Last Updated:
Tomato Farming Method: बरसात में टमाटर की खेती करना आसान नहीं होता, मगर कुछ आसान उपायों से आप अपने पौधों को नमी, कीट और फफूंदी से बचाकर बंपर पैदावार ले सकते हैं.
हाइलाइट्स
- बरसात में टमाटर की खेती में चुनौतियां होती हैं
- जून-जुलाई में नर्सरी तैयार करना जरूरी है
- उपचारित बीज और सही तकनीक से पौधे रोगमुक्त रहेंगे
जून-जुलाई में तैयार करें नर्सरी
सोहावल विकासखंड की वरिष्ठ उद्यान विकास अधिकारी सुधा पटेल ने लोकल 18 को बताया कि मानसून में टमाटर की नर्सरी तैयार करना बेहद जरूरी होता है. इसके लिए जून से जुलाई का समय सबसे उपयुक्त माना गया है. नर्सरी के लिए ऐसी जगह का चुनाव करें, जहां पानी का भराव न हो. क्यारियां बनाकर बीज बोएं, ताकि जल निकासी बनी रहे और बीज सड़ें नहीं.
टमाटर की नर्सरी में केवल उपचारित बीज का ही उपयोग करें, ताकि फफूंदी और रोगों से बचाव हो सके. लगभग एक महीने या 4-5 हफ्ते में नर्सरी तैयार हो जाएगी. इसके बाद पौधों को समतल भूमि में रोपने के बजाय रिग्ड और फरो तकनीक अपनाएं. इस तकनीक में क्यारी को 8 इंच गहरा तथा 3 मीटर लंबा और 0.6 मीटर चौड़ा बनाना चाहिए. दो क्यारियों के बीच 70 सेमी की दूरी रखें जिससे जल निकासी में समस्या न आए.
धूप, सहारा और अच्छी देखरेख से मिलेगा बेहतरीन उत्पादन
मानसून में टमाटर के पौधों को पर्याप्त धूप मिलनी चाहिए. अत्यधिक नमी से कीट आकर्षित होते हैं इसलिए पौधों को जमीन से ऊपर रखने की विधि अपनाएं. इसके लिए दोनों तरफ बांस या लोहे की रॉड लगाकर जीआई तार या रस्सी से सहारा दें. हर पौधे को ऊपर बांध दें ताकि वह खड़ा रहे और पत्तियों को पूरा प्रकाश मिले.
मानसून में भी टमाटर से लद जाएगा पौधा
एक्सपर्ट बताती हैं कि इन उपायों को अपनाने से टमाटर के पौधों की ग्रोथ भी अच्छी होगी और फल भी अधिक मात्रा में लगेंगे साथ ही पौधे मजबूत और रोगमुक्त रहेंगे. अगर किसान इन उपायों को समय पर और सही ढंग से अपनाते हैं, तो बरसात के मौसम में भी बंपर टमाटर उत्पादन संभव है.