पूरी रात बैठे रहे सीढ़ियों पर, देखते ही देखते बेडरूम बना तालाब, अब अगली बारिश में क्या होगा?

पूरी रात बैठे रहे सीढ़ियों पर, देखते ही देखते बेडरूम बना तालाब, अब अगली बारिश में क्या होगा?


Last Updated:

Chhatarpur News: छतरपुर में मूसलाधार बारिश से घर में पानी भर गया. टॉर्च की रोशनी में मां बच्चों से बोली – रोओ मत बेटा, शायद थोड़े चावल बचे होंगे. पढ़िए भावुक रिपोर्ट.

हाइलाइट्स

  • सिस्टम की बेरुखी और एक मां की मजबूरी की कहानी.
  • घरों में रखे बिस्तर, सोफा, गद्दे सब पानी में भीग चुके हैं.
  • अब तो डर लग रहा है कि अगली बारिश में क्या होगा.

छतरपुर : मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले में मंगलवार रात हुई मूसलाधार बारिश ने कई परिवारों की नींद ही नहीं, ज़िंदगी भी उजाड़ दी. वार्ड नंबर 24 की एक झोपड़ीनुमा पक्की दीवारों वाला घर बारिश के पानी से भर गया ऐसा लगा जैसे घर नहीं, कोई छोटा स्विमिंग पूल हो. घर में रहने वाली मरजीना बानो अपने बच्चों के साथ पूरी रात टॉर्च की रोशनी में पानी को बढ़ते देखती रहीं. मोबाइल की टॉर्च से रोशनी करते हुए उन्होंने बच्चों से कहा कि “रो मत बेटा… शायद थोड़े चावल बचे होंगे.”

बिजली गुल, रातभर टॉर्च का सहारा

बारिश के साथ ही शाम से बिजली गुल हो गई. इन्वर्टर बंद होने के बाद, रोशनी का इकलौता ज़रिया मोबाइल की टॉर्च थी. परिवार पूरी रात सीढ़ियों पर बैठा रहा क्योंकि घर के हर कमरे बेडरूम से लेकर रसोई तक में पानी भर चुका था.

राशन भी डूबा, बच्चे भूखे

मरजीना बताती हैं, “रसोई में रखा आटा, चावल, दाल सब भीग गया. कुछ चावल शायद बच गए हों, वही सुबह बच्चों को खिलाएंगे. बच्चों ने पूरी रात कुछ नहीं खाया. हम तो बस बैठे रहे, आंखों से आंसू और पैरों के नीचे पानी…”

बेड, सोफा सब तैरने लगे

घरों में रखे बिस्तर, सोफा, गद्दे सब पानी में भीग चुके हैं. कुछ तो literally तैरने लगे. मरजीना कहती हैं, “हमने कभी सोचा नहीं था कि पक्का मकान इस तरह डूब जाएगा. अब तो डर लग रहा है कि अगली बारिश में क्या होगा.”

प्रशासन से गुहार

अब तक प्रशासन की तरफ से कोई सहायता नहीं पहुंची है. न कोई पूछने आया, न कोई मदद. मरजीना और उनका परिवार अब इस चिंता में है कि अगर आज फिर बारिश हुई, तो वे जाएंगे कहां?

homemadhya-pradesh

पूरी रात बैठे रहे सीढ़ियों पर, देखते ही देखते बेडरूम बना तालाब, अब …



Source link