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- Indore Manoramganj Murder Accused Arrested By Crime Branch And Palasia Police
इंदौर38 मिनट पहले
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पुलिस ने आरोपी को खंडवा के पास से गिरफ्तार किया।
- क्राइम ब्रांच और पलासिया पुलिस ने मनोरमागंज में हुए गार्ड के अंधेकत्ल का 36 घंटे में खुलासा कर आरोपी को गिरफ्तार किया
- आरोपी और गार्ड दोनों पहले से एक-दूसरे को जानते थे, आरोपी ने गार्ड को 7 हजार रुपए उधार दिए थे, जिसे वह लेने गया था
शुभ-लाभ अपार्टमेंट के गार्ड की शनिवार को चेंजिंग रूम में गला रेत कर हत्या के मामले का सोमवार को पुलिस ने खुलासा कर दिया। हत्यारा कोई और नहीं, उसका साथी गार्ड ही निकला। आरोपी 7 हजार रुपए उधारी लेने पहुंचा था। यहां चाय पीने के बाद दोनों में लेनदेन को लेकर विवाद हुआ। इससे गुस्से में आए आरोपी ने गार्ड के सिर पर तीन बार डंडे से वार किया, उसके जमीन में गिरते ही चाकू से गला रेत दिया। हत्या के बाद आरोपी गार्ड को लहूलुहान हालत में छोड़कर बाहर से ताला लगाकर भाग गया था। लोगों ने रात करीब 10 बजे उसे रूम में पड़ा देख पुलिस को सूचना दी थी।
यह है मामला
घटना 22 अगस्त की रात की है। पलासिया क्षेत्र स्थित शुभ-लाभ अपार्टमेंट बिल्डिंग के पार्किंग के किनारे बने गार्ड रूम के भीतर गार्ड रामबाबू पिता शिवनारायण राजपूत की गला रेती लाश मिली थी। हत्यारोपी ने रामबाबू के खून से लथपथ लाश को कमरे में छोड़कर बाहर से ताला बंद कर दिया था। रहवासियाें को रामबाबू शाम से लेकर रात तक नहीं दिखा, साथ ही गार्ड रूम में ताला भी लगा था। इस पर रहवासियों ने खिड़की के भीतर झांककर देखा तो वह खून से लथपथ पड़ा था। इस पर पुलिस को सूचना दी गई। मौके पर पहुंची पलासिया पुलिस ने कमरे का ताला तोड़कर जांच की तो गार्ड रामबाबू की धारदार हथियार से गला रेतकर हत्या करना पाया।

हत्याकांड को अंजाम देने के बाद आरोपी बाहर से कमरे का ताला लगाकर भाग गया था।
आरोपी ने दिया वारदात को अंजाम
रामबाबू डेढ़ माह पहले शुभ-लाभ अपार्टमेंट में बबलू सिसौदिया एजेंसी के मैनेजर के जरिए तैनात हुआ था। उसे 7 हजार रुपए वेतन मिलना तय हुआ था। उसकी यहां सुबह 8 से शाम 8 बजे तक ड्यूटी थी। वह मूलत: रायसेन जिले का रहने वाला था और यहां राजीव आवास विहार में परिवार समेत रह रहा था। रामबाबू के दोनों भाई भी गार्ड की नौकरी करते हैं। जांच में पता चला कि रामबाबू के पहले इस बिल्डिंग में महेश कैथवास नामक गार्ड काम करता था, तब रामबाबू शिवओम काॅम्पलेक्स मंगल सिटी के सामने गार्ड का काम करता था। महेश के लाॅकडाउन में घर जाने के कारण रामबाबू को नौकरी पर यहां भेज दिया गया था। इसी सिक्योरिटी एजेंसी में काम करने की वजह से रामबाबू की पहचान महेश से हो गई थी।
7 हजार रुपए के लेन-देन का विवाद
महेश से रामबाबू ने 7 हजार रुपए उधार लिए थे। महेश अपने भाई के साथ सोमनाथ की जूनी चाल में किराए के मकान में रह रहा था, उसे कोई काम नहीं मिल रहा था। इस कारण उसे रुपए की जरूरत थी। इस पर उसने रामबाबू से रुपए वापस मांगे। रामबाबू ने रुपए देने से मना किया तो दोनों के बीच विवाद हो गया।। पैसे नहीं होने पर आरोपी जिस मकान में किराए से रहता था, उसका किराया भी नहीं दे पा रहा था। इस कारण उस दिन आरोपी रुपए वसूलने के इरादे से रामबाबू के पास पहुंचा था। रामबाबू और महेश दोनों ने कमरे में बैठकर चाय पी, तभी उधारी के रुपए के लेन-देन को लेकर दोनों में फिर से विवाद हो गया, जिसके चलते आरोपी ने रामबाबू को पहले डंडे से मारा, इसके बाद चाकू से गला रेत कर कमरे का बाहर से ताला लगाकर भाग गया।
पुराने पहचान की जांच की तो आरोपी गिरफ्त में आया
पुलिस के अनुसार, पुराने जान-पहचान वालों की लिस्ट निकाली गई तो मुकेश कैथवास का नाम सामने आया, जो कभी-कभी रामबाबू से मिलने आया करता था। लेनदेन की बात सामने आने पर पुलिस का शक महेश पर गया और उसे खंडवा के पास से गिरफ्तार कर लिया गया। आरोपी यह जानता था कि इस बिल्डिंग में ना तो कैमरा है और ना ही ऊपर आवाज जाती है। इसलिए उसने घटना को कमरे के अंदर अंजाम दिया।
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