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How To Make Dal Paratha: मानसून में आमरस के साथ इसे खाने का चलन और अधिक बढ़ जाता है. बच्चों से बुजुर्ग तक इसे रोज़ के खाने में पसंद कर रहे हैं… चलिए जानते हैं इसे बनाने की प्रक्रिया..
हाइलाइट्स
- दाल पराठा बघेलखंड की रसोई की पहचान है
- आमरस के साथ दाल पराठा मानसून में लोकप्रिय है
- दाल पराठा स्वादिष्ट और प्रोटीन से भरपूर होता है
लोकल 18 से बात करते हुए स्थानीय निवासी मीणा द्विवेदी बताती हैं, दाल पराठा न सिर्फ़ पारंपरिक व्यंजन है, बल्कि अब यह हेल्दी ब्रेकफास्ट का बेहतर विकल्प बन चुका है. खास बात ये कि जब आम का सीजन आता है तो बघेलखंड के ज्यादातर घरों में दाल के पराठे या दाल पूड़ी को आमरस के साथ परोसा जाता है. यह परंपरा वर्षों से चली आ रही है. आज भी उतनी ही लोकप्रिय है.
दाल पराठा बनाने की विधि भी बेहद सरल है. सबसे पहले एक कटोरी चने की दाल को तीन कटोरी पानी में भिगोकर 4-5 घंटे के लिए छोड़ दिया जाता है. जब दाल फूल जाए तो उसे हल्के हल्दी और नमक के साथ उबालकर या फिर जीरा, हींग, हरी मिर्च और हल्के मसालों के साथ भूनकर पकाया जाता है. फिर इस दाल को ठंडा करके मिक्सी में पीस लिया जाता है और आटे में भरकर पराठा बेल लिया जाता है. इसके बाद नार्मल पराठे की तरह सेंककर यह तैयार हो जाता है. इस व्यंजन की खास बात यह है कि यह बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी को पसंद आता है. जहां एक ओर यह स्वादिष्ट होता है वहीं दूसरी ओर यह प्रोटीन से भरपूर होने के कारण स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है.
पुरानी परंपरा, नया स्वाद
बदलते खानपान और लाइफस्टाइल के इस दौर में भी बघेलखंड की यह देसी रेसिपी लोगों की थाली में टिकी हुई है. यह सिर्फ़ खाने का आइटम नहीं बल्कि एक सांस्कृतिक स्वाद है जो हर पीढ़ी को जोड़ता है. आमरस के साथ खाए जाने वाले दाल पराठे बघेलखंड की रसोई की पहचान बन चुके हैं.