एमपी में नर्मदा नदी खतरे के निशान से ऊपर: पूर्वी हिस्से में भारी बारिश ने बिगाड़े हालात; 7 जिलों में आज बाढ़ का खतरा – Bhopal News

एमपी में नर्मदा नदी खतरे के निशान से ऊपर:  पूर्वी हिस्से में भारी बारिश ने बिगाड़े हालात; 7 जिलों में आज बाढ़ का खतरा – Bhopal News


भोपाल, बालाघाट और राजगढ़ समेत प्रदेश के कई इलाकों में सोमवार को तेज बारिश हुई।

मध्यप्रदेश में तेज बारिश ने हालात बिगाड़ दिए हैं। नर्मदा नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही तो मंडला, डिंडौरी, श्योपुर, शहडोल, उमरिया समेत कई जिले बाढ़ की चपेट में है। सोमवार को इन जिलों में तेज बारिश का दौर रहा। 30 से ज्यादा जिलों में बारिश का दौर चला। व

.

सोमवार को भोपाल में दिनभर रुक-रुककर कभी तेज, कभी रिमझिम बारिश हो रही है। इस वजह से शाम में शहर के कई इलाकों में ट्रैफिक जाम की स्थिति बन गई। भोपाल के एमपी नगर थाने से नर्मदापुरम रोड तक करीब 3 किलोमीटर लंबा जाम लग गया।

मंदसौर के गांधीसागर डैम में सोमवार को राजस्थान के दो युवकों के शव मिले। वे कोटा से पिकनिक मनाने के लिए गरोठ के भानपुरा आए थे। डिंडौरी के मेहदवानी जनपद पंचायत क्षेत्र में धमनी-कुसेरा मार्ग बारिश से क्षतिग्रस्त हो गया। तीन साल पहले ही प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना से सड़क बनी थी। सड़क टूटने से इस रास्ते पर भारी वाहनों की आवाजाही रोक दी गई है।

सीहोर जिले के पार्वती और पपनाश नदी भारी बारिश के चलते उफान पर हैं। पार्वती नदी पर हादसा होते-होते बचा। पानी पुल के ऊपर से बह रहा था। इस बीच कार चालक ने लोगों के मना करने के बाद भी कार नहीं रोकी और आगे जाकर वो फंस गई। लोगों ने कार सवार को बाहर निकाला। नर्मदापुरम के इटारसी में थाने और बाजार में पानी भर गया। वहीं, बालाघाट जिले के गांवों का सड़क संपर्क टूट गया।

मंडला में भारी बारिश से नर्मदा का जलस्तर बढ़ा

मंडला में भारी बारिश होने से नर्मदा नदी का जलस्तर वॉर्निंग लेबल क्रॉस कर गया है। माहिष्मती घाट स्थित छोटा पुल फिर डूब गया। साथ ही मटियारी, सुरपन, बंजर सहित कई नदियां उफान पर हैं। सोमवार को जबलपुर, उमरिया, मंडला, डिंडौरी, बालाघाट और अनूपपुर में स्कूलों और आंगनबाड़ियों की छुट्टी कर दी गई थी।

बाढ़ की चेतावनी के चलते कई जिलों में स्कूलों की छुट्‌टी रहेगी। सोमवार को भोपाल, उज्जैन, मंडला, उमरिया, नर्मदापुरम, बैतूल, शिवपुरी, डिंडौरी, बालाघाट, सीहोर, विदिशा, शाजापुर, आगर-मालवा, देवास, इंदौर समेत 30 जिलों में बारिश का दौर जारी रहा।

सिवनी में 9 घंटे में गिरा ढाई इंच पानी प्रदेश के 30 से ज्यादा जिलों में सोमवार को तेज बारिश का दौर जारी रहा। सिवनी में 9 घंटे में ढाई इंच पानी गिर गया। पचमढ़ी-मलाजखंड में सवा इंच, शाजापुर, छिंदवाड़ा-शिवपुरी में 1 इंच, नर्मदापुरम-जबलपुर में पौन इंच, बैतूल में आधा इंच पानी गिरा। वहीं, भोपाल, गुना, इंदौर, श्योपुर, मंडला, नरसिंहपुर, छतरपुर के नौगांव, सागर, सीधी, टीकमगढ़, उज्जैन, नर्मदापुरम, बैतूल, शिवपुरी, डिंडौरी, सीहोर, विदिशा, शाजापुर, आगर-मालवा, देवास में भी बारिश का दौर चलता रहा।

