साहब! ये राशन तो जानवर भी नहीं खा सकते… कलेक्टर के पास पहुंचा बुजुर्ग, थैली के अंदर देख अफसर भी चौंके

साहब! ये राशन तो जानवर भी नहीं खा सकते… कलेक्टर के पास पहुंचा बुजुर्ग, थैली के अंदर देख अफसर भी चौंके


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MP Ration Scam: ग्वालियर में जनसुनवाई के दौरान बुजुर्ग बाबूलाल जाटव ने खराब राशन को लेकर कलेक्टर से की शिकायत. गेहूं में निकले कंकड़-पत्थर और मिट्टी. अधिकारी ने दिए जांच के आदेश, दोषी पाए जाने पर होगी सख्त कार्…और पढ़ें

जानवर भी न खाएंगे ये राशन

हाइलाइट्स

  • बाबूलाल जाटव ने खराब राशन की शिकायत की.
  • गेहूं में कंकड़, धूल और मिट्टी पाए गए.
  • अधिकारियों ने जांच के आदेश दिए.

सुशील कौषिक/ ग्वालियर:साहब! ये राशन तो जानवर भी नहीं खा सकते, मैं और मेरा परिवार इसे कैसे खाएंगे?” ये शब्द उस बुजुर्ग के थे जो कांपते हाथों में गंदे गेहूं की पॉलिथीन लेकर ग्वालियर कलेक्टर की जनसुनवाई में पहुंचा. नाम है बाबूलाल जाटव, जो मुरार इलाके में रहते हैं और सरकारी राशन के हकदार हैं.

राशन में गेहूं से ज्यादा था कंकड़ और मिट्टी

बाबूलाल को सरकारी दुकान से जो गेहूं मिला, उसमें दाने कम और कंकड़, धूल और मिट्टी ज्यादा थी. राशन इतना खराब था कि उसे देखकर खुद अधिकारियों के होश उड़ गए. बाबूलाल ने बताया, “राशन क्या मिला है साहब, ये तो जानवर भी न खाएं.”

वे अल्पना टॉकीज के पास स्थित दुकान क्रमांक 271 (बुद्ध प्राथमिक सहकारी उपभोक्ता भंडार) से राशन लेते हैं. उन्हें जो गेहूं दिया गया, वह मानक स्तर से बेहद खराब था.

कलेक्टर कार्यालय में दिखाई कालाबाजारी की हकीकत

बाबूलाल जब शिकायत लेकर ग्वालियर कलेक्ट्रेट पहुंचे तो उन्होंने हाथ में पॉलिथीन खोलकर खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रक अधिकारी विपिन श्रीवास्तव को वह गेहूं दिखाया. जिसे देख अधिकारी भी चौंक गए. तत्काल जोनल फूड अधिकारी को मौके पर जांच के आदेश दिए गए.

अधिकारी बोले: “अगर जानबूझकर दिया गया है खराब राशन, तो होगी सख्त कार्रवाई”

विपिन श्रीवास्तव ने कहा कि कई बार वितरण के अंत में बचे हुए गेहूं में कंकड़-मिट्टी आ जाते हैं. लेकिन इस तरह का राशन बांटना नियमों के खिलाफ है. अगर जांच में यह पाया गया कि दुकानदार ने जानबूझकर ऐसा किया, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

बुजुर्ग की हालत देख भावुक हुए लोग

बाबूलाल की हालत देखकर कलेक्ट्रेट में मौजूद लोग भी भावुक हो गए. कांपते हाथों में गेहूं की थैली और आंखों में अपमान का दर्द लिए बुजुर्ग की शिकायत ने सरकारी सिस्टम की सच्चाई उजागर कर दी.

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साहब! ये राशन तो जानवर भी नहीं खा सकते…बुजुर्ग की बातें सुन कलेक्टर भी चौंके



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