गुरुवार को विदिशा में एक कार बह गई। गर्भवती को रस्सी के सहारे पुलिया पार कराई। कई जिलों में बारिश हुई।
मध्यप्रदेश में जुलाई के आखिरी हफ्ते में बारिश का स्ट्रॉन्ग सिस्टम एक्टिव हो गया है। इससे कई जिलों में बारिश हो रही हैं। शुक्रवार को 19 जिलों में अति भारी औ 18 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट है।
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इससे पहले गुरुवार को अशोकनगर, विदिशा, शिवपुरी समेत कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात रहे। शिवपुरी में दो बच्चियां और एक महिला बह गई। इसमें महिला की मौत हो गई।
अशोकनगर के मुंगावली में नाले में एक ढाई साल का बच्चा बह गया। उसका कुछ पता नहीं चल सका। इधर, विदिशा में एक गर्भवती को रस्सी के सहारे पुलिया पार कराकर अस्पताल पहुंचाया गया।
गुरुवार को रायसेन में 2.3 इंच पानी गिरा। सिवनी में 1.6 इंच, पचमढ़ी में डेढ़ इंच, भोपाल में सवा इंच बारिश हुई। वहीं, दतिया, शिवपुरी और सागर में आधा इंच पानी गिरा। बैतूल, दतिया, नर्मदापुरम, उज्जैन, छिंदवाड़ा, जबलपुर, खजुराहो, मंडला, नरसिंहपुर, टीकमगढ़, उमरिया, विदिशा, बालाघाट समेत कई जिलों में बारिश हुई।
अशोकनगर में घरों में भराया पानी
- गुरुवार को अशोकनगर के मुंगावली में 4 घंटे तेज बारिश हुई। इससे वहां नदी-नाले उफान पर आ गए। कई घरों में तीन से चार फीट तक पानी भर गया। गलियों में भी पानी का बहाव तेज था।
- विदिशा के सिरोंज में एक कार पुलिया से बह गई। ग्रामीणों ने ट्रैक्टर-रस्सी के सहारे बाहर निकाला। विदिशा जिले में ग्यारसपुर के पास मनोरा पुलिया के ऊपर से पानी बह रहा था। यहां एक गर्भवती फंस गई। पुलिस और होमगार्ड जवानों ने रस्सी के सहारे उसे पुलिया पार कर अस्पताल पहुंचाया।
- शिवपुरी जिले के पिछोर थाना क्षेत्र में काली पहाड़ी गांव से पैदल निकले एक ही परिवार के 15 सदस्यों में से तीन लोग उफनते नाले में बह गए। इनमें एक महिला की मौत हो गई। वहीं, दो बच्चियों को परिजन ने बचा लिया। ये परिवार रतनगढ़ वाली माता मंदिर की पदयात्रा पर निकला था।
- शिवपुरी में अटल सागर बांध मडीखेड़ा के दो गेट खोले गए। रायसेन में बारना बांध के 4 गेट एक-एक मीटर खोलकर दस हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया।
चार सिस्टम का असर, प्रदेश में बारिश का दौर सीनियर मौसम वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन ने बताया कि प्रदेश में दो ट्रफ और एक दो साइक्लोनिक सर्कुलेशन की एक्टिविटी है। इनमें से एक मानसून ट्रफ लाइन उत्तरी हिस्से से गुजर रही है। इससे प्रदेश में तेज बारिश का दौर है। अगले चार दिन तक अति भारी बारिश का कहीं रेड, ऑरेंज तो कहीं भारी बारिश का यलो अलर्ट है।
गुरुवार को बारिश की तस्वीरें…

विदिशा में एक गर्भवती को रस्सी के सहारे पुलिया पार कराकर अस्पताल भिजवाया गया।

मुंगावली में तेज बारिश के बाद घरों में पानी घुस गया। गृहस्थी का सामान बह गया।

सिवनी मालवा के डोलरिया में एक कार नदी में बह गई। ड्राइवर ने कूदकर जान बचाई।

रायसेन में तेज बारिश से नदियां उफान पर है। कई जगह रास्तों पर आवाजाही बंद है।

शिवपुरी में मडीखेड़ा डैम के दो गेट खोलकर 346 क्यूमेक पानी छोड़ा गया।
आज इन जिलों में तेज बारिश का अलर्ट मौसम विभाग के अनुसार, शुक्रवार को जबलपुर, रायसेन, नर्मदापुरम, नरसिंहपुर, दमोह, बालाघाट, मंडला, डिंडौरी, अनूपपुर, उमरिया, शहडोल, कटनी, पन्ना, सतना, मैहर, रीवा, मऊगंज, सीधी और सिंगरौली में अति भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट है। यहां अगले 24 घंटे में साढ़े 8 इंच तक पानी गिर सकता है।
वहीं, ग्वालियर, दतिया, टीकमगढ़, निवाड़ी, छतरपुर, सागर, शिवपुरी, अशोकनगर, विदिशा, सागर, सीहोर, देवास, हरदा, खंडवा, बुरहानपुर, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा और सिवनी में भारी बारिश हो सकती है।
अगले 2 दिन ऐसा रहेगा मौसम


