राज्यमंत्री प्रतिमा बागरी ने कहा कि नाम बदलना अनुबंध की शर्तों और प्रशासनिक प्रक्रिया का उल्लंघन है।
सतना में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत 42 करोड़ रुपए की लागत से बने लेक नेक्टर का नाम बदलकर महामाया लेक व्यू रिसॉर्ट कर देने पर विवाद खड़ा हो गया है। नगरीय प्रशासन राज्यमंत्री प्रतिमा बागरी ने इस पर नाराजगी जताते हुए कलेक्टर को पत्र लिखा है। उन्होंने
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राज्यमंत्री ने पत्र में लिखा कि लेक नेक्टर का संचालन और रखरखाव 10 साल के लिए ठेके पर दिया गया था। लेकिन ठेकेदार ने बिना प्रशासकीय स्वीकृति के इसका नाम बदल दिया, जो अनुबंध की स्पष्ट शर्तों के खिलाफ है।
स्थानीय भावनाओं से जुड़ा मामला प्रतिमा बागरी ने कहा कि किसी भी सार्वजनिक स्थान या परियोजना का नाम बदलना केवल नियमित प्रक्रिया और जनप्रतिनिधियों की सहमति से ही किया जाना चाहिए। बिना जनसहमति के नाम बदलना स्थानीय संस्कृति और भावनाओं का अनादर है।
सार्वजनिक संपत्ति के निजीकरण का प्रयास राज्यमंत्री ने आशंका जताई कि यह कार्य पीपीपी मोड की आड़ में सार्वजनिक संपत्ति के निजीकरण का प्रयास हो सकता है। उन्होंने कहा कि इस तरह की कार्रवाई से जनता के पैसे का दुरुपयोग होता है और आम लोगों में भ्रम की स्थिति बनती है।
राज्यमंत्री ने जांच की मांग की प्रतिमा बागरी ने कलेक्टर से अनुरोध किया कि मामले की विस्तृत जांच कराई जाए और दोषी ठेकेदार पर अनुबंध के तहत कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि ऐसे निर्णय भविष्य में स्मार्ट सिटी जैसी परियोजनाओं की पारदर्शिता और विश्वसनीयता को प्रभावित कर सकते हैं।