पवित्र नदियों में स्नान कर दान-पुण्य करने का विशेष महत्व है. इससे पितृ भी प्रसन्न होते हैं. इस दिन तर्पण और पिंडदान करने से पूर्वजों को मोक्ष की प्राप्ति होती है. अगर कोई व्यक्ति किसी कारणवश यह कर्म न कर पाए, तो कुछ विशेष उपायों के माध्यम से भी पितरों का आशीर्वाद पाया जा सकता है. आइए जानते हैं उज्जैन के पंडित आनंद भारद्वाज किन उपायों के बारे में शास्त्रों में बताया गया है.
हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल हरियाली अमावस्या की तिथि का प्रारंभ 24 जुलाई 2025 को रात 2 बजकर 28 मिनट पर होगा और इस तिथि का समापन 25 जुलाई 2025 को दोपहर 12 बजकर 40 मिनट पर होगा. ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, इस साल हरियाली अमावस्या का पर्व 24 जुलाई को मनाया जाएगा.
क्यों लगाना चाहिए हरियाली अमावस्या पर पेड़?
हरियाली अमावस्या का त्योहार पर्यावरण से जुड़ा होता है. यह त्योहार प्रकृति की पूजा, पर्यावरण संरक्षण का संकल्प और प्रकृति को कुछ देने का होता है, इसलिए इस दिन घर, मंदिर, नदी के तट, तीर्थस्थल, धर्मशाला आदि स्थानों पर पेड़ लगाने और पौधों का दान करने से पुण्य फल मिलता है. कहा जाता है कि जैसे-जैसे पौधा बड़ा होता है, वैसे ही दानकर्ता को शुभ फल मिलता है.
हरियाली अमावस्या पर पीपल पेड़ की पूजा करना बहुत शुभ माना जाता है. इससे साधक को पितरों का आशीर्वाद मिलता है. आप पितृ दोष से राहत पाने के लिए हरियाली अमावस्या के दिन मंदिर या किसी सार्वजनिक स्थान पर पीपल का पौधा लगा सकते हैं. इससे पितर प्रसन्न होते हैं और साधक को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं. कहा जाता है कि सात जन्मों तक पितरों की कृपा बनी रहती है.
– हरियाली अमावस्या के दिन जो लोग आर्थिक तंगी से परेशान हैं, उन्हें इस दिन तुलसी, आंवला, केला, बेल का वृक्ष लगाना चाहिए. मान्यता है कि ऐसा करने से धन की देवी मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और शुभ दृष्टि बनाती हैं.
– कड़ी मेहनत के बाद भी अगर सफलता हासिल नहीं हो रही हो, तो हरियाली अमावस्या के दिन नीम, कदंब, छायादार वृक्ष लगाना अत्यंत शुभ होता है.
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