Last Updated:
Moong ki Kheti ka Tareeka: खेती में अगर आप डबल मुनाफा कमाना चाहते हैं तो आप 15 जुलाई से पहले बिना कुछ सोचे मूंग की खेती कर लें. जानें इसका तरीका.
हाइलाइट्स
- मूंग की खेती कम खर्च में ज्यादा मुनाफा देती है.
- उन्नत किस्मों का चयन कीट-रोगों से बचाता है.
- मूंग की बुवाई 15 जून से 15 जुलाई तक करें.
छतरपुर जिले के नौगांव में कृषि विज्ञान केन्द्र में पदस्थ कृषि वैज्ञानिक डॉ कमलेश अहिरवार बताते हैं बरसात में मूंग की अच्छी पैदावार के लिए किसानों को उन्नत किस्मों का चयन करना चाहिए. इससे कीट-रोगों का प्रकोप कम होगा और उत्पादन अच्छा मिलेगा. किसानों को अपने परिवेश को देखते हुए बरसात के सीजन में मूंग की उन्नत किस्मों का चयन करना चाहिए. मूंग की उन्नत किस्में 60 से लेकर 80 दिनों तक में तैयार हो जाती है. हालांकि बुवाई से पहले बीजोपचार जरूरी है.
डॉ कमलेश बताते हैं कि किसान भाई बीज लेने से पहले ये जरूर ध्यान दें कि वो सर्टिफाइड बीज हो. बीज निगम कृषि कॉलेज कृषि अनुसंधान कृषि विज्ञान केंद्र जैसे प्रमाणित संस्थाओं से परामर्श लेकर सर्टिफाइड बीज ले सकते हैं. प्राइवेट संस्था से खरीदने की सलाह नहीं देता हूं.
ये हैं मूंग की उन्नत किस्में
कृषि विशेषज्ञ डॉ कमलेश अहिरवार बताते हैं कि किसानों को अपने परिवेश को देखते हुए बारिश के सीजन में मूंग की उन्नत किस्में जैसे पूसा रत्ना, पूसा विशाल, पूसा 1431, पूसा 9531, पूसा 672, वसुधा (आई.पी.एम. 312-20), कनिका (आई.पी.एम. 302-2), वर्षा (आई.पी.एम. 14-9) इत्यादि किस्मों का चयन कर सकते हैं.
इस तारीख से पहले करें बुवाई
बता दें कि बारिश सीजन में मूंग की बुआई के लिए उपयुक्त समय 15 जून से 15 जुलाई तक होता है. इस दौरान मूंग की बुआई करने वाले किसान दो से ढाई महीनों में तैयार होने वाली किस्मों का चयन कर सकते हैं. वहीं, जो किसान इस समय में बुआई करना चूक जाते हैं, तो उन्हें 60 से 65 दिनों में तैयार होने वाली किस्मों का चयन करना चाहिए.