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MP Top 10 Waterfalls: मानसून में मध्य प्रदेश के पहाड़ी इलाकों और जंगलों में बसे झरनों की सुंदरता देखते ही बनती है. यहां ऐसे कई प्रसिद्ध झरने हैं जो बारिश में पूरी ताकत और खूबसूरती के साथ बहते हैं. देखें…
बी फॉल, जिसे राजाटोपा झरना भी कहते हैं. मप्र का कश्मीर कहे जाने वाले नर्मदापुरम जिले के पचमढ़ी हिल स्टेशन में स्थित है. यह लगभग 150 फीट की ऊंचाई से गिरता है और इसकी मधुमक्खी जैसी आवाज से ही इसका नाम बी फॉल पड़ा. मानसून में यह झरना तेज बहाव के साथ बहता है और नीचे बना तालाब पर्यटकों को खूब आकर्षित करता है.

धुआंधार वॉटरफॉल मध्य प्रदेश ही नहीं, देश के सबसे खुशबूरत झरनों में शुमार है. यह झरना जबलपुर जिले के भेड़ाघाट क्षेत्र में नर्मदा नदी पर बना है. बारिश के मौसम में जब नर्मदा का जलस्तर बढ़ता है, तो पानी चट्टानों से टकराकर सफेद धुएं जैसी फुहार बनाता है, जिससे इसे “धुआंधार” नाम मिला. यहां मानसून में हजारों सैलानी रोज पहुंचते हैं.

विंध्याचल पर्वत की खूबसूरती और यहां के झरनों को निहारने का एक अलग ही आनंद है. इन्हीं में से एक है पातालपानी वाटरफॉल, जो इंदौर जिले के मौजपुरी गांव में स्थित है, और इंदौर से लगभग 30 किमी दूर है. यह झरना 300 फीट की ऊंचाई से गिरता है और बारिश के मौसम में इसका दृश्य बेहद रोमांचक हो जाता है.

चाचाई झरना सीधी जिले के कोलार गांव के पास स्थित है और बिहार नदी पर बना एक बेहतरीन टूरिस्ट स्पॉट है. यह झरना 430 फीट की ऊंचाई से गिरता है, जो इसे मध्य प्रदेश का सबसे ऊंचा जलप्रपात बनाता है. मानसून में इसकी गर्जना और पानी की फुहारें इसे और भी आकर्षित बना देती हैं. जुलाई-अगस्त में यह झरना अपने पूरे शबाब पर रहता है.

शिवपुरी जिले के करैरा ब्लॉक के आसपास स्थित बहूतिया झरना भी टॉप सूची में शामिल है. यहां एक शांत और खूबसूरत झरना है जो जंगलों के बीच छिपा हुआ है, लेकिन काफी प्रसिद्ध है. मानसून के दौरान इसका बहाव काफी तेज होता है और यहां आने वाले पर्यटकों को यह रोमांचक अनुभव देता है. यहां स्थानीय युवा ट्रैकिंग और पिकनिक के लिए पहुंचते हैं.

रीवा का बहुती जलप्रपात सबसे खूबसूरत वाटरफॉल के लिए जाना जाता है. करी 476 फीट की ऊपर सेगिरने वाला राज्य का सबसे ऊंचा जलप्रपात होने का खिताब रखता है. यह जलप्रपात निहाई या सेलर नदी द्वारा मऊगंज घाटी के किनारे से नीचे गिरते हुए बेलन नदी में मिलता है. इस वाटरफॉल को देखने के लिए दूर-दूर से पर्यटक यहां खींचे चले आते हैं. यहां प्रकृति के एक अद्भुत स्वरूप का दीदार होता है.

प्रदेश के प्रसिद्ध झरनों में गुरु झरना भी शामिल है. बालाघाट जिले के लांजी ब्लॉक में स्थित गुरन वॉटरफॉल जंगलों के बीच बना एक प्राकृतिक झरना है. यह झरना 100 फीट से अधिक ऊंचाई से गिरता है और मानसून में यह जलप्रपात हरियाली और ठंडक का शानदार अनुभव देता है.

महलों और खंडहरों की नगरी धार जिले के मांडू के नजदीक सिंगाना गांव के नजदीक काकड़ा खो झरना इतना प्रसिद्ध है मांडू आने वाले यहां जरूर आते है. एक गहरी खाई में गिरने वाला प्राकृतिक झरना है. यह झरना बारिश के दिनों में बेहद तेज बहाव के साथ बहता है और यहां का दृश्य रोमांचकारी होता है. यह अब एक नया ट्रैकिंग और फोटोग्राफी स्पॉट बन चुका है.

रानी झरना भी एक बेहतरीन लोकेशन है. यह यह झरना अनूपपुर जिले के अमरकंटक क्षेत्र में पहाड़ियों और घने जंगलों के बीच बहता है. बारिश में इसकी धाराएं और हरियाली इसे बेहद मनमोहक बना देती हैं. अमरकंटक के धार्मिक महत्व के कारण यहां पर्यटकों की अच्छी खासी संख्या रहती है.

खरगोन जिले के वन ग्राम सिरवेल में स्थित यह झरना कुंदा नदी पर बना है और स्थानीय लोग इसे सिंदूर झरना या सिरवेल महादेव झरना कहते हैं. यह लगभग 40 फीट ऊंचाई से गिरता है और बारिश में इसका बहाव बेहद तेज हो जाता है. यहां पास ही एक प्राचीन शिव मंदिर है, जिससे यह स्थान धार्मिक और प्राकृतिक रूप से खास बन गया है.