रीवा में ससुर की मृत्यु के बाद ससुराल पहुंचे सीएम डॉक्टर मोहन यादव।
मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव रविवार को अपने एक दिवसीय प्रवास पर रीवा पहुंचे हैं। मुख्यमंत्री अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा नई दिल्ली से वायुयान से आए और सीधे ससुराल पहुंचे। CM मोहन यादव पत्नी सीमा यादव के साथ विदेश दौरे पर थे, जिस वजह से वे 16 जुलाई को
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CM ससुराल में लगभग 45 मिनट रुककर साले रामानंद और सदानंद से मुलाकात और शोक संवेदना व्यक्त करने के बाद रीवा एयरपोर्ट के लिए रवाना हुए।
उनके स्वर्गीय ससुर ब्रह्मानंद रीवा में लंबे समय तक शासकीय शिक्षक थे। अपने जीवन का सर्वाधिक समय 50 साल से अधिक उन्होंने रीवा में बिताए। इस वजह से पैतृक गांव सुल्तानपुर,यूपी होने के बाद भी उनकी आखिरी इच्छा थी कि अंतिम संस्कार रीवा में हो।
इसके पहले रविवार को जिले के प्रभारी मंत्री प्रहलाद पटेल भी रीवा पहुंचे। उन्होंने स्वर्गीय ब्रह्मानंद यादव के घर पहुंचकर शोक संवेदना और पुष्पांजलि अर्पित की।
सीएम पिछले दिनों पत्नी के साथ विदेश दौरे पर थे। तभी उनके ससुर की मृत्यु हुई।
विदेश दौरे पर थे सीएम सीएम डॉ. मोहन यादव सात दिन की दुबई और स्पेन यात्रा पर थे। सीएम के साथ पत्नी सीमा यादव भी विदेश दौरे पर थीं। जिस वक्त उनके ससुर के निधन की खबर आई, उस दौरान सीएम दुबई से स्पेन के लिए रवाना हो चुके थे। वे जरूरी बैठकों और दूरी के कारण रीवा नहीं पहुंच पाए थे।
उनकी जगह दोनों बेटे रीवा नाना के अंतिम संस्कार में पहुंचे थे और अंतिम संस्कार में शामिल हुए थे।
विद्यार्थी जीवन में ही संघ से जुड़े रिटायर्ड प्रिंसिपल ब्रह्मादीन यादव ने 98 साल की उम्र में मंगलवार रात को उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर में अपने आवास पर अंतिम सांस ली थी। 27 जून की रात उनका स्वास्थ्य बिगड़ गया था। उन्हें सांस और पेट से संबंधित बीमारी के बाद राजकीय मेडिकल कॉलेज के ICU वार्ड में एडमिट कराया गया था।
28 जून को उनकी बेटी और सीएम मोहन यादव की पत्नी सीमा यादव अपनी बेटी के साथ उन्हें देखने पहुंची थीं। फिर वे मध्यप्रदेश लौट आई थीं।

सीएम मोहन यादव ससुर की मृत्यु के बाद रीवा पहुंचे। सालों के साथ बैठे।
नौकरी करने रीवा आए थे ब्रह्मादीन यादव शुरुआत से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े थे। विद्यार्थी जीवन में उन्होंने कई आंदोलन किए। इसके बाद पुलिस की गिरफ्तारी से बचने के लिए घर से भागकर मुंबई चले गए। उनका असली नाम ब्रह्मानंद था, लेकिन गिरफ्तारी से बचने के लिए उन्होंने बाद में अपना नाम ब्रह्मादीन रख लिया।
उन्होंने मुंबई में पढ़ाई शुरू की। पढ़ाई पूरी करके फिर यूपी आ गए। इसके बाद नौकरी के लिए मध्यप्रदेश के रीवा पहुंचे। यहां एक राजकीय स्कूल में नौकरी मिल गई। 1987 में वो प्रिंसिपल के पद से रिटायर्ड हुए थे।
रिटायर होने के बाद ब्रह्मादीन यादव सुल्तानपुर में अपने बेटे विवेकानंद यादव के साथ रहते थे। विवेकानंद सरस्वती विद्या मंदिर में शारीरिक शिक्षक (पीजीटी) हैं। ब्रह्मादीन यादव के तीन बेटे और एक बेटी हैं। इकलौती बेटी सीमा की शादी 1994 में मोहन यादव से उज्जैन में हुई थी। मूल रूप से परिवार अंबेडकरनगर जिले की भीटी तहसील के कोडड़ा डड़वा गांव से है।
30 जून को हालत में सुधार के बाद अस्पताल से उन्हें घर ले जाया गया था। मंगलवार शाम को अचानक उनका स्वास्थ्य बिगड़ गया। जब तक परिजन उन्हें लेकर हॉस्पिटल पहुंचते, उनकी सांसें थम गईं। साल 2023 में ब्रह्मादीन यादव की पत्नी का निधन हुआ था।
विद्यार्थी परिषद के कार्यक्रम में हुई थी मुलाकात उनकी बेटी सीमा यादव ने रीवा से 1989 में भूगोल से एमए किया है। वे शुरू से संघ से जुड़ी रहीं। 1984 से मोहन यादव के संपर्क में आईं। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के एक कार्यक्रम के दौरान मोहन यादव से मुलाकात हुई थी। मोहन उस समय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय मंत्री थे। इसी साल उज्जैन में परिवार वालों की सहमति के बाद दोनों की शादी करा दी गई।
ब्रह्मादीन के बड़े बेटे रामानंद यादव इंडियन एयरफोर्स से रिटायर होकर जबलपुर में फैमिली के साथ शिफ्ट हैं। उसके बाद के सदानंद यादव रीवा में विद्या भारती में जॉब कर रहे हैं।