Sehore News : खाद के लिए किसान लाइन में, कालाबाजारी जोरों पर; कांग्रेस ने खोला मोर्चा

Sehore News : खाद के लिए किसान लाइन में, कालाबाजारी जोरों पर; कांग्रेस ने खोला मोर्चा


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Sehore News : मध्य प्रदेश के सीहोर जिले की रेंहटी और भैरूंदा तहसील में यूरिया और डीएपी खाद की भारी किल्लत सामने आई है. किसान सुबह से लाइन में लगे हैं, लेकिन सहकारी समितियों के ताले तक नहीं खुले. कांग्रेस नेता व…और पढ़ें

सीहोर में खाद को लेकर किसान परेशान है.

हाइलाइट्स

  • खाद वितरण में कालाबाजारी.
  • सहकारी समितियों पर ताले.
  • किसान संगठनों का प्रदर्शन.
प्रदीप एस चौहान
सीहोर. मध्य प्रदेश में यह दावा बार-बार होता है कि किसानों के लिए खाद की कोई कमी नहीं है, लेकिन जमीनी हकीकत इससे उलट नजर आ रही है. सीहोर जिले के रेंहटी और भैरूंदा क्षेत्रों में खाद की किल्लत ने किसानों की कमर तोड़ दी है. सहकारी समितियों में ताले जड़े हैं और किसान सुबह से शाम तक कतारों में खड़े रहने को मजबूर हैं. छोटे किसानों को जहां यूरिया और डीएपी के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है, वहीं बड़े और रसूखदार किसान आसानी से जरूरत से ज्यादा खाद उठा रहे हैं. इस असमानता और वितरण में गड़बड़ी से कई सवाल खड़े हो रहे हैं.

रेंहटी में खाद वितरण केंद्रों के बंद होने पर कांग्रेस नेता विक्रम मस्ताल शर्मा मौके पर पहुंचे और अधिकारियों से तीखी बहस के बाद केंद्र खुलवाया. उन्होंने आरोप लगाया कि यहां अफसर खुद मान रहे हैं कि खाद की भारी कमी है, लेकिन फिर भी जिम्मेदार मौन हैं. उन्होंने पूछा कि जब किसान सड़कों पर हैं, तो सरकार किसानों की दोहरी आय कैसे सुनिश्चित करेगी? लाड़कुई गांव में स्थिति और गंभीर है. वहां यूरिया खाद की कालाबाजारी हो रही है. सरकारी मूल्य 266 रुपए प्रति बोरी है, लेकिन किसानों से 300 से 350 रुपए वसूले जा रहे हैं. इसी को लेकर किसान संगठन ने एसडीएम भैरूंदा को ज्ञापन सौंपा और कार्रवाई की मांग की. किसानों का यह भी आरोप है कि उन्हें जबरन नैनो यूरिया थमाया जा रहा है, जिसकी उन्हें आवश्यकता नहीं.

अमानक बीज थमाया, कई खेतों में नहीं उगी फसल
दूसरी तरफ, अमानक बीज देने से कई किसानों की फसलें खेतों में उग ही नहीं पाईं, जिससे और नुकसान हुआ. बारिश के कारण सोयाबीन और मक्का की फसलें भी गल रही हैं, ऐसे में किसानों को यूरिया की तुरंत आवश्यकता है. खाद की किल्लत, महंगे दाम और प्रशासन की अनदेखी ने किसान संगठनों को सड़कों पर ला दिया है. लाड़कुई में चक्काजाम किया गया, जिसमें कई गांवों के सैकड़ों किसानों ने भाग लिया.

Sumit verma

सुमित वर्मा, News18 में 4 सालों से एसोसिएट एडीटर पद पर कार्यरत हैं. बीते 3 दशकों से सक्रिय पत्रकारिता में अपनी अलग पहचान रखते हैं. देश के नामचीन मीडिया संस्‍थानों में सजग जिम्‍मेदार पदों पर काम करने का अनुभव. प…और पढ़ें

सुमित वर्मा, News18 में 4 सालों से एसोसिएट एडीटर पद पर कार्यरत हैं. बीते 3 दशकों से सक्रिय पत्रकारिता में अपनी अलग पहचान रखते हैं. देश के नामचीन मीडिया संस्‍थानों में सजग जिम्‍मेदार पदों पर काम करने का अनुभव. प… और पढ़ें

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