डॉक्टर गोविंद सिंह ग्वालियर चंबल से कांग्रेस पार्टी का बड़ा चेहरा हैं. (फाइल फोटो)
सिंधिया (Scindia) के दलबदल के बाद कमज़ोर पड़ी कांग्रेस (Congress) में ये नेता बयानबाज़ी कर नये विवाद खड़े कर रहे हैं.
पूर्व खनिज मंत्री प्रदीप जायसवाल ने कहा गोविंद सिंह ग्वालियर चंबल में सबसे बड़े डाकू हैं. जायसवाल तो गोविद सिंह को मलखान सिंह से भी बड़ा डाकू बता गए. उन्होंने गोविंद सिंह को भूमाफिया बताते हुए ग्वालियर चंबल का डकैत बताया. प्रदीप जायसवाल ने कहा भिंड ग्वालियर में अवैध खनन में हिस्सेदारी के लिए गोविंद सिंह दबाव की राजनीति करते रहे हैं. कांग्रेस सरकार में मंत्री रहते हुए उन्होंने विभाग को भ्रष्टाचार का अड्डा बना दिया था और जमकर कमीशन खोरी की थी. प्रदीप जायसवाल ने यह भी आरोप लगाया कि गोविंद सिंह के कारण ही पिछली सरकार में खनिज नीति को मंजूरी नहीं मिल पायी थी. यदि उस समय खनिज नीति को मंजूरी मिलती, तो प्रदेश को चार से 500 करोड़ रुपए का अतिरिक्त राजस्व हासिल होता.लेकिन उस समय मंत्री रहे डॉक्टर गोविंद सिंह ने खरीद नीति पर आपत्ति जताते हुए उसे अमल में लाने से रोक दिया.
राजनीति छोड़ व्यापार करें प्रदीप जायसवाल-गोविंद सिंह
प्रदीप जायसवाल के आरोपों पर डॉ. गोविंद सिंह ने भी जवाबी हमला बोला. उन्होंने कहा, प्रदीप जायसवाल ने कांग्रेस को धोखा दिया है. निर्दलीय विधायक होने के बाद भी कांग्रेस सरकार में खनिज विभाग जैसी अहम जिम्मेदारी दी गई. बावजूद इसके जायसवाल ने जनसेवा की जगह सौदेबाजी को महत्व दिया. डॉ गोविंद सिंह ने उन्हें सलाह दी है कि वह राजनीति छोड़ कर पैसा कमाने के लिए व्यापार करें. राजनीति जनसेवा का माध्यम है. प्रदीप जायसवाल पैसा कमाने के लिए राजनीति में आए हैं. ऐसे में उनकी व्यक्तिगत छवि का अंदाज लगाया जा सकता है.
दिग्गज नेताओं का विवाद सुर्खियों में
दरअसल प्रदेश की सियासत में इन दिनों एक दूसरे पर कीचड़ उछाल कर खुद का दामन साफ बताने का खेल चल रहा है. अब कांग्रेस सरकार में महत्वपूर्ण पदों पर रहे दो सीनियर नेताओं के बीच का विवाद सुर्खियों में आ गया है.