कोबरा की एक और अनोखी बात यह है कि यह आम कोबरा प्रजातियों की तरह फन नहीं फैलाता बल्कि इसका शरीर लंबवत खड़ा होकर सामने वाले पर हमला करता है. इसकी फुफकार से कई जानवर डरकर भाग जाते हैं. इस सांप की दीर्घायु पर किए गए शोध यह बताते हैं कि पर्यावरणीय संतुलन, सुरक्षित आवास और पोषण अगर संतुलित रखा जाए, तो यह सांप चार दशकों तक भी जीवित रह सकता है. यही कारण है कि अब संरक्षण संस्थाएं किंग कोबरा जैसे दुर्लभ जीवों के लिए अधिक सुरक्षित वातावरण बनाने में जुटी हैं.

किंग कोबरा केवल जहर और डर का प्रतीक नहीं बल्कि प्रकृति की अनोखी रचना है. इसकी दीर्घायु हमें यह सिखाती है कि जब किसी जीव को सही माहौल मिलता है, तो वह अपने जीवन को लंबे समय तक जी सकता है. ऐसे जीवों का संरक्षण न सिर्फ पर्यावरण के लिए जरूरी है बल्कि जैव विविधता के संतुलन के लिए भी अनिवार्य है.

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