भोपाल से सर्जन करेगा रीवा में भर्ती मरीज की सर्जरी: डॉ. युगल बोले- टेली-मेडिसिन नहीं अब टेली-सर्जरी का दौर; अधिक चिड़चिड़ापन ह्रदय रोग का संकेत – Bhopal News

भोपाल से सर्जन करेगा रीवा में भर्ती मरीज की सर्जरी:  डॉ. युगल बोले- टेली-मेडिसिन नहीं अब टेली-सर्जरी का दौर; अधिक चिड़चिड़ापन ह्रदय रोग का संकेत – Bhopal News



देश के जाने-माने कार्डियक सर्जन डॉ. युगल किशोर मिश्रा ने चिंता व्यक्त की है कि बढ़ती चिड़चिड़ाहट कम आयु में ही लोगों को हृदय रोगी बना रही है। दैनिक भास्कर से चर्चा में मणिपाल इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियक साइंसेज के चेयरमैन डॉ. मिश्रा ने कहा कि शहरीकरण और

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डॉ. मिश्रा के अनुसार, इन सब के बीच तकनीक में भी लगातार सुधार आ रहा है। अब टेली सर्जरी का दौर आ रहा है। भारत में ऐसी सर्जरी होने भी लगी हैं जिसमें डॉक्टर और मरीज के बीच लंबी दूरी होती है। लेकिन, रोबोट की मदद से बिल्कुल सटीक सर्जरी होती हैं। भोपाल में भी हाल में एक निजी अस्पताल में ऐसा ही एक रोबोट इंस्टॉल किया गया है। वो समय अब दूर नहीं है जब दिल्ली या भोपाल में बैठे सर्जन रीवा में भर्ती मरीज की सर्जरी करेंगे।

नींद पूरी न होने से कोशिकाएं नहीं होतीं दुरुस्त डॉ. मिश्रा ने बताया कि भागदौड़ भरे जीवन में लोग 6 घंटे से भी कम सो रहे हैं, जबकि एक व्यक्ति को 8 घंटे की नींद लेना जरूरी है। नींद में शरीर की कोशिकाएं दुरुस्त होती हैं और शरीर को ठीक होने का समय मिलता है। इसमें कमी होने से मानसिक से लेकर शारीरिक समस्याएं होने लगती हैं। हालांकि कुछ लोगों के शरीर की जरूरत ही 4 घंटे की नींद की होती है, लेकिन यह नियम हर व्यक्ति के शरीर पर लागू नहीं होता है।

घी खाना गलत नहीं डॉ. मिश्रा ने कहा कि घी खाना गलत नहीं है। हमने बचपन में देखा है कि लोग खूब घी खाते थे और स्वस्थ होते थे। इसकी वजह यह थी कि घी खाने के बाद वे पर्याप्त शारीरिक मेहनत करते थे, जो घी को पचाने में मदद करता था। उन्होंने कहा कि अब हम चीज़ें तो बहुत सारी खा रहे हैं, लेकिन उसे पचाने के लिए जरूरी परिश्रम नहीं कर रहे हैं। इससे पहले मधुमेह होता है, बीपी बढ़ने लगता है, दिल की नसों में ब्लॉकेज/रुकावट आ जाते हैं और फिर एक दिन अचानक बीपी तेजी से बढ़ता है और जो नसों में ब्लॉकेज होते हैं, वे फट जाते हैं, जिससे पूरी नस ही अवरुद्ध हो जाती है। यही हार्ट अटैक है।

महिलाओं में हृदय की सर्जरी मुश्किल डॉ. मिश्रा ने बताया कि पुरुषों के मुकाबले महिलाओं का दिल छोटा होता है और इससे निकलने वाली धमनियां भी छोटी होती हैं। ऐसे में उनमें हृदय रोग ज्यादा घातक होते हैं। साथ ही, इनमें एंजियोग्राफी करना और एंजियोप्लास्टी करना भी मुश्किल होता है।

रोबोट की मदद से टेली सर्जरी का भविष्य डॉ. मिश्रा ने कहा कि जल्द टेली सर्जरी का समय आने वाला है। यह अब नए रोबोट की मदद से संभव हो सकेगा। भारत में ही अब नए-नए और उन्नत रोबोट बन रहे हैं। उन्होंने गुड़गांव की एक फैक्ट्री का उदाहरण दिया, जिसने हाल ही में एक सर्जरी की जिसमें रोबोट का कंसोल गुड़गांव में था (जिस पर सर्जन बैठकर पूरे सिस्टम को कंट्रोल करता है), वहीं जिस मरीज की सर्जरी हुई वह मणिपाल अस्पताल जयपुर में भर्ती था, जहां रोबोटिक आर्म्स ने डॉक्टर के निर्देश पर पूरी सर्जरी की।



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