बीजेपी के जश्न में पवैया के सिद्धांतों की दीवार, ‘सांप की दो जीभ’ के क्या हैं मायने ?  | bhopal – News in Hindi

बीजेपी के जश्न में पवैया के सिद्धांतों की दीवार, ‘सांप की दो जीभ’ के क्या हैं मायने ?  | bhopal – News in Hindi


पवैया और सिंधिया के हाथ तो मिले लेकिन तकरार जारी है

ग्वालियर (Gwalior) में सदस्यता अभियान के पहले दिन ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya scindia) की मंच पर जयभान सिंह पवैया से मुलाकात तो हुई लेकिन सिर्फ हाथ मिले दिल नहीं.

भोपाल. ग्वालियर चंबल संभाग में तीन दिन तक चले बीजेपी (BJP) के मेगा सदस्यता अभियान के बाद एक तरफ जहां बीजेपी, कांग्रेस में सबसे बड़ी सेंध का जश्न मना रही है तो वहीं दूसरी तरफ उसे अपने ही नेताओं के सिद्धांतों की दीवार से टकराना पड़ रहा है. ग्वालियर- चंबल में सिंधिया और महल की राजनीति के विरोधी बीजेपी में सबसे मुखर चेहरा रहे जय भान सिंह पवैया के एक ट्वीट से सियासी गलियारों में कई तरह की अटकलें चल रही हैं. सवाल खड़े हो रहे हैं कि आखिरकार जयभान सिंह पवैया ने यह बातें क्यों और किसके लिए लिखी हैं ?

ग्वालियर में बीजेपी के मेगा सदस्यता अभियान के तीसरे और आखिरी दिन जय भान सिंह पवैया ने एक ट्वीट किया. इस ट्वीट में उन्होंने लिखा कि सांप की दो जीभ होती हैं और इंसान की एक. सौभाग्य से हम तो मनुष्य हैं न, राजनीति में वक्त के साथ दोस्त और दुश्मन तो बदल सकते हैं मगर जो सैद्धांतिक मुद्दे मेरे लिए कल थे वे आज भी हैं. जय भान सिंह पवैया के इस ट्वीट को सीधे तौर पर सिंधिया पर निशाने के नजरिए से देखा जा रहा है.

हाथ मिले पर क्या दिल मिलेंगे ?
बीजेपी में शामिल होने के बाद ग्वालियर पहुंचे ज्योतिरादित्य सिंधिया के दौरे के दौरान सबकी निगाहें इस बात पर टिकी थीं कि आखिरकार राजनीति के दो धुर विरोधी एक मंच पर किस तरह व्यवहार करते हैं? ग्वालियर में सदस्यता अभियान के पहले दिन ज्योतिरादित्य सिंधिया की मंच पर जयभान सिंह पवैया से मुलाकात तो हुई लेकिन सिर्फ हाथ मिले दिल नहीं. तस्वीरों में साफ देखा गया कि दोनों के बीच पुरानी तकरार व्यवहार में बरकरार थी. सूत्रों की मानें तो जय भान सिंह पवैया के ट्वीट के बाद सिंधिया ने इस सिलसिले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से बात भी की.

धुर विरोधी हैं सिंधिया और जयभान
ग्वालियर चंबल की राजनीति में सिंधिया खानदान का अच्छा खासा दबदबा है. इसका मुकाबला करने के लिए बीजेपी की ओर से जयभान सिंह पवैया ने हमेशा विरोध का झंडा बुलंद किया. माधवराव से लेकर ज्योतिरादित्य सिंधिया के खिलाफ जय भान सिंह पवैया ने चुनाव लड़ा. लिहाजा यह पहले से तय था कि सिंधिया के बीजेपी में शामिल होने के बाद जय भान सिंह पवैया से वैचारिक तौर पर उनका दिल मिलना लगभग नामुमकिन सा है.यही अब सार्वजनिक तौर पर नजर भी आ रहा है. अगर यह तकरार इसी तरह बरकरार रही तो फिर उपचुनाव में बीजेपी के लिए यह मुश्किल भरा हो सकता है.





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