मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ गोविंद सिंह चौहान की फाइल फोटो।
मंदसौर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ गोविंद सिंह चौहान ने विभाग पर लगे सभी आरोपों को खारिज कर दिया है। जिला पंचायत की 11 जुलाई को हुई साधारण सभा की बैठक में उन्होंने स्पष्टीकरण दिया।
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डॉ. चौहान ने कहा कि अटैचमेंट व्यवस्था केवल प्रशासनिक सुविधा के लिए है। अटैचमेंट नियुक्तियों में 50 हजार से 2 लाख रुपए तक की वसूली के आरोप निराधार हैं। इस व्यवस्था में कोई आर्थिक लेनदेन नहीं होता है।
‘रिक्त पदों पर ही की जाती हैं नियुक्तियां’ सीएमएचओ ने अनुकंपा नियुक्तियों में कथित वसूली के आरोपों को भी गलत बताया। उन्होंने स्पष्ट किया कि ये नियुक्तियां सरकारी नियमों के अनुसार रिक्त पदों पर ही की जाती हैं। साथ ही, नर्सिंग कॉलेज में फर्जी डिग्रीधारी को प्राचार्य बनाने का आरोप भी खारिज किया। उन्होंने बताया कि प्राचार्य की नियुक्ति और योग्यता का सत्यापन शासन स्तर पर होता है।
‘हर फाइल पर होते हैं अधिकारियों के हस्ताक्षर’ स्वास्थ्य विभाग की ओर से स्पष्ट किया गया कि सभी निर्णय सामूहिक विचार-विमर्श से लिए जाते हैं और हर फाइल पर संबंधित अधिकारियों के हस्ताक्षर होते हैं। आयुष्मान योजना में अनियमितता की शिकायत मिलने पर राज्य स्तर को सूचित किया जाता है।
‘जनहित में काम करने के लिए प्रतिबद्ध है विभाग’ विभाग ने जिला पंचायत सदस्यों से तथ्यात्मक जानकारी पर भरोसा करने का आग्रह किया है। साथ ही ये भी स्पष्ट किया कि विभाग जनहित में काम करने के लिए प्रतिबद्ध है और तथ्यों पर आधारित शिकायतों और सुझावों का स्वागत करता है।