MP के 41 जिलों में तेज बारिश की चेतावनी: 5 में रेड, 21 में ऑरेंज और 14 में यलो अलर्ट; सिंगरौली में स्कूलों की छुट्‌टी – Bhopal News

MP के 41 जिलों में तेज बारिश की चेतावनी:  5 में रेड, 21 में ऑरेंज और 14 में यलो अलर्ट; सिंगरौली में स्कूलों की छुट्‌टी – Bhopal News


साइक्लोनिक सकुर्लेशन (चक्रवात), ट्रफ और डिप्रेशन की वजह से मध्यप्रदेश में बारिश का स्ट्रॉन्ग सिस्टम एक्टिव है। शुक्रवार को उत्तरी हिस्से में जमकर बारिश हुई। ग्वालियर में इतना पानी गिरा कि जलभराव के हालात बन गए। विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर के स

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शुक्रवार को प्रदेश के 30 से अधिक जिलों में बारिश का दौर रहा। सीधी में 9 घंटे में गिरा 4.8 इंच पानी गिर गया। वहीं, सिंगरौली में 7 इंच बारिश दर्ज की गई। इसके चलते सिंगरौली के स्कूलों में शनिवार को छुट्‌टी रहेगी। डीईओ ने यह आदेश जारी किए हैं।

इसी तरह पचमढ़ी में डेढ़ इंच, उमरिया, मलाजखंड, छिंदवाड़ा और गुना पौन इंच, सागर, ग्वालियर और नर्मदापुरम में आधा इंच बारिश हुई। भोपाल, बैतूल, दतिया, रायसेन, शिवपुरी, उज्जैन, दमोह, जबलपुर, मंडला, नरसिंहपुर, सिवनी, डिंडौरी, सिंगरौली, सतना, अनूपपुर, मऊगंज, मुरैना, अशोकनगर, सीहोर, देवास, राजगढ़, शाजापुर समेत कई जिलों में बारिश का दौर बना रहा।

बाारिश के चलते जबलपुर में बरगी डैम के 7 गेट खोले गए। बैतूल के सारणी में सतपुड़ा डैम के भी 7 गेट खोलकर पानी छोड़ा गया। मुरैना जिले में पगारा डैम का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर 655.88 फीट तक पहुंच गया। इसके सभी 6 ऑटोमैटिक गेट खुल गए।

6 जिलों में 24 घंटे में गिर सकता है 8 इंच से ज्यादा पानी मौसम विभाग ने शनिवार को कुल 41 जिलों में तेज बारिश होने का अलर्ट जारी किया है। इनमें से 5 में रेड, 21 में ऑरेंज और 14 में यलो अलर्ट है। रायसेन, सागर, दमोह, पन्ना, सतना और रीवा में अति भारी बारिश का रेड अलर्ट है। यहां अगले 24 घंटे में 8 इंच से ज्यादा पानी गिर सकता है।

अति भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट वाले जिले गुना, अशोकनगर, विदिशा, सीहोर, नर्मदापुरम, बैतूल, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, जबलपुर, सिवनी, बालाघाट, मंडला, डिंडौरी, अनूपपुर, उमरिया, कटनी, मैहर, मऊगंज, सीधी और सिंगरौली है। वहीं, भोपाल, ग्वालियर, श्योपुर, शिवपुरी, दतिया, निवाड़ी, टीकमगढ़, राजगढ़, शाजापुर, इंदौर, उज्जैन, देवास, खंडवा और हरदा में भारी बारिश का यलो अलर्ट है।

शुक्रवार को बारिश की तस्वीरें…

ग्वालियर स्थित विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर के बंगले में पानी भर गया।

ग्वालियर स्थित विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर के बंगले में पानी भर गया।

ग्वालियर में एक मकान भी ढह गया।

ग्वालियर में एक मकान भी ढह गया।

इस वजह से स्ट्रॉन्ग सिस्टम एक्टिव सीनियर मौसम वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन ने बताया कि तीन ट्रफ, दो साइक्लोनिक सकुर्लेशन और एक डिप्रेशन की वजह से प्रदेश में स्ट्रॉन्ग सिस्टम एक्टिव है। जिससे कहीं अति भारी तो कहीं भारी बारिश का दौर है। यह दौर अगले चार दिन तक बना रहेगा।

