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Ground Report: पुल का निर्माण कार्य 2020 में पूरा हुआ था लेकिन उद्घाटन से पहले ही बारिश में पुल धराशायी हो गया. 2021 में फिर से पुल को तैयार किया गया. साइड रेलिंग भी लगाई गई लेकिन रेलिंग रातोंरात गायब हो गई.
इस पुल का निर्माण कार्य साल 2020 में पूरा हुआ था लेकिन उद्घाटन के पहले ही पहली बारिश में पुल धराशायी हो गया. साल 2021 में फिर से पुल को तैयार किया गया. इसमें साइड रेलिंग भी लगी थी लेकिन रेलिंग भी रातोंरात गायब हो गई. अब रेलिंग कहां है, कौन ले गया या चोरी हो गई, किसी को नहीं पता. पुल को बने पांच साल भी नहीं बीते लेकिन इस पर गड्ढे साफ दिखाई दे रहे हैं. इससे भी अजीब बात यह है कि इतने साल बीतने के बाद भी इसे जोड़ने वाली सड़क का निर्माण नहीं कराया जा सका है.
पुल से लेकर गांव तक एक सड़क है. वह फिलहाल ठीक हालत में है लेकिन पुल की सड़क से जुड़ी सड़क पूरी तरह जर्जर है. करीब दो किलोमीटर का भाग पूरी तरह खराब हो चुका है. बारिश कम होती है, तो कीचड़ तैयार हो जाता है. तीन दिन से बारिश हो रही है. ग्रामीणों को कीचड़ से मुक्ति मिले, तो खराब सड़क पर चलना दूभर होता है. अगर इस पर कोई गिरा, तो भारी नुकसान हो सकता है. ग्रामीणों का कहना है कि बारिश के चलते कीचड़ तो बह गया, नहीं तो यहां धान रोपने की पूरी तैयारी थी.
यह जो सड़क है, यह इलाके के करीब दो दर्जन गांवों में रहने वाले वाले लोगों के लिए बेहद जरूरी है. बोनकट्टा पुल बंद होने से इस पुल पर भार बढ़ गया है लेकिन पुल तक पहुंचने में खराब सड़क से गुजरना पड़ता है, जिससे आने-जाने वालों को समस्या का सामना करना पड़ता है. इस पुल से होकर ग्रामीण महाराष्ट्र के तुमसर, भंडारा, रामटेक और नागपुर की ओर जाते हैं. वहीं इस पुल से करीब 400 वाहन हर दिन गुजरते हैं.
ग्रामीण बोले- सड़क बने या बाईपास बने
ग्रामीणों का कहना है कि शासन-प्रशासन को सड़क पर ध्यान देना चाहिए. पुल तो बन गया लेकिन सड़क न बनने से ग्रामीणों को समस्या का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में सरकार एक बाईपास जो गांव के बाहर से निकले या फिर इसी सड़क का चौड़ीकरण करते हुए इसका निर्माण कार्य जल्द से जल्द कराए.
सरपंच बोले- विधायक से लेकर विभाग को दी अर्जी
ग्राम पंचायत बड़पानी के सरपंच दीपक गभने ने लोकल 18 को बताया कि इस सड़क की समस्या ग्रामीण विकसित भारत यात्रा के दौरान क्षेत्र के विधायक गौरव सिंह पारधी को मौखिक और लिखित तौर पर दी गई है. वहीं संबधित विभाग को भी आवेदन दिया गया है. इसके अलावा सड़क पीडब्ल्यूडी को दी गई है. अब मंत्री राकेश सिंह को आवेदन दिया जा रहा है.