सोमवार को प्रदेश में हुई बारिश की तस्वीरें…

संजय गांधी ताप विद्युत केंद्र के गेट नंबर 3-4 को खोलकर पानी छोड़ा जा रहा।

संजय गांधी ताप विद्युत केंद्र के गेट नंबर 3-4 को खोलकर पानी छोड़ा जा रहा।

पार्वती-पपनाश नदी उफान पर हैं। रोक के बाद भी लोग झरने देखने पहुंच रहे हैं।

पार्वती-पपनाश नदी उफान पर हैं। रोक के बाद भी लोग झरने देखने पहुंच रहे हैं।

धामंदा-गोलूखेड़ी के बीच तीनधार नदी के रपटे के ऊपर से पानी बह रहा है।

धामंदा-गोलूखेड़ी के बीच तीनधार नदी के रपटे के ऊपर से पानी बह रहा है।

डिंडौरी के मेहदवानी में धमनी-कुसेरा मार्ग बारिश से क्षतिग्रस्त हो गया।

डिंडौरी के मेहदवानी में धमनी-कुसेरा मार्ग बारिश से क्षतिग्रस्त हो गया।

भोपाल के एमपी नगर थाने से नर्मदापुरम रोड तक करीब 3 किलोमीटर लंबा जाम लग गया।

भोपाल के एमपी नगर थाने से नर्मदापुरम रोड तक करीब 3 किलोमीटर लंबा जाम लग गया।

आज इन जिलों में अति भारी बारिश का अलर्ट मौसम विभाग के अनुसार, मंगलवार को नर्मदापुरम, बैतूल, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, सिवनी, मंडला और बालाघाट में अति भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट है। अगले 24 घंटे में यहां 8 इंच तक पानी गिर सकता है। सीहोर, हरदा, रायसेन, सागर, नरसिंहपुर, दमोह, जबलपुर, छतरपुर, पन्ना, कटनी, डिंडौरी, उमरिया में भारी बारिश हो सकती है। भोपाल, इंदौर में हल्की बारिश का दौर जारी रहेगा।

बीचोंबीच से गुजर रही टर्फ सीनियर मौसम वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन ने बताया कि प्रदेश के बीचोंबीच से टर्फ गुजर रही है। वहीं, ऊपर हिस्से से मानसून टर्फ की एक्टिविटी है। इस वजह से अति भारी या भारी बारिश हो रही है। लो प्रेशर एरिया (कम दबाव का क्षेत्र) की एक्टिविटी अगले कुछ दिन में देखने को मिलेगी। इससे बारिश का दौर जारी रहेगा।

11 जुलाई तक तेज बारिश का दौर रहेगा मौसम विभाग के अनुसार, अगले चार दिन यानी, 11 जुलाई तक प्रदेश के ज्यादातर हिस्से में तेज बारिश का दौर रहेगा। 9-10 जुलाई को स्ट्रॉन्ग सिस्टम के रहने का अनुमान है। पूर्वी हिस्से में सिस्टम का असर ज्यादा रहेगा।

इस बार एक दिन लेट पहुंचा मानसून बता दें कि इस बार देश में मानसून 8 दिन पहले ही आ गया था। वहीं, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ समेत कई राज्यों में यह तय समय से पहले पहुंच गया। ऐसे में अनुमान था कि मध्यप्रदेश में यह जून के पहले सप्ताह में ही आ जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। पिछले 15 दिन से मानसून महाराष्ट्र-छत्तीसगढ़ में एक ही जगह पर ठहरा रहा। इस वजह से एमपी में इसकी एंट्री नहीं हो पाई। 13-14 जून को मानसून आगे बढ़ा। बावजूद यह प्रदेश में 1 दिन लेट हो गया।