एमपी में इतनी बारिश…

इस बार 7.4 इंच बारिश ज्यादा बता दें कि प्रदेश में इस मानसूनी सीजन में औसत 22.5 इंच बारिश हो चुकी है, जबकि अब तक 15.1 इंच बारिश होनी थी। इस हिसाब से 7.4 इंच बारिश ज्यादा हो चुकी है, जो 49% अधिक है। निवाड़ी, टीकमगढ़ और श्योपुर में तो कोटा पूरा हो चुका है। इन जिलों में सामान्य से 25% तक ज्यादा पानी गिर चुका है। ग्वालियर समेत 5 जिलों भी बेहतर स्थिति में है। दूसरी ओर, इंदौर और उज्जैन संभाग सबसे पीछे है। इंदौर, उज्जैन, शाजापुर, बुरहानपुर और आगर-मालवा में 10 इंच से भी कम पानी गिरा है।

अगले 2 दिन इन जिलों में बारिश का अलर्ट

भोपाल में बारिश का 10 साल का ट्रेंड भोपाल में जुलाई में खूब बारिश होती है। यहां एक ही महीने में 1031.4 मिमी यानी 41 इंच के करीब बारिश होने का रिकॉर्ड है। यह साल 1986 में हुई थी। 22 जुलाई 1973 को एक ही दिन में 11 इंच बारिश हुई थी, जो अब तक का रिकॉर्ड है। साल 2024 में पूरे जुलाई महीने में 15.70 इंच बारिश हुई थी।

भोपाल में जुलाई महीने में एवरेज 15 दिन बारिश होती है यानी हर दूसरे दिन पानी बरसता है। महीने की एवरेज बारिश 367.7 मिमी यानी 14.4 इंच है। बारिश के चलते दिन का तापमान 30 और रात में पारा 25 डिग्री सेल्सियस से कम रहता है।

इंदौर में इस बार 40% ज्यादा बारिश इंदौर की बात करें तो 24 घंटे में 11.5 इंच बारिश होने का रिकॉर्ड है, जो 27 जुलाई 1913 को हुई थी। वर्ष 1973 में पूरे महीने 30.5 इंच पानी गिरा था। बारिश के चलते यहां भी तापमान में गिरावट देखने को मिलती है।

इंदौर में महीने की एवरेज बारिश 12 इंच है। एवरेज 13 दिन यहां बारिश होती है। पिछले साल इंदौर में पूरे महीने 8.77 इंच बारिश हुई थी।

जबलपुर में जुलाई में गिर चुका 45 इंच पानी बड़े शहरों में जबलपुर ऐसा है, जहां सबसे ज्यादा बारिश होती है। वर्ष 1930 में यहां करीब 45 इंच पानी बरसा था जबकि 30 जुलाई 1915 को 24 घंटे की सर्वाधिक 13.5 इंच बारिश हुई थी। 2013 और 2016 में सबसे ज्यादा बारिश दर्ज की गई थी।

जबलपुर में जुलाई की सामान्य बारिश 17 इंच है। महीने में 15 से 16 दिन पानी बरसता है।

ग्वालियर में कम बारिश का ट्रेंड भोपाल, इंदौर और जबलपुर की तुलना में ग्वालियर में जुलाई के महीने में सबसे कम बारिश होती है। पिछले 10 साल में 6 बार ऐसा हुआ, जब 8 इंच से कम पानी गिरा हो जबकि यहां की एवरेज बारिश 9 इंच के करीब है।

ग्वालियर में वर्ष 1935 में महीने की सबसे ज्यादा बारिश हुई थी। तब 623.3 मिमी यानी 24.5 इंच बारिश दर्ज की गई थी। 24 घंटे में सबसे ज्यादा बारिश की बात करें तो 12 जुलाई 2015 को 190.6 मिमी यानी साढ़े 7 इंच पानी बरसा था। ग्वालियर में जुलाई के महीने में एवरेज 11 दिन बारिश होती है।

उज्जैन में 36 इंच बारिश का रिकॉर्ड उज्जैन में पूरे जुलाई महीने में 36 इंच बारिश का ओवरऑल रिकॉर्ड है। इतनी बारिश साल 2015 में हुई थी। 2023 में 21 इंच से ज्यादा पानी गिर गया था। 24 घंटे में सबसे ज्यादा बारिश 19 जुलाई 2015 को 12.55 इंच हुई थी।

उज्जैन में जुलाई की औसत बारिश 13 इंच है। महीने में 12 दिन पानी बरसता है।



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