केंद्रीय सहकारिता मंत्री के रूप में अमित शाह के 4 साल पूरे हुए। बुधवार गुजरात के आणंद में अमूल और नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड के विकास कार्यों का शुभारंभ हुआ। अमित शाह ने देशभर के सहकारी समितियों से जुड़ी महिलाओं और सदस्यों से संवाद किया।
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खरगोन जिले के भीकनगांव की प्राथमिक कृषि समिति के सदस्य वीरेंद्रसिंह चौहान से भी संवाद किया। समिति ने बीते 6 माह में 8 लाख रुपए की जेनेरिक दवाइयां लोगों तक पहुंचाने पर केंद्रीय मंत्री ने जन औषधि केंद्र की ब्रांडिंग व मार्केटिंग के तरीके बताए।
उन्होंने कहा कि आदिवासी क्षेत्र में गांव-गांव पर्चे लगाकर लोगों बताएं कि उनके केंद्र पर 50 से 90 तक सस्ती दवाई मिलती है। BP की दवा सिर्फ 10 रेट पर मिलती है। इससे जन औषधि केंद्र पॉपुलर होगा।
समिति सदस्य वीरेंद्र सिंह चौहान ने उन्हें बताया केंद्र पर एक B-Pharma केमिस्ट को नियुक्त है। सस्ती एवं सुलभ दवाएं गरीबों तक पहुंचाने घर-घर पर्चे बांटकर केंद्र का प्रचार किया जा रहा है।
अमित शाह ने सभी प्रतिनिधियों को कहा कि PACS को केवल खाद वितरण तक सीमित न रखें। खाली जमीन का उपयोग करें, मशीन किराए पर दें, जनऔषधि केंद्र खोलें, और नई तकनीकों को अपनाएं ताकि गांव आत्मनिर्भर बनें और समितियां खुद लाभ में रहें।
खरगोन के अंदर से समिति सदस्य के अलावा जिला सहकारी बैंक सीईओ संध्या रोकड़े सहित कई सरकारी अफसर जुड़े हुए थे।
अमित शाह ने समिति सदस्यों से यह भी कहा कि देश में उत्पादन और अनाजों की बिक्री से जुड़ी दो लाख नई PACS बनाई जाएंगी। इसके अलावा सहकारी विश्वविद्यालय और डेयरी से जुड़ी तीन नई सहकारी समितियां भी बनाई जाएंगी। इससे देश का सहकारी आंदोलन और मजबूत होगा।
