पन्ना जिले में 11.95 कैरेट का एक बेशकीमती हीरा मिला है। इसकी अनुमानित कीमत लगभग 50 लाख रुपए है। हीरा माधव आदिवासी के नाम से जमा किया गया है। मामले में विवाद तब खड़ा हो गया, जब दो अलग-अलग व्यक्तियों ने हीरे पर अपना दावा पेश किया।
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पुष्पेंद्र तिवारी का कहना है कि यह हीरा हीरापुर की उथली खदान में मिला था। उन्होंने बताया कि जुलाई 2024 में उन्होंने निसार खान और श्रीपाल जैन के साथ मिलकर हीरापुर में खनन का काम शुरू किया था।
तीनों की साझेदारी में पुष्पेंद्र की 70%, निसार की 20% और श्रीपाल की 10% हिस्सेदारी थी।
आज हीरा जमा करवाया गया
माधव आदिवासी उर्फ रामसिंह उनके लिए मजदूरों से काम करवाता था। कुछ दिनों बाद वह काम से गायब हो गया। 8 जुलाई 2025 को उसने अचानक यह हीरा जमा करवा दिया।
आदिवासी ने उथली हीरा खदान के नाम से जमा करवाया
हीरा अधिकारी रवि पटेल के अनुसार, माधव आदिवासी ने यह हीरा कृष्ण कल्याणपुर की उथली हीरा खदान के नाम से जमा करवाया है। विशेष बात यह है कि जिस खदान के नाम से हीरा जमा किया गया, उसका पट्टा भी उसी दिन जारी किया गया था।
निसार खान और एक अन्य व्यक्ति ने इस पर आपत्ति जताई है। अधिकारियों ने मामले की जांच का आश्वासन दिया है।