अगर आज आपको एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन या बस स्टैंड जाना है, तो पहले ये खबर ज़रूर पढ़ लें। क्योंकि शहर में आज टैक्सी और ऑटो सेवाएं पूरी तरह ठप रहेंगी।
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टैक्सी यूनियन कल्याण समिति के आह्वान पर राजधानी में ओला, ऊबर, रैपिडो जैसी निजी ऐप आधारित सेवाओं से जुड़ी 2500 से ज्यादा टैक्सियां और 2000 से अधिक ऑटो हड़ताल पर हैं। यूनियन के बैनर तले चालक सुबह 11 बजे से शाम 5 बजे तक डॉ. अंबेडकर जयंती पार्क में प्रदर्शन करेंगे।
इस हड़ताल का असर भोपाल रेलवे स्टेशन, रानी कमलापति स्टेशन, संत हिरदाराम नगर स्टेशन, राजा भोज एयरपोर्ट, ISBT और अन्य प्रमुख पिकअप पॉइंट्स पर सीधा पड़ेगा। जो लोग एयरपोर्ट, स्टेशन या बस स्टैंड तक पहुंचने की योजना बना रहे हैं।
उन्हें ऑप्शनल साधनों की तलाश करनी होगी क्योंकि ऐप आधारित कैब और ऑटो भी नहीं चलेंगे। इसमें सिर्फ वह ऑटो चलेंगे जो कि बिना रैपिडो या ओला ऊबर से संबंधित नहीं हैं।
शहर में टैक्सी चालकों ने लगाए पोस्टर्स।
शांतिपूर्ण रहेगा प्रदर्शन, पुलिस से ली गई अनुमति यूनियन के राष्ट्रीय सचिव नफीसउद्दीन ने बताया कि यह विरोध प्रदर्शन राजधानी सहित प्रदेशभर के टैक्सी चालकों की उपेक्षा और शोषण के खिलाफ है। प्रदर्शन पूरी तरह शांतिपूर्ण रहेगा और इसके लिए पुलिस प्रशासन से विधिवत अनुमति ली गई है।
यूनियन ने शहरभर में पोस्टर और पंपलेट लगाकर आमजन को अलर्ट किया है। 11 बजे से 5 बजे तक हम अंबेडकर मैदान में धरना देंगे।
टैक्सी यूनियन की प्रमुख मांगें
1. रेलवे स्टेशनों पर अवैध वसूली तत्काल बंद की जाए भोपाल, रानी कमलापति और संत हिरदाराम नगर जैसे रेलवे स्टेशनों पर टैक्सी चालकों से जबरन 10 रुपए प्रति फेरे की राशि वसूली जा रही है, जबकि प्राइवेट वाहनों को वहां 15 मिनट तक फ्री पार्किंग की सुविधा मिल रही है। यह वसूली न तो किसी नियम के अंतर्गत है और न ही उसकी कोई रसीद दी जाती है। प्रतिदिन लगभग 2000 टैक्सियां इन स्टेशनों पर पहुंचती हैं, जिससे हर दिन 20,000 रुपए तक की अवैध वसूली हो रही है। इससे टैक्सी चालकों की आर्थिक स्थिति पर बुरा असर पड़ रहा है।
2. एयरपोर्ट और अन्य पब्लिक पिकअप पॉइंट्स पर उचित पार्किंग सुविधा दी जाए राजा भोज एयरपोर्ट पर ओला-उबर के वाहनों को तो पार्किंग की अनुमति है लेकिन परंपरागत टैक्सी चालकों के लिए कोई उचित व्यवस्था नहीं है। यूनियन का कहना है कि जब वाहन टैक्सी कोटे में रजिस्टर्ड होते हैं, तब से ही उन्हें एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड जैसे स्थानों पर समुचित पार्किंग की सुविधा मिलनी चाहिए।
3. एयरपोर्ट पर प्राइवेट टैक्सियों का अतिक्रमण रोका जाए टैक्सी यूनियन का आरोप है कि एयरपोर्ट पर प्राइवेट वाहन चालक ओला-उबर की बुकिंग को रद्द करवाकर सवारियों को लालच देकर बैठा लेते हैं। इससे न सिर्फ टैक्सी चालकों की आमदनी घट रही है, बल्कि यात्रियों की सुरक्षा भी खतरे में पड़ रही है।

4. अवैध प्राइवेट और टू-व्हीलर टैक्सी सेवाएं बंद की जाएं ओला, उबर, रैपिडो जैसी कंपनियां निजी वाहनों को टैक्सी की तरह चला रही हैं। जिनके पास न फिटनेस है, न कमर्शियल परमिट और न बीमा। जबकि परंपरागत टैक्सी चालकों को हर साल फिटनेस, परमिट, कमर्शियल बीमा जैसे नियमों के तहत 50-60 हजार रुपए का खर्च करना पड़ता है। इससे उनके व्यवसाय पर गंभीर असर पड़ रहा है।
5. निजी टैक्सी कंपनियों पर सरकारी दरें लागू हों यूनियन ने मांग की है कि ओला-उबर जैसी कंपनियों पर भी वही कलेक्टर दरें लागू की जाएं जो परंपरागत टैक्सी चालकों पर लागू होती हैं। वर्तमान में कंपनियां आपसी प्रतिस्पर्धा में मनमाने रेट तय करती हैं, जिससे चालकों को नुकसान होता है।
6. फिटनेस मशीनों में तकनीकी गड़बड़ियों को सुधारा जाए यूनियन ने बताया कि परिवहन विभाग की फिटनेस मशीनें सही तरीके से काम नहीं कर रहीं। थोड़ी सी भी तकनीकी चूक पर वाहन फिटनेस से बाहर कर दिया जाता है, जिससे चालकों को आर्थिक नुकसान होता है।
7. पैनिक बटन के नाम पर अवैध वसूली बंद की जाए टैक्सी वाहनों में लगाए जा रहे पैनिक बटन की कीमत बाजार में 4000 रुपए है लेकिन उससे 13,000 रुपए तक की वसूली की जा रही है। इसके अलावा अधिकतर मामलों में पैनिक बटन ठीक से काम भी नहीं कर रहा।
8. यूनियन के लिए स्थायी कार्यालय की व्यवस्था की जाए टैक्सी यूनियन ने मांग की है कि उसे तुलसी नगर, भोपाल में G टाइप या F टाइप का शासकीय आवास आवंटित किया जाए, ताकि संगठन का संचालन सुचारु रूप से किया जा सके।