हालांकि, 3 दिन में ही मानसून ने प्रदेश के 53 जिलों को कवर कर लिया। वहीं, एक के ठहराव के बाद बाकी बचे 2 जिले- भिंड और मऊगंज में भी मानसून एंटर हो गया। इस तरह 5 दिन में ही मानसून ने पूरे प्रदेश को कवर कर लिया। एमपी में मानसून के प्रवेश की सामान्य तारीख 15 जून ही है। पिछले साल यह 21 जून को एंटर हुआ था। मानसून के एक्टिव होने के बाद से ही पूरे प्रदेश में तेज बारिश का दौर चल रहा है।

एमपी में इतना रहा तापमान…

10 साल में बारिश का ट्रेंड, पहले भोपाल के बारे में जानिए भोपाल में जुलाई में खूब बारिश होती है। यहां एक ही महीने में 1031.4 मिमी यानी 41 इंच के करीब बारिश होने का रिकॉर्ड है। यह साल 1986 को हुई थी। 22 जुलाई 1973 को एक ही दिन में 11 इंच बारिश हुई थी, जो अब तक का रिकॉर्ड है। साल 2024 में पूरे जुलाई महीने में 15.70 इंच बारिश हुई थी।

भोपाल में जुलाई महीने में एवरेज 15 दिन बारिश होती है। यानी, हर दूसरे दिन पानी बरसता है। महीने की एवरेज बारिश 367.7 मिमी यानी 14.4 इंच है। बारिश के चलते दिन का तापमान 30 और रात में पारा 25 डिग्री सेल्सियस से कम रहता है।

इंदौर में इस बार 40% ज्यादा बारिश इंदौर की बात करें तो 24 घंटे में 11.5 इंच बारिश होने का रिकॉर्ड है, जो 27 जुलाई 1913 को हुई थी। वर्ष 1973 में पूरे महीने 30.5 इंच पानी गिरा था। बारिश के चलते यहां भी तापमान में गिरावट देखने को मिलती है। इंदौर में महीने की एवरेज बारिश 12 इंच है। एवरेज 13 दिन यहां बारिश होती है। पिछले साल इंदौर में पूरे महीने 8.77 इंच बारिश हुई थी।

जबलपुर में जुलाई में गिर चुका 45 इंच पानी चारों बड़े शहरों में जबलपुर ऐसा है, जहां सबसे ज्यादा बारिश होती है। वर्ष 1930 में करीब 45 इंच पानी बरसा था जबकि 30 जुलाई 1915 को 24 घंटे की सर्वाधिक 13.5 इंच बारिश हुई थी। 2013 और 2016 में सबसे ज्यादा बारिश दर्ज की गई थी। जबलपुर में जुलाई की सामान्य बारिश 17 इंच है। महीने में 15 से 16 दिन पानी बरसता है।

ग्वालियर में कम बारिश का ट्रेंड भोपाल, इंदौर और जबलपुर की तुलना में ग्वालियर में जुलाई के महीने में सबसे कम बारिश होती है। पिछले 10 साल में 6 बार ऐसा हुआ, जब 8 इंच से कम पानी गिरा हो जबकि यहां की एवरेज बारिश 9 इंच के करीब है।

ग्वालियर में वर्ष 1935 में महीने की सबसे ज्यादा बारिश हुई थी। तब 623.3 मिमी यानी 24.5 इंच बारिश दर्ज की गई थी। इस बार बारिश के अच्छे संकेत हैं। मानसून की दस्तक के साथ यहां तेज बारिश का दौर जारी है। 24 घंटे में सबसे ज्यादा बारिश की बात करें तो 12 जुलाई 2015 में 190.6 मिमी यानी साढ़े 7 इंच पानी बरसा था। ग्वालियर में जुलाई के महीने में एवरेज 11 दिन बारिश होती है।

उज्जैन में 36 इंच बारिश का रिकॉर्ड उज्जैन में पूरे जुलाई महीने में 36 इंच बारिश का ओवरऑल रिकॉर्ड है। इतनी बारिश साल 2015 में हुई थी। 2023 में 21 इंच से ज्यादा पानी गिर गया था। 24 घंटे में सबसे ज्यादा बारिश 19 जुलाई 2015 को 12.55 इंच हुई थी। उज्जैन में जुलाई की औसत बारिश 13 इंच है। महीने में 12 दिन पानी बरसता है।



Source link