इस बार 7 इंच बारिश ज्यादा बता दें कि प्रदेश में इस मानसूनी सीजन में औसत 21.8 इंच बारिश हो चुकी है, जबकि अब तक 14.6 इंच बारिश होनी थी। इस हिसाब से 7.2 इंच बारिश ज्यादा हो चुकी है, जो 49% अधिक है। 3 जिले- निवाड़ी, टीकमगढ़ और श्योपुर में तो कोटा पूरा हो चुका है।
इन जिलों में सामान्य से 25% तक ज्यादा पानी गिर चुका है। ग्वालियर समेत 5 जिलों भी बेहतर स्थिति में है। यहां 80 से 95% तक बारिश हो चुकी है। दूसरी ओर, इंदौर और उज्जैन संभाग सबसे पीछे है। इंदौर, उज्जैन, शाजापुर, बुरहानपुर और आगर-मालवा में 10 इंच से भी कम पानी गिरा है।
एमपी में अब तक इतनी बारिश



10 साल में बारिश का ट्रेंड, पहले भोपाल के बारे में जानिए भोपाल में जुलाई में खूब बारिश होती है। यहां एक ही महीने में 1031.4 मिमी यानी 41 इंच के करीब बारिश होने का रिकॉर्ड है। यह साल 1986 में हुई थी। 22 जुलाई 1973 को एक ही दिन में 11 इंच बारिश हुई थी, जो अब तक का रिकॉर्ड है। साल 2024 में पूरे जुलाई महीने में 15.70 इंच बारिश हुई थी।
भोपाल में जुलाई महीने में एवरेज 15 दिन बारिश होती है यानी हर दूसरे दिन पानी बरसता है। महीने की एवरेज बारिश 367.7 मिमी यानी 14.4 इंच है। बारिश के चलते दिन का तापमान 30 और रात में पारा 25 डिग्री सेल्सियस से कम रहता है।

इंदौर में इस बार 40% ज्यादा बारिश इंदौर की बात करें तो 24 घंटे में 11.5 इंच बारिश होने का रिकॉर्ड है, जो 27 जुलाई 1913 को हुई थी। वर्ष 1973 में पूरे महीने 30.5 इंच पानी गिरा था। बारिश के चलते यहां भी तापमान में गिरावट देखने को मिलती है। इंदौर में महीने की एवरेज बारिश 12 इंच है। एवरेज 13 दिन यहां बारिश होती है। पिछले साल इंदौर में पूरे महीने 8.77 इंच बारिश हुई थी।

जबलपुर में जुलाई में गिर चुका 45 इंच पानी चारों बड़े शहरों में जबलपुर ऐसा है, जहां सबसे ज्यादा बारिश होती है। वर्ष 1930 में यहां करीब 45 इंच पानी बरसा था जबकि 30 जुलाई 1915 को 24 घंटे की सर्वाधिक 13.5 इंच बारिश हुई थी। 2013 और 2016 में सबसे ज्यादा बारिश दर्ज की गई थी।
जबलपुर में जुलाई की सामान्य बारिश 17 इंच है। महीने में 15 से 16 दिन पानी बरसता है।

ग्वालियर में कम बारिश का ट्रेंड भोपाल, इंदौर और जबलपुर की तुलना में ग्वालियर में जुलाई के महीने में सबसे कम बारिश होती है। पिछले 10 साल में 6 बार ऐसा हुआ, जब 8 इंच से कम पानी गिरा हो जबकि यहां की एवरेज बारिश 9 इंच के करीब है।
ग्वालियर में वर्ष 1935 में महीने की सबसे ज्यादा बारिश हुई थी। तब 623.3 मिमी यानी 24.5 इंच बारिश दर्ज की गई थी। इस बार बारिश के अच्छे संकेत हैं। मानसून की दस्तक के साथ यहां तेज बारिश का दौर जारी है। 24 घंटे में सबसे ज्यादा बारिश की बात करें तो 12 जुलाई 2015 को 190.6 मिमी यानी साढ़े 7 इंच पानी बरसा था। ग्वालियर में जुलाई के महीने में एवरेज 11 दिन बारिश होती है।

उज्जैन में 36 इंच बारिश का रिकॉर्ड उज्जैन में पूरे जुलाई महीने में 36 इंच बारिश का ओवरऑल रिकॉर्ड है। इतनी बारिश साल 2015 में हुई थी। 2023 में 21 इंच से ज्यादा पानी गिर गया था। 24 घंटे में सबसे ज्यादा बारिश 19 जुलाई 2015 को 12.55 इंच हुई थी। उज्जैन में जुलाई की औसत बारिश 13 इंच है। महीने में 12 दिन पानी बरसता है।

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