Happy Birthday Sunil Gavaskar: भारत के पूर्व बल्लेबाज सुनील गावस्कर गुरुवार (10 जुलाई) को 76 साल के हो गए. क्रिकेट के महानतम बल्लेबाजों में शामिल किए जाने वाले इस दिग्गज को ‘लिटिल मास्टर’ भी कहा जाता है. उन्होंने अपने करियर में एक से बढ़कर एक खतरनाक गेंदबाजों का सामना किया और रनों का अंबार लगाया. गावस्कर के समय में तेज गेंदबाजों का बोलबाला था. इसके बावजूद वह बेखौफ होकर खेलते थे. अपनी बल्लेबाजी की तरह ही वो अब कमेंट्री में मशहूर हो चुके हैं.
गावस्कर का करियर
गावस्कर ने भारत के लिए 125 टेस्ट खेले. इस दौरान 51.12 की औसत के साथ 10122 रन बनाए.उनके बल्ले से 34 शतक और 45 अर्धशतक आए. उनके शतकों में चार दोहरे शतक भी शामिल हैं. वहीं, 108 वनडे मुकाबलों मेंगावस्कर ने 35.14 की औसत से 3092 रन बनाए.गावस्कर उस दौर में खेलते थे, जब न तो शानदार बैट होते थे और न ही कोई खास सुरक्षा उपकरण. ऐसे दौर में भी गावस्कर ने कई साहसिक पारियां खेलीं.
ऑस्ट्रेलिया का मशहूर किस्सा
10 जुलाई 1949 को मुंबई में जन्मे सुनील गावस्कर कद-काठी में जितने छोटे थे, क्रिकेट जगत में उनका रुतबा उतना ही बड़ा था. साल 1981 में मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड पर भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच एक ऐसा टेस्ट मैच खेला गया, जिसमें उनके एक फैसले ने क्रिकेट जगत को हिला दिया था. सिडनी में टीम इंडिया सीरीज का पहला मैच गंवा चुकी थी. इसके बाद दूसरा टेस्ट ड्रॉ हुआ और तीसरा मुकाबला मेलबर्न में होना था. भारत को सीरीज बराबरी पर समाप्त करने के लिए किसी भी हाल में इस मैच को जीतना था, लेकिन पिछले दो मैच की तरह इसमें भी खराब अंपायरिंग ने टीम इंडिया को काफी निराश किया. मेलबर्न में तीसरे टेस्ट की पहली पारी में भारतीय टीम महज 237 रन पर सिमट गई. इसके जवाब में ऑस्ट्रेलिया ने 419 रन बना दिए.
ये भी पढ़ें: ब्रैडमैन, सुनील गावस्कर और विराट कोहली…शुभमन बने ‘सुपरमैन’, 25 दिन के अंदर तोड़ देंगे दिग्गजों के ये 5 बड़े रिकॉर्ड!
टीम को ‘वॉकआउट’ के लिए कहा
पहली पारी के आधार पर टीम इंडिया 182 रनों से पीछे थी, मगर दूसरी पारी में भारत की सलामी जोड़ी ने उम्मीदें बांध दीं.सुनील गावस्कर और चेतन चौहान पहले विकेट के लिए 165 रन जोड़ चुके थे. गावस्कर ने 70 रन बना लिए थे. इसी बीच डेनिस लिली की एक गेंद गावस्कर के पैड पर लगी और अंपायर रेक्स व्हाइटफील्ड ने उन्हें एलबीडब्ल्यू आउट दे दिया. गावस्कर इससे नाखुश नजर आए और अंपायर को समझाने की कोशिश की. कुछ पल बाद गावस्कर पवेलियन की ओर कदम बढ़ा चुके थे, लेकिन इसी बीच उन्होंने दूसरे छोर पर मौजूद चेतन चौहान से भी वापस लौटने को कह दिया.
ये भी पढ़ें: टीम इंडिया की फोटो में सचिन-लारा…गौतम गंभीर के रहते विराट कोहली गायब, युवराज सिंह के प्रोग्राम में ये क्या हुआ?
गावस्कर ने बाद में बताया कारण
गावस्कर के कहने पर चेतन चौहान हिचकिचाते हुए वापस पवेलियन की ओर लौटने लगे, लेकिन भारतीय टीम के ग्रुप मैनेजर एसएके दुर्रानी ने समय रहते चौहान को मैदान से बाहर आने से रोक दिया. भारत ने इस पारी में 324 रन बनाए और कपिल देव ने पांच विकेट लेते हुए अगली पारी में मेजबान टीम को महज 83 रन पर समेट दिया. टीम इंडिया ने मैच 59 रन से जीता और सीरीज 1-1 से बराबरी पर खत्म की. हालांकि, कई साल बाद गावस्कर ने खुलासा किया था कि वह अंपायर के फैसले से नाराज नहीं थे, हालांकि निराश जरूर थे. उन्होंने बताया कि जब वह ड्रेसिंग रूम की ओर लौट रहे थे, तो ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी ने उन्हें अपशब्द कहे, जिससे नाराज होकर उन्होंने चेतन चौहान से वापस लौटने को कह दिया.