मंदसौर में 2018 में 7 साल की मासूम बच्ची के साथ हुए गैंगरेप केस में दो दोषियों की फांसी की सजा को आजीवन कारावास में बदले जाने के खिलाफ शुक्रवार को मंदसौर शहर बंद रहा। इस फैसले के विरोध में सर्व समाज ने बंद का आव्हान किया था, जिसे व्यापारियों और नागरि
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घंटाघर से कंट्रोल रूम तक निकाली रैली शुक्रवार दोपहर सर्व समाज की ओर से विरोध रैली निकाली गई। इसमें बड़ी संख्या में महिलाएं, पुरुष और बच्चे शामिल हुए। रैली की शुरुआत शहर के घंटाघर से हुई और यह नेहरू बस स्टैंड, गांधी चौराहा, बीपीएल चौराहा होते हुए पुलिस कंट्रोल रूम पहुंची।
शहर में बंद का मिलाजुला असर रहा।
मुख्यमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन कंट्रोल रूम पहुंचकर प्रदर्शनकारियों ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नाम एसडीएम शिवलाल शाक्य को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में मांग की गई कि राज्य सरकार हाईकोर्ट में पुनः याचिका दायर कर सुप्रीम कोर्ट में दोषियों के खिलाफ पुनर्विचार याचिका लगाए और फांसी की सजा की बहाली कराए।

प्रदर्शनकारियों ने सीएम के नाम ज्ञापन दिया।
“फांसी की सजा ही न्याय होगा” सर्व हिंदू समाज के संयोजक विनय दुबेला ने कहा कि मंदसौर कोर्ट और हाईकोर्ट दोनों ने पहले दोषियों को फांसी की सजा दी थी, जिसे अब ट्रायल कोर्ट ने उम्रकैद में बदल दिया है। यह निर्णय जनता को स्वीकार नहीं है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को भेजे गए ज्ञापन में सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठ अधिवक्ता से मजबूत पैरवी की मांग की गई है।
प्रशासन ने कहा- मांगों को उचित मंच तक पहुंचाया जाएगा एसडीएम शिवलाल शाक्य ने कहा कि यह एक गंभीर घटना थी और समाज के लोग न्याय की मांग को लेकर आए हैं। ज्ञापन को उचित मंच तक पहुंचाया जाएगा ताकि आगे की प्रक्रिया शुरू हो सके।














