शिवपुरी जिले के अमोला थाना क्षेत्र में दुष्कर्म के मामले में गिरफ्तार किए गए राकेश पाल को लेकर मंगलवार को पाल समाज ने कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया। समाज के लोगों ने आरोप लगाया कि राकेश को झूठे केस में फंसाकर उसकी पारिवारिक जमीन कब्जाने की कोशिश की गई।
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जानकारी के मुताबिक, नारई निवासी राकेश पाल की गिरफ्तारी 6 जुलाई को एक शिक्षक की पत्नी की शिकायत पर की गई थी। पाल समाज का कहना है कि राकेश के पिता के नाम गांव में पांच बीघा जमीन दर्ज है, जिस पर शिकायतकर्ता महिला के पति और कुछ अन्य लोगों की नजर थी। आरोप है कि साजिश के तहत राकेश के खिलाफ दुष्कर्म की एफआईआर कराई गई और उसी दिन पुलिस की मौजूदगी में जमीन पर कब्जा कर लिया गया।
थाना प्रभारी पर मिलीभगत के आरोप प्रदर्शनकारियों ने अमोला थाना प्रभारी अंशुल गुप्ता पर भी सवाल उठाए। उनका कहना था कि पूरी कार्रवाई पूर्वनियोजित थी और थाना प्रभारी की मिलीभगत से की गई। उन्होंने मांग की कि थाना प्रभारी को हटाकर जांच किसी निष्पक्ष एजेंसी से कराई जाए।
मौके पर पहुंची प्रशासनिक टीम, जमीन निकली वन भूमि प्रदर्शन की जानकारी मिलते ही कलेक्टर रविंद्र कुमार चौधरी ने राजस्व अमले को नारई भेजा। जांच में पाया गया कि विवादित भूमि वन विभाग की है। टीम ने मौके से कब्जे की स्थिति का पंचनामा तैयार किया है।
न्याय की मांग, निष्पक्ष जांच की अपील पाल समाज ने प्रशासन से मांग की है कि राकेश पाल को न्याय दिलाया जाए और जमीन पर कब्जा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई हो। साथ ही पूरे घटनाक्रम की निष्पक्ष जांच कराई जाए।