आबादी से ज्यादा समग्र ID, सामने आया चौंकाने वाला डाटा तो दंग रह गए अधिकारी

आबादी से ज्यादा समग्र ID, सामने आया चौंकाने वाला डाटा तो दंग रह गए अधिकारी


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MP News: मध्य प्रदेश के कटनी से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. यहां समग्र आईडी के नाम पर फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है. जनसंख्या से ज्यादा आईडी बना दी गई. मामले सामने आने के बाद अब आईडी को रद्द करने का आद…और पढ़ें

कटनी में समग्र आईडी के नाम पर फर्जीवाड़ा.

हाइलाइट्स

  • मध्य प्रदेश के कटनी से फर्जीवाड़े का चौंकाने वाला मामला
  • जनसंख्या से ज्यादा बना दी गई समग्र आईडी
  • आंकड़े सामने आने के बाद जांच के आदेश
नारायण गुप्ता

कटनी. मध्य प्रदेश के कटनी जिले में समग्र आईडी बनाने की होड़ में जिला प्रशासन ने 82 हजार फर्जी समग्र ID बना दिया है. मामला का खुलासा तब हुआ जब समग्र ID की संख्या शहरीय क्षेत्र की जनसंख्या से अधिक निकली. इसके बाद एक्शन में आए जिला प्रशासन ने फौरन जांच करवाते हुए फर्जी ID को डिलीट करवाने का निर्देश दिए गए. कटनी शहरीय क्षेत्र के आमजनों को योजनों का लाभ दिलाने और उनकी पहचान के लिए 15 साल पहले समग्र ID बनाने का काम शुरू किया गया था. लेकिन लापरवाह जिला प्रशासन ने 2025 आते तक इस समग्र ID को इतने व्यापक स्तर में बना दिया कि वो शहर की आबादी से भी ज्यादा पहुंच गई.

बात आंकड़ों की करें तो शहरीय क्षेत्र की अनुमानित जनसंख्या 2 लाख 86 हजार 269 है, जबकि समग्र आईडी की संख्या 3 लाख 68 हजार 105 बनी मिली है यानी आबादी से करीब 82 हजार ज्यादा. आंकड़ा जैसे ही जब राज्य स्तर पर पहुंचा तो पूरे मंत्रालय में हड़कंप मच गया और आनन फानन में जांच के आदेश जारी किए गए.

आईडी का हुआ गलत इस्तेमाल

2010 में मध्य प्रदेश सरकार ने समग्र आईडी को शासकीय योजनाओं की अनिवार्य शर्त बनाया. मकसद था एक व्यक्ति, एक पहचान. लेकिन कटनी में इस व्यवस्था का ऐसा दुरुपयोग हुआ कि कई लोगों ने दो-दो, तीन-तीन समग्र आईडी बनवा लीं. कभी पत्नी मुखिया बनी, कभी पति. कई बार एक ही परिवार के सदस्यों ने अलग-अलग नामों और पते से नई आईडी बनवाईं ताकि योजनाओं का लाभ मिलता रहे. समस्या यहीं तक नहीं रुकी. कुछ लोगों की आईडी बनी, लेकिन वे नौकरी के चलते शहर से चले गए या उनका निधन हो गया. सालों बाद उनके परिजनों ने नई आईडी बनवा ली. नतीजा, एक ही व्यक्ति की दो-दो समग्र आईडी सिस्टम में दर्ज होती गईं.

ऐसे हुआ खुलासा

इस फर्जीवाड़े की भनक तब लगी जब 2024 में ई-पोर्टल पर डाटा अपडेट हुआ और राज्य शासन ने जांच के आदेश दिए. नगर निगम और तहसीलों में स्क्रूटनी शुरू हुई. पिछले एक साल से अब तक 82 हजार से ज्यादा डुप्लीकेट समग्र आईडी रद्द की जा चुकी है. फिलहाल ये संख्या घटकर 3 लाख 2 हजार 778 रह गई है जिसे अब नगर प्रशासन समग्र आईडी को आधार से लिंक करने में जुटी हुई है. निगमायुक्त ने बताया कि प्रशासन अब डैमेज कंट्रोल में लगा है. लेकिन सवाल यही है इतने सालों तक इन फर्जी ID से कितने लोगों ने किस किस योजनाओं का लाभ लिया तो क्या उन पर कार्रवाई होगी.

कटनी नगर निगम कमिश्नर निलेश दुबे ने बताया कि कटनी जिले में अब तक 1 लाख 72 हजार से ज्यादा लोगों की ई-केवाईसी हो चुकी है. इसमें अब तक 70 हजार से अधिक फर्जी समग्र आईडी डिलीट करने की कार्रवाई हुई है. जानकारी के मुताबिक 2013 से 2015 के बीच भारी संख्या में समग्र आईडी बनाना पाया गया था. अब इनका सत्यापन चल रहा है. कई ऐसे लोग भी सामने आए हैं, जिन्हें अपनी पुरानी समग्र आईडी ही याद नहीं. ऐसे अनेकों कारणों के चलते ID बढ़ी है, लेकिन इसमें सुधार का काम जारी है.

Preeti George

Preeti George is lead content writer at hindi.news18.com having experience of more than 5 years in digital media. After completing her masters from Kushabhau Thakre Journalism university, she worked in various …और पढ़ें

Preeti George is lead content writer at hindi.news18.com having experience of more than 5 years in digital media. After completing her masters from Kushabhau Thakre Journalism university, she worked in various … और पढ़ें

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