सीटू के बैनर तले आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने शहर में निकाली रैली।
भिंड शहर में बुधवार को आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाएं अपनी लंबित मांगों को लेकर सड़कों पर उतर आईं। उन्होंने सीटू (एकता यूनियन) के बैनर तले रैली निकाली और कलेक्ट्रेट पहुंचकर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। रैली PWD ऑफिस से शुरू होकर परेड चौराहा, स
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आंगनबाड़ी कर्मियों ने न्यूनतम वेतन ₹32,000 और सहायिकाओं को ₹26,000 प्रतिमाह देने की मांग की। साथ ही उन्हें सरकारी कर्मचारी का दर्जा देने, 10 हजार की पेंशन और सेवा निवृत्ति लाभ की व्यवस्था की भी मांग रखी।
टेक होम राशन वितरण में ओटीपी सिस्टम पर आपत्ति टेक होम राशन वितरण के लिए ओटीपी सिस्टम लागू किए जाने पर भी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने आपत्ति जताई। उनका कहना है कि हितग्राहियों के पास मोबाइल और नेटवर्क की सुविधा नहीं है। इस वजह से कई महिलाएं पोषण आहार से वंचित रह जाएंगी।
कलेक्ट्रेट पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने सीटू के बैनर तले नारेबाजी कर प्रदर्शन किया।
आंगनबाड़ी कर्मियों ने ज्ञापन में ये मांगे रखीं
- आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को ₹32,000 और सहायिकाओं को ₹26,000 मासिक वेतन
- सरकारी कर्मचारी का दर्जा
- ₹10,000 की पेंशन और सेवा निवृत्ति लाभ
- केंद्रों पर बिजली-पानी की सुविधा और भवन किराया बढ़ाने की मांग
- रजिस्टर की उपलब्धता और बच्चों की वास्तविक संख्या दर्ज कराने की अनुमति
- अतिरिक्त विभागीय कार्य बंद करने और TA/DA देने की मांग

श्रमिक संगठनों ने निकाली रैली।
आंदोलन की चेतावनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता संगठन की अध्यक्ष साधना सिंह ने कहा कि शासन आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से दोयम दर्जे का व्यवहार कर रहा है। अगर मांगे नहीं मानी गईं तो वे बड़े आंदोलन के लिए मजबूर होंगी। सीटू के जिला सचिव अनिल दोनेरिया ने कहा कि न्यूनतम वेतनमान लागू किया जाए, ताकि छोटे कर्मचारी सम्मानजनक जीवन जी सकें।
श्रमिक संगठनों ने भी निकाली रैली सीटू के नेतृत्व में शहर में देशव्यापी हड़ताल के समर्थन में श्रमिक संगठनों की रैली भी निकाली गई। उन्होंने श्रम और किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ नारे लगाए और बेरोजगारी, महंगाई, लोकतंत्र और संविधान पर हमले के खिलाफ विरोध दर्ज कराया। प्रमुख रूप से देवेंद्र सिंह चौहान, सूरज त्रिपाठी, डॉ. जितेंद्र दीक्षित, अयूब खान, सुरभि दुबे सहित अन्य लोग मौजूद रहे।