चाहकर भी कोच को बाहर नहीं कर पा रहा पीसीबी, 45 करोड़ की लग सकती है चपत

चाहकर भी कोच को बाहर नहीं कर पा रहा पीसीबी, 45 करोड़ की लग सकती है चपत


Last Updated:

PCB-Azhar Mahmood: पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड इस समय पशोपेश में है. रेड बॉल क्रिकेट टीम के अंतरिम कोच अजहर महमूद को वह चाहकर भी नहीं हटा पा रहा है. अगर पीसीबी अजहर को उनके पद से समय से पहले हटाता है तो उसे 45 करोड…और पढ़ें

अजहर महमूद और पीसीबी एक दूसरे से खुश नहीं.

नई दिल्ली. अजहर महमूद को पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड अंतरिम कोच पद से हटाना चाहता है. लेकिन इस समय वह मुश्किलों में घिर गया है. अगर अजहर को पीसीबी ने उनके कार्यकाल से पहले हटाया तो उसे 45 करोड़ पाकिस्तानी रुपये की चपत लग सकती है. पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के पिछले प्रबंधन के साथ उनके अनुबंध के कारण ऐसा करने में असमर्थ है. पीसीबी के एक करीबी सूत्र ने बताया कि महमूद को अगर उनके अनुबंध समाप्त होने से पहले रिलीज किया जाता है, तो पीसीबी को उन्हें छह महीने के वेतन का मुआवजा देना होगा. यह रकम लगभग 45 करोड़ पाकिस्तान रुपये (13.60 करोड़ भारतीय रुपये) है.

इस अंदरूनी सूत्र ने कहा, ‘यही कारण है कि पीसीबी (PCB) ने हाल ही में उन्हें राष्ट्रीय टेस्ट टीम का अंतरिम मुख्य कोच नियुक्त किया है. अजहर महमूद (Azhar Mahmood) का अनुबंध अगले साल अप्रैल-मई में समाप्त हो रहा है.’ न्होंने बताया कि पीसीबी इस पूर्व हरफनमौला को प्रति माह लगभग 75 लाख पाकिस्तानी रुपये का वेतन दे रहा है. सूत्र के मुताबिक, ‘यह समस्या तब सामने आई जब हाल ही में नियुक्त सीमित ओवरों के मुख्य कोच माइक हेसन ने यह स्पष्ट कर दिया कि उन्हें अपने मुताबिक स्पोर्ट स्टाफ चाहिये और महमूद उनकी पसंद में शामिल नहीं है.

पीसीबी के सामने यह बड़ी समस्या

सूत्र ने कहा, ‘इससे पीसीबी के सामने यह बड़ी समस्या आ गई कि महमूद की विशेषज्ञता का उपयोग कैसे किया जाए ताकि उन्हें इतनी मोटी रकम देने को उचित ठहराया जा सके. बोर्ड उन्हें छह महीने के वेतन के साथ कार्यमुक्त नहीं करना चाहता था. बोर्ड में जिस तरह से काम हो रहा है उससे अजहर खुद भी खुश नहीं हैं. उन्होंने राष्ट्रीय जूनियर टीम की जिम्मेदारी देने का अनुरोध किया था लेकिन उन्हें पीसीबी के कुछ अंदरूनी सूत्रों से विरोध का सामना करना पड़ा है.

इस सूत्र बताया कि पीसीबी को चैंपियंस कप आयोजनों में घरेलू टीमों के मेंटोर के रूप में वकार यूनिस, सकलैन मुश्ताक, मिस्बाह उल हक और सरफराज अहमद को उनके अनुबंधों से मुक्त करने की कोशिश करते हुए भी वित्तीय देनदारियों का सामना करना पड़ा था. इस टूर्नामेंट को हालांकि सिर्फ एक सत्र के बार रद्द कर दिया गया.

Kamlesh Raiचीफ सब एडिटर

करीब 15 साल से पत्रकारिता में सक्रिय. दिल्ली यूनिवर्सिटी से पढ़ाई. खेलों में खासकर क्रिकेट, बैडमिंटन, बॉक्सिंग और कुश्ती में दिलचस्पी. IPL, कॉमनवेल्थ गेम्स और प्रो रेसलिंग लीग इवेंट्स कवर किए हैं. फरवरी 2022 से…और पढ़ें

करीब 15 साल से पत्रकारिता में सक्रिय. दिल्ली यूनिवर्सिटी से पढ़ाई. खेलों में खासकर क्रिकेट, बैडमिंटन, बॉक्सिंग और कुश्ती में दिलचस्पी. IPL, कॉमनवेल्थ गेम्स और प्रो रेसलिंग लीग इवेंट्स कवर किए हैं. फरवरी 2022 से… और पढ़ें

homecricket

चाहकर भी कोच को बाहर नहीं कर पा रहा पीसीबी, 45 करोड़ की लग सकती है चपत



Source link