रायसेन में भोपाल-विदिशा हाईवे 18 पर दुर्घटनाओं का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। बीते दो दिनों में बालमपुर घाटी से कुलहड़िया पेट्रोल पंप तक सात किलोमीटर के दायरे में चार दुर्घटनाएं हो चुकी हैं, जिनमें चार लोग मामूली और दो लोग गंभीर रूप से घायल ह
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शनिवार शाम को एक और बड़ी दुर्घटना होते-होते बची, जब भोपाल से विदिशा जा रहा डंपर (MP04HE5271) का बालमपुर घाटी उतरते समय ब्रेक फेल हो गया। तेज रफ्तार में घाटी उतर रहा डंपर एक ढाबे के सामने खड़े आम के पेड़ से टकरा गया। टक्कर इतनी जोरदार थी कि पेड़ की डाल टूटकर गिर गई और डंपर एक तरफ से पिचककर पीछे की बॉडी से चिपक गया।
डंपर में फंसा चालक, स्थानीय लोगों ने गेट ताेड़कर निकाला
डंपर चालक महेश अहिरवार (35), निवासी गुनगा मनी खेड़ी बेरसिया कोरबा, डंपर में फंस गया। स्थानीय लोगों और ढाबे के कर्मचारियों ने जेसीबी की मदद से डंपर का गेट तोड़कर चालक को निकाला। घायल चालक को एंबुलेंस से भोपाल के अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उसका इलाज जारी है।
पिछले 20 दिनों में बालमपुर घाटी पर यह तीसरी बड़ी दुर्घटना है। इन हादसों में दो लोगों की मौत हो चुकी है और दो गंभीर रूप से घायल हुए हैं। लगातार हो रही दुर्घटनाओं के कारण स्थानीय लोग इस मार्ग को ‘खूनी सड़क’ कहने लगे हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि इस सड़क को फोरलेन में तब्दील किया जाए, तभी हादसों में कमी आएगी। उनका मानना है कि यदि ऐसा नहीं किया गया तो आने वाले दिनों में दुर्घटनाओं की संख्या और बढ़ेगी।